ETV Bharat / state

आरटीओ में बुजुर्ग को थप्पड़ मारने के मामले की जांच में जुटे दो अधिकारी, दर्ज किए गए बयान

author img

By

Published : Jun 2, 2023, 7:56 AM IST

आरटीओ कार्यालय लखनऊ में तैनात वरिष्ठ सहायक पवन कुमार त्रिपाठी पर बुजुर्ग को थप्पड़ मारने के मामले की जांच शुरू हो गई है. मुख्यालय में तैनात एआरटीओ श्वेता वर्मा के अलावा एक अन्य अधिकारी दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर रहे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक पवन कुमार त्रिपाठी पर एक बुजुर्ग को थप्पड़ मारने के आरोप लगे थे. कथित रूप से अभद्रता मामले की जांच एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (प्रशासन) नरेंद्र सिंह की तरफ से मुख्यालय में तैनात एआरटीओ श्वेता वर्मा को सौंपी गई है, जबकि एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद जो वर्तमान में डीटीसी जोन भी हैं, उनकी तरफ से लखनऊ के आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप कुमार पंकज को जांच सौंपी गई है. जांच अधिकारी इस मामले वे दोनों पक्षों से उनका पक्ष जानेंगे.

आरटीओ में बुजुर्ग को थप्पड़ मारने का मामला.
आरटीओ में बुजुर्ग को थप्पड़ मारने का मामला.






एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाएगी. अगर वरिष्ठ सहायक पवन त्रिपाठी दोषी निकलते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. एआरटीओ ने बताया कि कर्मचारी ने भी पीड़ित पर नियम विरुद्ध काम कराये जाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. आरोप है कि काम नहीं करने पर यह मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई है. पीड़ित बुजुर्ग राज कपूर गुप्ता से भी जानकारी मांगी गई है कि आरटीओ कार्यालय में वे किस गाड़ी के संबंध में आए थे. अभी पता चला है कि जिस गाड़ी का काम कराने आए थे वह उनकी गाड़ी नहीं है. पीड़ित दावा कर रहा है कि जिस गाड़ी का काम कराने गए थे वह उसके भतीजे की है. इसके लिए लोन लिया गया था. पीड़ित से गाड़ी की किश्त भरने की रसीद भी प्रस्तुत करने को कहा गया है. इससे साबित हो जाएगा कि वास्तविकता में राज कपूर गुप्ता किस गाड़ी का काम कराने आरटीओ कार्यालय आए थे.



सभी आरटीओ कार्यालयों को सीसीटीवी से किया जाएगा लैस : लखनऊ के आरटीओ कार्यालय में कैमरे तो लगे हुए हैं, लेकिन इन दिनों रिनोवेशन का काम चल रहा है. लिहाजा इस घटना के कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं. ऐसे में जांच अधिकारियों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है कि वह किस तरह से अपनी जांच आगे बढ़ाएं. हालांकि इसी बीच अगर इस तरह की घटना हुई है तो किसी भी आरटीओ कार्यालय में इसकी पुनरावृत्ति न होने पाए इसे लेकर अब परिवहन विभाग ने फैसला लिया है कि प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालयों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा. ऐसा सिस्टम बनाया जाएगा कि मुख्यालय से ही मॉनिटरिंग की जा सके.




फर्जी तरीके से निरस्त कर दिया गया पंजीयन : जानकारी के मुताबिक आरटीओ कार्यालय में जिस गाड़ी की जगह पर नई ऑटो के पंजीयन के लिए राज कपूर सात नंबर काउंटर पर गए थे. इस गाड़ी पर आज भी चालान पेंडिंग हैं. चालान बिना भुगतान किए पंजीयन निरस्त हो नहीं सकता, क्योंकि पंजीयन निरस्त की कार्रवाई में भी वाहन पर कोई बकाया न हो तभी हो सकता है. इस प्रकरण में मैनुअल पंजीयन गलत तरीके से निरस्त किया गया और नई गाड़ी भी आ गई. इसी बात का विरोध वरिष्ठ सहायक पवन त्रिपाठी ने किया था.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट का आदेश, लेवाना होटल के खिलाफ न हो कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई

लखनऊ : ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक पवन कुमार त्रिपाठी पर एक बुजुर्ग को थप्पड़ मारने के आरोप लगे थे. कथित रूप से अभद्रता मामले की जांच एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (प्रशासन) नरेंद्र सिंह की तरफ से मुख्यालय में तैनात एआरटीओ श्वेता वर्मा को सौंपी गई है, जबकि एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद जो वर्तमान में डीटीसी जोन भी हैं, उनकी तरफ से लखनऊ के आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप कुमार पंकज को जांच सौंपी गई है. जांच अधिकारी इस मामले वे दोनों पक्षों से उनका पक्ष जानेंगे.

आरटीओ में बुजुर्ग को थप्पड़ मारने का मामला.
आरटीओ में बुजुर्ग को थप्पड़ मारने का मामला.






एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाएगी. अगर वरिष्ठ सहायक पवन त्रिपाठी दोषी निकलते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. एआरटीओ ने बताया कि कर्मचारी ने भी पीड़ित पर नियम विरुद्ध काम कराये जाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. आरोप है कि काम नहीं करने पर यह मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई है. पीड़ित बुजुर्ग राज कपूर गुप्ता से भी जानकारी मांगी गई है कि आरटीओ कार्यालय में वे किस गाड़ी के संबंध में आए थे. अभी पता चला है कि जिस गाड़ी का काम कराने आए थे वह उनकी गाड़ी नहीं है. पीड़ित दावा कर रहा है कि जिस गाड़ी का काम कराने गए थे वह उसके भतीजे की है. इसके लिए लोन लिया गया था. पीड़ित से गाड़ी की किश्त भरने की रसीद भी प्रस्तुत करने को कहा गया है. इससे साबित हो जाएगा कि वास्तविकता में राज कपूर गुप्ता किस गाड़ी का काम कराने आरटीओ कार्यालय आए थे.



सभी आरटीओ कार्यालयों को सीसीटीवी से किया जाएगा लैस : लखनऊ के आरटीओ कार्यालय में कैमरे तो लगे हुए हैं, लेकिन इन दिनों रिनोवेशन का काम चल रहा है. लिहाजा इस घटना के कोई साक्ष्य मौजूद नहीं हैं. ऐसे में जांच अधिकारियों के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है कि वह किस तरह से अपनी जांच आगे बढ़ाएं. हालांकि इसी बीच अगर इस तरह की घटना हुई है तो किसी भी आरटीओ कार्यालय में इसकी पुनरावृत्ति न होने पाए इसे लेकर अब परिवहन विभाग ने फैसला लिया है कि प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालयों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा. ऐसा सिस्टम बनाया जाएगा कि मुख्यालय से ही मॉनिटरिंग की जा सके.




फर्जी तरीके से निरस्त कर दिया गया पंजीयन : जानकारी के मुताबिक आरटीओ कार्यालय में जिस गाड़ी की जगह पर नई ऑटो के पंजीयन के लिए राज कपूर सात नंबर काउंटर पर गए थे. इस गाड़ी पर आज भी चालान पेंडिंग हैं. चालान बिना भुगतान किए पंजीयन निरस्त हो नहीं सकता, क्योंकि पंजीयन निरस्त की कार्रवाई में भी वाहन पर कोई बकाया न हो तभी हो सकता है. इस प्रकरण में मैनुअल पंजीयन गलत तरीके से निरस्त किया गया और नई गाड़ी भी आ गई. इसी बात का विरोध वरिष्ठ सहायक पवन त्रिपाठी ने किया था.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट का आदेश, लेवाना होटल के खिलाफ न हो कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.