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क्रेशर व्यापारी हत्याकांड: बर्खास्त सिपाही अरुण यादव ने किया आत्मसमर्पण

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Published : Dec 1, 2020, 7:22 PM IST

महोबा के क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड के मामले में बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव ने मंगलवार को जिला अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. अदालत ने अरुण यादव को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

महोबा के क्रेशर व्यापारी की मौत का मामला
महोबा के क्रेशर व्यापारी की मौत का मामला

लखनऊ: महोबा के क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में कबरई के बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव ने मंगलवार को जिला अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज गौरव शर्मा ने अरुण कुमार यादव को 4 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. वहीं कोर्ट ने इसी मामले में निरुद्ध कबरई के बर्खास्त एसओ देवेंद्र कुमार शुक्ला की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 9 दिसंबर की तिथि तय की है.

मंगलवार को विशेष अदालत में अभियुक्त देवेंद्र शुक्ला की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई. वहीं बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव ने भी आत्मसमर्पण कर दिया. विशेष अदालत ने बर्खास्त सिपाही को आईपीसी की धारा 387 (रंगदारी वसूलना), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना), 504 (अपमानित करना) व 506 (धमकी देना) के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/7ए/8/12/13 में न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

उल्लेखनीय है कि 11 सिंतबर 2020 को इस मामले की एफआईआर मृतक के भाई रविकांत त्रिपाठी ने महोबा के थाना कबरई में दर्ज कराई थी, जिसमें महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार व कबरई थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला व अन्य को नामजद किया गया था. एफआईआर के मुताबिक इंद्रकांत से अभियुक्तगण प्रति माह छह लाख रुपये की अवैध वसूली करते थे. लॉकडाउन में वसूली नहीं देने पर उनके भाई को धमकी दी गई. 8 सितंबर को वह गोली लगने से घायल हो गया. 13 सितंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. बाद में मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई. प्रयागराज के एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा की अगुवाई में गठित एसआईटी ने अपनी जांच में मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने का पाया.

विशेष अदालत ने इस मामले में महोबा के निलंबित एसपी मणीलाल पाटीदार के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की नोटिस जारी करने का आदेश दे रखा है. इस मामले में दोनों बर्खास्त पुलिसकर्मियों के अलावा दो अन्य अभियुक्त सुरेश सोनी व ब्रह्म दत्त तिवारी न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं.

लखनऊ: महोबा के क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में कबरई के बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव ने मंगलवार को जिला अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज गौरव शर्मा ने अरुण कुमार यादव को 4 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. वहीं कोर्ट ने इसी मामले में निरुद्ध कबरई के बर्खास्त एसओ देवेंद्र कुमार शुक्ला की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 9 दिसंबर की तिथि तय की है.

मंगलवार को विशेष अदालत में अभियुक्त देवेंद्र शुक्ला की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई. वहीं बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव ने भी आत्मसमर्पण कर दिया. विशेष अदालत ने बर्खास्त सिपाही को आईपीसी की धारा 387 (रंगदारी वसूलना), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना), 504 (अपमानित करना) व 506 (धमकी देना) के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7/7ए/8/12/13 में न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

उल्लेखनीय है कि 11 सिंतबर 2020 को इस मामले की एफआईआर मृतक के भाई रविकांत त्रिपाठी ने महोबा के थाना कबरई में दर्ज कराई थी, जिसमें महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार व कबरई थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार शुक्ला व अन्य को नामजद किया गया था. एफआईआर के मुताबिक इंद्रकांत से अभियुक्तगण प्रति माह छह लाख रुपये की अवैध वसूली करते थे. लॉकडाउन में वसूली नहीं देने पर उनके भाई को धमकी दी गई. 8 सितंबर को वह गोली लगने से घायल हो गया. 13 सितंबर को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. बाद में मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी गई. प्रयागराज के एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा की अगुवाई में गठित एसआईटी ने अपनी जांच में मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने का पाया.

विशेष अदालत ने इस मामले में महोबा के निलंबित एसपी मणीलाल पाटीदार के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की नोटिस जारी करने का आदेश दे रखा है. इस मामले में दोनों बर्खास्त पुलिसकर्मियों के अलावा दो अन्य अभियुक्त सुरेश सोनी व ब्रह्म दत्त तिवारी न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं.

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