लखनऊ: 4 अक्टूबर से देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस का लखनऊ से दिल्ली के बीच संचालन शुरू के साथ ही सरकार ने रेलवे में भी प्राइवेट ट्रेनों के संचालन की नींव रख दी है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि निजीकरण करके पीएम देश का विकास नहीं विनाश कर रहे हैं.
ट्रेनों के निजीकरण पर सपा का विरोध
केंद्र सरकार 150 ट्रेनों के साथ ही 50 रेलवे स्टेशनों को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है. लगातार बढ़ रहे निजीकरण पर राजनीतिक दलों ने आपत्ति भी जताई है. बता दें कि हाल ही में तेजस का संचालन शुरू भी हो चुका है और इस ट्रेन को यात्री पसंद भी कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक पार्टियों को लग रहा है कि सरकार का यह फैसला ठीक नहीं है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. अनूप पटेल ने सरकार के इस कदम को जनविरोधी बताया है. समाजवादी पार्टी का कहना है कि ट्रेनों के निजीकरण के फैसले से सरकार आम जनता के हकों को छीनने का काम कर रही है.
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पत्रकार साथी अगर कभी नमक की खबर चला दे तो उन्हें डराया जाता है. यह प्राइवेटाइजेशन इसलिए है कि पत्रकार साथी कुछ नहीं बोल पाएं. लोगों को संविधान के हक को छीनने का काम हो रहा है. जितनी तेज ट्रेन चलेंगी उतनी ही तेजी के साथ हक और सम्मान छीन लिया जाएगा.
-अखिलेश यादव, सपा राष्ट्रीय अध्यक्षरेलवे जो भारत में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला पब्लिक सेक्टर है, उसको यह लगातार प्राइवेट हाथों में सौंप रहे हैं. तेजस ट्रेन जिस पटरी पर चल रही है वह भारत सरकार वहन कर रही है, लेकिन टिकट का चार्ज और उसके अंदर की जो फैसिलिटी है, वह प्राइवेट सेक्टर आईआरसीटीसी को दे दिया गया है. अब सरकार इस देश को बेचने की तैयारी कर रहे हैं. यह देश का विकास नहीं हो रहा, देश का विनाश हो रहा है।
-डॉ. अनूप पटेल, कांग्रेस प्रवक्ता