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वेतन के लिए जारी आदेश पर उठा सवाल, शिक्षकों ने कहा- नहीं मिलेगा लाभ - 69000 सहायक अध्यापक भर्ती

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत तैनाती पाने वाले शिक्षकों को वेतन देने की प्रक्रिया निर्धारित की है. इस पर शिक्षकों की ओर से आपत्ति उठाई गई है. शिक्षकों का कहना है कि जो व्यवस्था विभाग ने लागू की है, उससे बड़ी संख्या में नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाएगा.

फाइल फोटो.
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Published : May 21, 2021, 3:16 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत तैनाती पाने वाले शिक्षकों को वेतन देने को कहा गया है. अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार के आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण के फलस्वरूप विश्वविद्यालयों के बन्द होने के कारण, जिन नवनियुक्त शिक्षकों के स्नातक एवं बीएड के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन न हो पाने से उनके वेतन का आहरण नहीं हो पा रहा है, उन नवनियुक्त शिक्षकों से निर्धारित प्रारूप पर शपथ-पत्र प्राप्त करने के बाद उनके वेतन आहरण की कार्रवाई शीघ्र की जाए.

यूपी शिक्षक भर्ती.
फाइल फोटो.

यह सवाल खड़े हुए

मुख्यमंत्री के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश पर शिक्षकों ने सवाल खड़े किए गए हैं. उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि नवनियुक्त अध्यापकों के 5 प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा रहा है. ऐसे में जिन अभ्यर्थियों के हाई स्कूल, इंटरमीडिएट, यूपी टेट या सीटेट का सत्यापन पूर्ण है, उनको ही 100 रुपये का स्नातक व प्रशिक्षण बीएड या बीटीसी के लिए शपथ पत्र लेकर भुगतान जारी किया जाएगा. ऐसे में हजारों नवनियुक्त शिक्षकों को कोई फायदा नहीं मिल सकेगा. उनका कहना है कि शासन सभी नवनियुक्त शिक्षकों का पांच सत्यापन में से कोई दो सत्यापन पूर्ण होने पर वेतन शपथ पत्र के आधार पर जारी कराने की कार्रवाई करें. स्कूल व इंटर की बाध्यता को खत्म किया जाए. जिससे इस कोरोना काल में सभी को वेतन मिल सके.

कई महीनों से फंसा है इन शिक्षकों का वेतन

बेसिक शिक्षा विभाग ने करीब 7 महीने पहले ही इन शिक्षकों को नियुक्ति दे दी थी, लेकिन इनके दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. जिसके चलते इनका वेतन फंसा हुआ है. अभ्यर्थियों की ओर से लगातार की जा रही मांग के बाद विभाग और मुख्यमंत्री की ओर से इन्हें जल्द से जल्द वेतन जारी करने के आदेश दिए गए थे.

इसे भी पढ़ें- सीएम योगी की सोशल मीडिया टीम के कर्मी पार्थ ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट भी छोड़ा

बेसिक शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिए हैं

  • नवनियुक्त शिक्षकों से यह शपथ-पत्र प्राप्त कर लिया जाए कि उनके द्वारा ऑनलाइन आवेदन के साथ प्रस्तुत स्नातक एवं प्रशिक्षण संबंधी यथा बीएड आदि के अंक पत्र और प्रमाण पत्रों में किसी प्रकार की कूटरचिता और फर्जी नहीं हैं, उनके द्वारा आवेदन पत्र में भरी गई सूचनाएं सत्य व संलग्न अभिलेख वैध हैं, किसी प्रकार की सूचना/तथ्य का गोपन नहीं किया गया है.
  • यदि कोई प्रमाण पत्र सत्यापन के बाद फर्जी अथवा कूटरचित पाया जाता है, तो नियुक्ति स्वतः निरस्त समझी जाएगी.
  • गलत अभिलेखों के आधार चयन प्राप्त करने के लिए वह स्वयं उत्तरदायी होगें.
  • शैक्षिक व अन्य अभिलेखों के फर्जी पाये जाने पर उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई होगी तथा कूटरचित/त्रुटिपूर्ण अभिलेखों के आधार पर चयन प्राप्त कर उनके द्वारा जो वेतन एवं अन्य लाभ प्राप्त किए गये होंगे, को स्वयं राजकीय कोषागार में जमा करेंगें. किसी माननीय न्यायालय में अनुतोष प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा वाद योजित नहीं किया जाएगा.
  • इन नवनियुक्त शिक्षकों से निर्धारित प्रारूप पर जो शपथ-पत्र प्राप्त किया जाएगा उसकी मूल प्रति संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज कार्यालय को भेजी जाएगी एवं एक सत्यापित प्रति अपने अभिलेखों में सुरक्षित रखी जाएगी.
  • सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा मूल प्रति को स्कैन कर डिजिटल कापी एवं एक सत्यापित प्रति निदेशक बेसिक शिक्षा कार्यालय को भेजी जाएगी तथा मूल प्रति एवं एक डिजिटल कॉपी अपने पास सुरक्षित रखी जाएगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत तैनाती पाने वाले शिक्षकों को वेतन देने को कहा गया है. अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार के आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण के फलस्वरूप विश्वविद्यालयों के बन्द होने के कारण, जिन नवनियुक्त शिक्षकों के स्नातक एवं बीएड के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन न हो पाने से उनके वेतन का आहरण नहीं हो पा रहा है, उन नवनियुक्त शिक्षकों से निर्धारित प्रारूप पर शपथ-पत्र प्राप्त करने के बाद उनके वेतन आहरण की कार्रवाई शीघ्र की जाए.

यूपी शिक्षक भर्ती.
फाइल फोटो.

यह सवाल खड़े हुए

मुख्यमंत्री के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश पर शिक्षकों ने सवाल खड़े किए गए हैं. उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि नवनियुक्त अध्यापकों के 5 प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया जा रहा है. ऐसे में जिन अभ्यर्थियों के हाई स्कूल, इंटरमीडिएट, यूपी टेट या सीटेट का सत्यापन पूर्ण है, उनको ही 100 रुपये का स्नातक व प्रशिक्षण बीएड या बीटीसी के लिए शपथ पत्र लेकर भुगतान जारी किया जाएगा. ऐसे में हजारों नवनियुक्त शिक्षकों को कोई फायदा नहीं मिल सकेगा. उनका कहना है कि शासन सभी नवनियुक्त शिक्षकों का पांच सत्यापन में से कोई दो सत्यापन पूर्ण होने पर वेतन शपथ पत्र के आधार पर जारी कराने की कार्रवाई करें. स्कूल व इंटर की बाध्यता को खत्म किया जाए. जिससे इस कोरोना काल में सभी को वेतन मिल सके.

कई महीनों से फंसा है इन शिक्षकों का वेतन

बेसिक शिक्षा विभाग ने करीब 7 महीने पहले ही इन शिक्षकों को नियुक्ति दे दी थी, लेकिन इनके दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. जिसके चलते इनका वेतन फंसा हुआ है. अभ्यर्थियों की ओर से लगातार की जा रही मांग के बाद विभाग और मुख्यमंत्री की ओर से इन्हें जल्द से जल्द वेतन जारी करने के आदेश दिए गए थे.

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बेसिक शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिए हैं

  • नवनियुक्त शिक्षकों से यह शपथ-पत्र प्राप्त कर लिया जाए कि उनके द्वारा ऑनलाइन आवेदन के साथ प्रस्तुत स्नातक एवं प्रशिक्षण संबंधी यथा बीएड आदि के अंक पत्र और प्रमाण पत्रों में किसी प्रकार की कूटरचिता और फर्जी नहीं हैं, उनके द्वारा आवेदन पत्र में भरी गई सूचनाएं सत्य व संलग्न अभिलेख वैध हैं, किसी प्रकार की सूचना/तथ्य का गोपन नहीं किया गया है.
  • यदि कोई प्रमाण पत्र सत्यापन के बाद फर्जी अथवा कूटरचित पाया जाता है, तो नियुक्ति स्वतः निरस्त समझी जाएगी.
  • गलत अभिलेखों के आधार चयन प्राप्त करने के लिए वह स्वयं उत्तरदायी होगें.
  • शैक्षिक व अन्य अभिलेखों के फर्जी पाये जाने पर उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई होगी तथा कूटरचित/त्रुटिपूर्ण अभिलेखों के आधार पर चयन प्राप्त कर उनके द्वारा जो वेतन एवं अन्य लाभ प्राप्त किए गये होंगे, को स्वयं राजकीय कोषागार में जमा करेंगें. किसी माननीय न्यायालय में अनुतोष प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा वाद योजित नहीं किया जाएगा.
  • इन नवनियुक्त शिक्षकों से निर्धारित प्रारूप पर जो शपथ-पत्र प्राप्त किया जाएगा उसकी मूल प्रति संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज कार्यालय को भेजी जाएगी एवं एक सत्यापित प्रति अपने अभिलेखों में सुरक्षित रखी जाएगी.
  • सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा मूल प्रति को स्कैन कर डिजिटल कापी एवं एक सत्यापित प्रति निदेशक बेसिक शिक्षा कार्यालय को भेजी जाएगी तथा मूल प्रति एवं एक डिजिटल कॉपी अपने पास सुरक्षित रखी जाएगी.
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