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RTO NEWS: अगर प्रपत्रों की नहीं बढ़ी अवधि तो आवेदकों को उठानी पड़ सकती है परेशानी

कोरोना संक्रमण के चलते केंद्र सरकार ने 2 साल पहले आरटीओ ऑफिस से जारी होने वाले सभी प्रपत्रों को 30 सितंबर तक वैध करार कर दिया है. अब 30 सितंबर काफी करीब आ गई है ऐसे में अगर प्रपत्रों की अवधि और नहीं बढ़ाई गई तो आवेदकों पर मुसीबत टूट पड़ेगी. सबसे अधिक परेशानी तो लर्निंग लाइसेंस बनवा चुके आवेदकों को उठानी पड़ेगी.

कार्यालय परिवहन आयुक्त.
कार्यालय परिवहन आयुक्त.
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Published : Sep 22, 2021, 10:00 PM IST

लखनऊ: केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के चलते 2 साल पहले आरटीओ ऑफिस से जारी होने वाले सभी प्रपत्रों को 30 सितंबर तक वैध करार कर दिया है. अब 30 सितंबर काफी करीब आ गई है ऐसे में अगर प्रपत्रों की अवधि और नहीं बढ़ाई गई तो आवेदकों पर मुसीबत टूट पड़ेगी. सबसे अधिक परेशानी तो लर्निंग लाइसेंस बनवा चुके आवेदकों को उठानी पड़ेगी. ये आवदेक स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन पिछले 3 महीने से इन आवेदकों को डेट नहीं मिल पा रही है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार तकरीबन 25 हजार से अधिक स्थाई लाइसेंस पेंडिंग हैं. इनमें 10 हजार ने भी संपर्क किया तो भी स्थाई लाइसेंस का काम पूरा नहीं हो सकेगा.

आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार ऑफिस से जारी होने वाले प्रपत्रों की वैधता को बढ़ाए जाने के लिए परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है. दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते मार्च 2020 जब कर्फ्यू लगाया गया था, तबसे आरटीओ ऑफिस से जारी होने वाले प्रपत्रों की वैधता तारीख लगातार हर तीन-तीन महीने में बढ़ती रही. अंतिम बार तारीख को बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया. ऐसे में लर्निंग लाइसेंस, स्थाई लाइसेंस, वाहनों की फिटनेस की तारीख और परमिट की तारीख खत्म हो गई हो, तो उन्हें 30 सितंबर तक मान्य कर दिया गया था. इसके चलते लर्निंग लाइसेंस के आवेदक 30 अब तक स्थार्ई लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया. इसी तरह से जिन लोगों के स्थाई लाइसेंस का समय पूरा हो गया, उन्होंने नवीनीकरण नहीं कराया. वाहनों की फिटनेस औैर परमिट की समय सीमा पूरा होने के बाद भी लोग आरटीओ ऑफिस नहीं पहुंचे, लेकिन 30 सितंबर आते ही आरटीओ ऑफिस में आवेदकों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है. आलम यह है कि वाहन संबंधित कार्यों के लिए आवेदकों को तारीख मिल रही है लेकिन लाइसेंस संबंधी कार्यों के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है.

अपर परिवहन आयुक्त डीके त्रिपाठी ने बताया कि नवीनीकरण के लिए तकरीबन डेढ़ महीने बाद की तारीख दी जा रही है तो लर्निंग लाइसेंस बनवा चुके आवेदकों को स्थाई लाइसेंस के लिए टाइम स्लॉट नहीं मिल रहा है. लाइसेंस का कोटा बढ़ाए जाने को लेकर बैठक हुई है. सभी से सुझाव लिए गए हैं. बैकलॉग खत्म करने की रणनीति बनाई जाएगी. आवेदकों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी. 30 सितंबर के बाद प्रपत्रों की वैधता बढ़ाए जाने के बारे में मुझे कोर्ई जानकारी नहीं है.


इसे भी पढ़ें- परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार: महिला अधिकारी की कारस्तानी, कर डाला ये काम

लखनऊ: केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के चलते 2 साल पहले आरटीओ ऑफिस से जारी होने वाले सभी प्रपत्रों को 30 सितंबर तक वैध करार कर दिया है. अब 30 सितंबर काफी करीब आ गई है ऐसे में अगर प्रपत्रों की अवधि और नहीं बढ़ाई गई तो आवेदकों पर मुसीबत टूट पड़ेगी. सबसे अधिक परेशानी तो लर्निंग लाइसेंस बनवा चुके आवेदकों को उठानी पड़ेगी. ये आवदेक स्थाई लाइसेंस के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन पिछले 3 महीने से इन आवेदकों को डेट नहीं मिल पा रही है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार तकरीबन 25 हजार से अधिक स्थाई लाइसेंस पेंडिंग हैं. इनमें 10 हजार ने भी संपर्क किया तो भी स्थाई लाइसेंस का काम पूरा नहीं हो सकेगा.

आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार ऑफिस से जारी होने वाले प्रपत्रों की वैधता को बढ़ाए जाने के लिए परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है. दरअसल, कोरोना संक्रमण के चलते मार्च 2020 जब कर्फ्यू लगाया गया था, तबसे आरटीओ ऑफिस से जारी होने वाले प्रपत्रों की वैधता तारीख लगातार हर तीन-तीन महीने में बढ़ती रही. अंतिम बार तारीख को बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया. ऐसे में लर्निंग लाइसेंस, स्थाई लाइसेंस, वाहनों की फिटनेस की तारीख और परमिट की तारीख खत्म हो गई हो, तो उन्हें 30 सितंबर तक मान्य कर दिया गया था. इसके चलते लर्निंग लाइसेंस के आवेदक 30 अब तक स्थार्ई लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया. इसी तरह से जिन लोगों के स्थाई लाइसेंस का समय पूरा हो गया, उन्होंने नवीनीकरण नहीं कराया. वाहनों की फिटनेस औैर परमिट की समय सीमा पूरा होने के बाद भी लोग आरटीओ ऑफिस नहीं पहुंचे, लेकिन 30 सितंबर आते ही आरटीओ ऑफिस में आवेदकों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है. आलम यह है कि वाहन संबंधित कार्यों के लिए आवेदकों को तारीख मिल रही है लेकिन लाइसेंस संबंधी कार्यों के लिए लोगों को परेशान होना पड़ रहा है.

अपर परिवहन आयुक्त डीके त्रिपाठी ने बताया कि नवीनीकरण के लिए तकरीबन डेढ़ महीने बाद की तारीख दी जा रही है तो लर्निंग लाइसेंस बनवा चुके आवेदकों को स्थाई लाइसेंस के लिए टाइम स्लॉट नहीं मिल रहा है. लाइसेंस का कोटा बढ़ाए जाने को लेकर बैठक हुई है. सभी से सुझाव लिए गए हैं. बैकलॉग खत्म करने की रणनीति बनाई जाएगी. आवेदकों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी. 30 सितंबर के बाद प्रपत्रों की वैधता बढ़ाए जाने के बारे में मुझे कोर्ई जानकारी नहीं है.


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