लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा है कि 'उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं. भाजपा सरकार में अस्पतालों में भारी अराजकता है. इलाज और दवा के बगैर मरीज इधर-उधर भटकते रहते हैं. जनता संकट में है, भाजपा सरकार संवेदनहीन है. जब राजधानी लखनऊ में रोज दर्जनों डेंगू और बुखार के मरीज मिल रहे हैं तो अन्य जनपदों के हालात का अंदाजा ही लगाया जा सकता है.'
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'बरसात और जलभराव से मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है. लगभग 3500 से ज्यादा डेंगू मरीज मिल चुके हैं. टाइफाइड बुखार के मरीज भी बढ़ रहे हैं. बच्चों को खांसी-बुखार, उल्टी दस्त आदि हो रहा है. अस्पतालों में इन सभी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था न होने से लोगों की मौतें हो रही हैं. अस्पतालों में इन बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए न तो डॉक्टर हैं और न ही जांच और दवाएं हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि डेंगू से बचाव में लार्वा नष्ट करने के लिए छिड़काव की व्यवस्था पर अभी भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा स्थानीय अधिकारियों का ध्यान नहीं गया है. नगर निगम और नगर पंचायतों की ओर से साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. भाजपा सरकार की गलत नीतियों और भ्रष्टाचार के कारण अधिकारियों और कर्मचारियों की अकर्मण्यता साफ दिखाई दे रही है.'
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 'भाजपा सरकार में किसी को जनता की तकलीफों से कोई लेना देना नहीं है. मुख्यमंत्री बयानबाजी करके जगह-जगह अफसरों को बस धमकाने का काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री दूसरे प्रदेशों में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. उत्तर प्रदेश की जनता त्रस्त है. भाजपा सरकार ने जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है. जनता भी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को वैसे ही छोड़ देगी.'