लखनऊः स्वामी प्रसाद मौर्य के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद रायबरेली की ऊंचाहार सीट पर अब समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं. इस पर पिछली बार समाजवादी पार्टी से अपना परचम लहराने वाले मनोज पांडेय समाजवादी पार्टी से जीतकर विधायक बने थे. जबकि स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कृष्ट मौर्य बहुत कम अंतर से हार कर विधायक बनने से चूक गए थे.
माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य की बीजेपी से सबसे बड़ी लड़ाई उत्कृष्ट मौर्य को ऊंचाहार से टिकट दिलाने को लेकर ही थी. जबकि मौर्य समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं. ऐसे में इस बात की भी संभावना है कि उत्कृष्ट मौर्य को इस बार समाजवादी पार्टी से टिकट मिल जाए. ऐसे में सपा नेता मनोज पांडेय के भारतीय जनता पार्टी में आने की संभावना प्रबल हो गई है. उनके भाजपा में आने की चर्चा लंबे समय से की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मनोज पांडेय से बातचीत हो रही है. वह जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे.
स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से सांसद हैं. खुद स्वामी प्रसाद मौर्य पडरौना से विधायक हैं और कैबिनेट मंत्री थे. इसके बाद में वे अपने बेटे के लिए रायबरेली की ऊंचाहार सीट से टिकट मांग रहे थे. पिछली बार उनका बेटा उत्कृष्ट मौर्य समाजवादी पार्टी के मनोज पांडे से 2000 से भी कम वोटों से हार गया था. उनको उम्मीद है कि इस बार उत्कृष्ट शत प्रतिशत जीत हासिल करेगा. इसलिए उसको ऊंचाहार से टिकट दिया जाना चाहिए.
भारतीय जनता पार्टी संगठन ने इस बात के लिए साफ मना कर दिया था. इसी वजह से नाराज थे और इसी नाराजगी में उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया. जिसके बाद में अब ऊंचाहार सीट के समीकरण कुछ बदले हुए नजर आएंगे. भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश में आला पदाधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया है कि ऊंचाहार सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडे को भाजपा में शामिल करने के लिए पार्टी प्रयासरत है.
इसे भी पढ़ें- BJP को लगा बड़ा झटका, स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में शामिल
निकट भविष्य में वे कभी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. मनोज पांडे के भाजपा में आने के बाद ऊंचाहार सीट पर निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी मजबूत हो जाएगी और इसके साथ ही भाजपा पर जो ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप विपक्ष लगाता रहा है उससे भी पार्टी को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है.
इसे भी पढ़ें- भाजपा से 'विश्वासघात' या टिकट मिलने की नहीं आस, प्रदेश में सौ से अधिक विधायकों का कटेगा टिकट
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप