लखनऊः डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की सहायक कुलसचिव अजिता सिंह के मनमाने आदेश को लेकर शिक्षकों में व्याप्त आक्रोश विश्वविद्यालय के कुलपति के हस्तक्षेप के बाद शांत हुआ. नाराज शिक्षकों ने कुलपति से सहायक कुल सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. गौरतलब है कि बीते दिनों सहायक कुलसचिव अजिता सिंह ने बिना कुलपति के अनुमोदन लिए ही 19 शिक्षकों को वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया था. इसको लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों में काफी नाराजगी थी. इसको लेकर शिक्षक लगातार विरोध कर रहे थे. कुलपति के हस्तक्षेप के बाद इन सभी शिक्षकों का वेतन जारी (RMLNLU teachers salary released) किया गया.
लोहिया लॉ विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद शिक्षकों के पद सरकार ने सृजित किए, लेकिन उनको अभी तक स्थाई नहीं किया है. लिहाजा विश्वविद्यालय को पदों की निरंतरता की अवधि समाप्ति होने के बाद आगे पदों को जारी रखने के लिए अनुमोदन लेना पड़ता है. यह सिलसिला करीब एक दशक से अधिक समय से चल रहा है. हर बार निरंतरता खत्म होने पर वेतन नहीं रोका जाता था, लेकिन शिक्षकों के पदों की निरंतरता 28 फरवरी को समाप्त हो गई. इसके बाद सहायक कुल सचिव अजिता सिंह ने एक आदेश जारी कर 19 शिक्षकों को वेतन रोक दिया. इसके बाद शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश पैदा हो गया.
नाराज शिक्षकों ने इस पूरे मामले पर कुलपति और कुलसचिव से मिलकर अपना गुस्सा जाहिर किया था. शिक्षकों का कहना था कि सहायक कुल सचिव अजिता सिंह ने ऐसा कर उनको अपमानित किया है. उनका वेतन रोकने का अधिकार सहायक कुल सचिव को नहीं है. उन्होंने जो आदेश जारी किया उसमें कुलपति का अनुमोदन तक नहीं है. यहां तक कि कुलपति को इसकी जानकारी तक नहीं दी.
इसके बाद कुलपति प्रो. सुबीर भटनागर ने डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (Dr. Ram Manohar Lohiya National Law University) में शिक्षकों के वेतन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक की. इसके बाद सहायक कुल सचिव अजीता सिंह के पत्र को निरस्त करते हुए, अजिता सहित कनिष्ठ लिपिक एवं सहायक कुलसचिव को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में बिना सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के ऐसा आदेश जारी नहीं करें. कुलसचिव अनिल मिश्र ने शिक्षकों के क्रोध को शांत करते हुए एक पत्र के जरिए ऐसी हिमाकत न होने का आश्वासन दिया, लेकिन शिक्षकों का आक्रोश शांत नहीं हुआ है. उन्होंने कुलपति से सहायक कुल सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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