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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अखिलेश यादव बना रहे नई रणनीति, उपचुनाव के प्रचार की संभाली कमान

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है, वहीं घोसी उपचुनाव को लेकर भाजपा व समाजवादी पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 30, 2023, 2:23 PM IST

वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी खास रिपोर्ट

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी नई छवि बनाने में जुट गए हैं. अभी तक अखिलेश यादव उपचुनाव में प्रचार करने के लिए नहीं जाते रहे हैं और इससे उन्हें झटके भी लगे और रामपुर आजमगढ़ सहित कई उपचुनाव में हार का सामना समाजवादी पार्टी को करना पड़ा. जब चुनाव में हार मिली तो पार्टी स्तर पर भी तमाम तरह की बातें सुनने को मिल रही थीं कि जब राजनीति करनी है तो चुनाव कोई भी हो प्रचार के लिए जाना ही चाहिए. अब जब घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है तो अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है. समाजवादी पार्टी अब नई रणनीति के साथ भाजपा से मोर्चा लेते हुए नजर आएगी.

उपचुनाव के प्रचार की संभाली कमान
उपचुनाव के प्रचार की संभाली कमान


दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में होने वाली घोसी सीट पर उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण हो गया है. विपक्षी दलों के लिए जहां इस सीट पर जीत तमाम बड़े सियासी संदेश देने वाले होंगे तो उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी भी अपनी जीत दर्ज करने को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. उत्तर प्रदेश में हाल के कुछ समय में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज करने का काम किया था. रामपुर लोकसभा सीट, आजमगढ़ लोकसभा सीट व रामपुर विधानसभा सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत दर्ज की थी और इन सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव जीतने में असफल थी, इन्हीं सीटों पर उपचुनाव में भी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रचार से पूरी तरह से दूर थे, जिसको लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हुए थे. अब अखिलेश यादव पूरी तरह से 2024 के चुनाव से पहले सक्रिय हो गए हैं और उपचुनाव के प्रचार में भी जाकर अपने उम्मीदवार को जिताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. विपक्ष की तरफ से सिर्फ समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. कांग्रेस पार्टी ने भी इंडिया गठबंधन के अंतर्गत सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह को समर्थन दिया है. अखिलेश यादव के साथ उपचुनाव के प्रचार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी जुट गए हैं.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव (फाइल फोटो)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव (फाइल फोटो)


इसके अलावा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव भी घोसी में डेरा डाल चुके हैं. वह अपनी पूरी टीम के साथ घोसी में सुधाकर सिंह के पक्ष में माहौल बनाने का काम कर रहे हैं. जाति समीकरण को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश में शिवपाल सिंह यादव जुटे हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी भी इस चुनाव में जीत दर्ज कर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा सियासी संदेश देना चाहती है कि भले अभी तक घोसी सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा हो, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर जीत कर जनता का बड़ा समर्थन हासिल करने की कोशिश में है. हालांकि मऊ की इस घोषित सीट पर जाति समीकरण भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ नजर आते हैं. इस सीट पर अल्पसंख्यक, पिछड़े, दलित, अति पिछड़े समाज का अच्छा वोट बैंक है. अल्पसंख्यकों का वोट बैंक राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की जीत हार का फैसला करता रहा है. इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर दारा सिंह चौहान ने जीत दर्ज की थी, लेकिन अब दारा सिंह चौहान समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में अल्पसंख्यक समाज से जुड़े मुस्लिम वोट बैंक किस तरफ जाएगा, यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है.

अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)


भारतीय जनता पार्टी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक घोसी में लगातार जनसंपर्क और चुनाव कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं, जिससे वहां का माहौल अपने पक्ष में करने में सफलता हासिल की जा सके. इसके अलावा योगी सरकार के भी करीब एक दर्जन मंत्री घोसी में डेरा डाले हुए हैं. खास बात यह भी है कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमुख, राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव सहित समाजवादी पार्टी के भी एक दर्जन से अधिक बड़े नेता घोसी में डेरा डाल चुके हैं. पिछले करीब 10 दिन से तमाम बड़े नेता इसमें रहकर इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए माहौल बना रहे हैं. घोसी सीट समाजवादी पार्टी के अंतर्गत बने इंडिया महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है, इसलिए समाजवादी पार्टी से जुड़े सभी नेता क्षेत्र में डटे हुए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इस सीट पर जीत दर्ज कर इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की जा रही है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का भी समर्थन मिल चुका है. सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता भी घोसी में पहुंचकर चुनाव माहौल अपने पक्ष में करने के लिए माहौल बना रहे हैं. इंडिया गठबंधन के अंतर्गत आने वाले सभी दलों ने सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जीत का आह्वान किया है.

घोसी से प्रत्याशी सुधाकर सिंह
घोसी से प्रत्याशी सुधाकर सिंह


समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि 'समाजवादी पार्टी ने घोसी सीट जीतने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है और चुनाव जीतने के लिए नई रणनीति और रूपरेखा तैयार की है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं. उपचुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी घोसी सीट जीतकर बड़ा सियासी संदेश देने का काम करेगी. पिछड़ों का उपयोग करने और उनके हित मे कोई काम नहीं करने वाली भाजपा को घोसी की जनता सबक सिखाएगी. जातीय जनगणना न कराने वाली भाजपा को इस बार जनता मुहतोड़ जवाब देगी और समाजवादी पार्टी घोसी उपचुनाव जीतने का काम करेगी.'

यह भी पढ़ें : योगी सरकार का कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बताएगा कहां क्लियर है ट्रैफिक, कहां लगा है जाम, जानिए कैसे करेगा काम

वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी खास रिपोर्ट

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी नई छवि बनाने में जुट गए हैं. अभी तक अखिलेश यादव उपचुनाव में प्रचार करने के लिए नहीं जाते रहे हैं और इससे उन्हें झटके भी लगे और रामपुर आजमगढ़ सहित कई उपचुनाव में हार का सामना समाजवादी पार्टी को करना पड़ा. जब चुनाव में हार मिली तो पार्टी स्तर पर भी तमाम तरह की बातें सुनने को मिल रही थीं कि जब राजनीति करनी है तो चुनाव कोई भी हो प्रचार के लिए जाना ही चाहिए. अब जब घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है तो अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है. समाजवादी पार्टी अब नई रणनीति के साथ भाजपा से मोर्चा लेते हुए नजर आएगी.

उपचुनाव के प्रचार की संभाली कमान
उपचुनाव के प्रचार की संभाली कमान


दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में होने वाली घोसी सीट पर उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण हो गया है. विपक्षी दलों के लिए जहां इस सीट पर जीत तमाम बड़े सियासी संदेश देने वाले होंगे तो उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी भी अपनी जीत दर्ज करने को लेकर कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. उत्तर प्रदेश में हाल के कुछ समय में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज करने का काम किया था. रामपुर लोकसभा सीट, आजमगढ़ लोकसभा सीट व रामपुर विधानसभा सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत दर्ज की थी और इन सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव जीतने में असफल थी, इन्हीं सीटों पर उपचुनाव में भी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रचार से पूरी तरह से दूर थे, जिसको लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हुए थे. अब अखिलेश यादव पूरी तरह से 2024 के चुनाव से पहले सक्रिय हो गए हैं और उपचुनाव के प्रचार में भी जाकर अपने उम्मीदवार को जिताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. विपक्ष की तरफ से सिर्फ समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. कांग्रेस पार्टी ने भी इंडिया गठबंधन के अंतर्गत सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह को समर्थन दिया है. अखिलेश यादव के साथ उपचुनाव के प्रचार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी जुट गए हैं.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव (फाइल फोटो)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव (फाइल फोटो)


इसके अलावा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव भी घोसी में डेरा डाल चुके हैं. वह अपनी पूरी टीम के साथ घोसी में सुधाकर सिंह के पक्ष में माहौल बनाने का काम कर रहे हैं. जाति समीकरण को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश में शिवपाल सिंह यादव जुटे हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी भी इस चुनाव में जीत दर्ज कर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा सियासी संदेश देना चाहती है कि भले अभी तक घोसी सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा हो, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर जीत कर जनता का बड़ा समर्थन हासिल करने की कोशिश में है. हालांकि मऊ की इस घोषित सीट पर जाति समीकरण भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ नजर आते हैं. इस सीट पर अल्पसंख्यक, पिछड़े, दलित, अति पिछड़े समाज का अच्छा वोट बैंक है. अल्पसंख्यकों का वोट बैंक राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की जीत हार का फैसला करता रहा है. इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर दारा सिंह चौहान ने जीत दर्ज की थी, लेकिन अब दारा सिंह चौहान समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में अल्पसंख्यक समाज से जुड़े मुस्लिम वोट बैंक किस तरफ जाएगा, यह सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है.

अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)


भारतीय जनता पार्टी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक घोसी में लगातार जनसंपर्क और चुनाव कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं, जिससे वहां का माहौल अपने पक्ष में करने में सफलता हासिल की जा सके. इसके अलावा योगी सरकार के भी करीब एक दर्जन मंत्री घोसी में डेरा डाले हुए हैं. खास बात यह भी है कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमुख, राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव सहित समाजवादी पार्टी के भी एक दर्जन से अधिक बड़े नेता घोसी में डेरा डाल चुके हैं. पिछले करीब 10 दिन से तमाम बड़े नेता इसमें रहकर इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए माहौल बना रहे हैं. घोसी सीट समाजवादी पार्टी के अंतर्गत बने इंडिया महागठबंधन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी है, इसलिए समाजवादी पार्टी से जुड़े सभी नेता क्षेत्र में डटे हुए हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इस सीट पर जीत दर्ज कर इंडिया गठबंधन के लिए एक बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की जा रही है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का भी समर्थन मिल चुका है. सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता भी घोसी में पहुंचकर चुनाव माहौल अपने पक्ष में करने के लिए माहौल बना रहे हैं. इंडिया गठबंधन के अंतर्गत आने वाले सभी दलों ने सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जीत का आह्वान किया है.

घोसी से प्रत्याशी सुधाकर सिंह
घोसी से प्रत्याशी सुधाकर सिंह


समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि 'समाजवादी पार्टी ने घोसी सीट जीतने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है और चुनाव जीतने के लिए नई रणनीति और रूपरेखा तैयार की है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं. उपचुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी घोसी सीट जीतकर बड़ा सियासी संदेश देने का काम करेगी. पिछड़ों का उपयोग करने और उनके हित मे कोई काम नहीं करने वाली भाजपा को घोसी की जनता सबक सिखाएगी. जातीय जनगणना न कराने वाली भाजपा को इस बार जनता मुहतोड़ जवाब देगी और समाजवादी पार्टी घोसी उपचुनाव जीतने का काम करेगी.'

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