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ग्रामीण और किसानों ने भी 'एकमुश्त समाधान योजना' लागू करने की उठाई मांग

प्रदेश की बिजली कम्पनियों ने वाणिज्यिक, निजी संस्थान एवं छोटे औद्योगिक श्रेणी के समस्त विद्युत उपभोक्ताओं के लिए 'कोविड-19 एकमुश्त समाधान योजना' लागू कर दी है. वहीं अब घेरलू शहरी, ग्रामीण और किसानों ने भी एकमुश्त समाधान योजना लागू करने की मांग उठाई है. वहीं ऊर्जामंत्री ने उपभोक्ताओं के हित में निर्णय लिए जाने के निर्देश दिए.

ग्रामीण और किसानों ने भी एकमुश्त समाधान योजना लागू करने की उठाई मांग
ग्रामीण और किसानों ने भी एकमुश्त समाधान योजना लागू करने की उठाई मांग
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Published : Dec 16, 2020, 11:49 AM IST

लखनऊ: वाणिज्यिक, निजी संस्थान व छोटे औद्योगिक श्रेणी के लिए एकमुश्त समाधान योजना लागू होते ही अब घरेलू शहरी, ग्रामीण व किसानों के लिए भी एकमुश्त समाधान योजना लागू करने की मांग उठ रही है. इतना ही नहीं यह भी मांग हो रही है कि जिन श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए यह योजना लागू की जाए, कोरोना काल में जमा किए गए भुगतान के लिए उनके अगले एक माह के बिल में 12 प्रतिशत रिबेट भी दी जाए. प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने चेयरमैन, पावर कार्पोरेशन को उपभोक्ताओं के हित में निर्णय लिए जाने के निर्देश दिए.

नहीं मिल रहा वास्तविक उपभोक्ताओं को लाभ
प्रदेश की बिजली कम्पनियों ने वाणिज्यिक, निजी संस्थान एवं छोटे औद्योगिक श्रेणी के समस्त विद्युत उपभोक्ताओं के लिए 'कोविड-19 एकमुश्त समाधान योजना' लागू कर दी है. इसके बाद अब उपभोक्ता परिषद ने घरेलू शहरी, ग्रामीण व किसानों के लिए भी 100 प्रतिशत एकमुश्त समाधान योजना अबिलम्ब लाने की आवाज उठाई है. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा से ये मांग की है. उन्होंने कहा कि रिटर्न ऑफ इक्विटी (आरओई) की भरपाई से जो एकमुश्त समाधान योजना सरकार के निर्देश पर पावर कार्पोरेशन ने लागू की है. उस पर पहला अधिकार प्रदेश के किसानों व घरेलू उपभोक्ताओं का है. उन्होंने बताया कि आरओई का मतलब बिजली कम्पनियां अपनी इक्विटी पर हर साल आयोग से 16 फीसद फायदा लेती हैं. इसका खामियाजा सभी उपभोक्ता बिजली दर में भुगतते हैं.

12 फीसद रिबेट की सुविधा हो लागू
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि गंभीर सवाल यह है कि इस योजना की भरपाई जिस रिटर्न ऑफ इक्विटी (आरओई ) से किया जाएगा. उस पर सबसे अधिक अधिकार प्रदेश के किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं का है. क्योंकि 16 प्रतिशत आरओई का भुगतान प्रदेश के सभी उपभोक्ता टैरिफ में करते हैं. इस बार बर्ष 2020-21 में भी कुल लगभग 1738 करोड़ पास ऑन उपभोक्ताओं पर हुई है, जिसमें प्रदेश के घरलू उपभोक्ताओं व किसानों का योगदान भरपाई करने में सबसे अधिक होता है. वजह है कि उनकी संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में घरेलू शहरी, ग्रामीण व किसानों के लिए भी 100 प्रतिशत एकमुश्त समाधान योजना लागू कराई जाए. कोविड काल में उपभोक्ता अपना बिल नियमित जमा करता रहा और एक आदर्श उपभोक्ता की भूमिका निभाकर विभाग को चलाने के लिए अपना योगदान दिया. ऐसे में अगले एक माह के नियमित बिजली बिल में अगर 12 प्रतिशत की एकमुश्त रिबेट की सुबिधा भी लागू करा दी जाए, तो ये बेहतर होगा.

लखनऊ: वाणिज्यिक, निजी संस्थान व छोटे औद्योगिक श्रेणी के लिए एकमुश्त समाधान योजना लागू होते ही अब घरेलू शहरी, ग्रामीण व किसानों के लिए भी एकमुश्त समाधान योजना लागू करने की मांग उठ रही है. इतना ही नहीं यह भी मांग हो रही है कि जिन श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए यह योजना लागू की जाए, कोरोना काल में जमा किए गए भुगतान के लिए उनके अगले एक माह के बिल में 12 प्रतिशत रिबेट भी दी जाए. प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने चेयरमैन, पावर कार्पोरेशन को उपभोक्ताओं के हित में निर्णय लिए जाने के निर्देश दिए.

नहीं मिल रहा वास्तविक उपभोक्ताओं को लाभ
प्रदेश की बिजली कम्पनियों ने वाणिज्यिक, निजी संस्थान एवं छोटे औद्योगिक श्रेणी के समस्त विद्युत उपभोक्ताओं के लिए 'कोविड-19 एकमुश्त समाधान योजना' लागू कर दी है. इसके बाद अब उपभोक्ता परिषद ने घरेलू शहरी, ग्रामीण व किसानों के लिए भी 100 प्रतिशत एकमुश्त समाधान योजना अबिलम्ब लाने की आवाज उठाई है. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा से ये मांग की है. उन्होंने कहा कि रिटर्न ऑफ इक्विटी (आरओई) की भरपाई से जो एकमुश्त समाधान योजना सरकार के निर्देश पर पावर कार्पोरेशन ने लागू की है. उस पर पहला अधिकार प्रदेश के किसानों व घरेलू उपभोक्ताओं का है. उन्होंने बताया कि आरओई का मतलब बिजली कम्पनियां अपनी इक्विटी पर हर साल आयोग से 16 फीसद फायदा लेती हैं. इसका खामियाजा सभी उपभोक्ता बिजली दर में भुगतते हैं.

12 फीसद रिबेट की सुविधा हो लागू
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि गंभीर सवाल यह है कि इस योजना की भरपाई जिस रिटर्न ऑफ इक्विटी (आरओई ) से किया जाएगा. उस पर सबसे अधिक अधिकार प्रदेश के किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं का है. क्योंकि 16 प्रतिशत आरओई का भुगतान प्रदेश के सभी उपभोक्ता टैरिफ में करते हैं. इस बार बर्ष 2020-21 में भी कुल लगभग 1738 करोड़ पास ऑन उपभोक्ताओं पर हुई है, जिसमें प्रदेश के घरलू उपभोक्ताओं व किसानों का योगदान भरपाई करने में सबसे अधिक होता है. वजह है कि उनकी संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में घरेलू शहरी, ग्रामीण व किसानों के लिए भी 100 प्रतिशत एकमुश्त समाधान योजना लागू कराई जाए. कोविड काल में उपभोक्ता अपना बिल नियमित जमा करता रहा और एक आदर्श उपभोक्ता की भूमिका निभाकर विभाग को चलाने के लिए अपना योगदान दिया. ऐसे में अगले एक माह के नियमित बिजली बिल में अगर 12 प्रतिशत की एकमुश्त रिबेट की सुबिधा भी लागू करा दी जाए, तो ये बेहतर होगा.

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