लखनऊ : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत राजधानी लखनऊ के चार दिवसीय दौरे में संघ कार्यकर्ताओं और उसके अनुषांगिक संगठनों से जुड़े लोगों को भावी रणनीति से अवगत करा गए हैं. उन्होंने अपने अवध प्रांत के प्रवास के आखिरी दिन प्रबुद्धजनों से भी मुलाकात की. संघ प्रमुख ने अपने इस प्रवास के दौरान समाज के सभी वर्गों को जोड़ने की बात कही तो साथ ही हिंदुत्व को बढ़ाने और लव जिहाद पर नकेल कसने की भी चर्चा की. उनके इस दौरे ने भाजपा के लिए जमीन तैयार करने का काम किया है, जिसका लाभ पार्टी को लोक सभा चुनावों में दिखाई देगा.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस से मुसलमान और ईसाइयों सहित समाज के सभी वर्गों को जोड़ने की बात कह कर संघ की छवि बदलने का प्रयास किया. भागवत ने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि सारा समाज संगठित होना चाहिए. संघ के लिए समाज का कोई भी व्यक्ति पराया नहीं है. जो लोग संघ और हमारा विरोध करते हैं, वह भी हमारे अपने हैं. स्वाभाविक है कि संघ प्रमुख सामाजिक समरसता के बहाने उन वर्गों को भी संघ से जोड़ना चाहते हैं जो अभी तक जुड़ नहीं सके थे. भारतीय जनता पार्टी भी अपने वोट बैंक के अलावा उन क्षेत्रों में भी संभावना तलाश रही है जो अब तक पार्टी से दूर थे. इनमें पसमांदा मुसलमान सबसे प्रमुख हैं. पिछड़े मुसलमानों को हक दिलाने के नाम पर भाजपा चाहती है कि यह वर्ग उसके साथ आए. पिछले चुनावों में कुछ हद तक उसे सफलता भी मिली है. पार्टी ने प्रदेश में इस समाज से दानिश आजाद को मंत्री भी बनाया है.
जनवरी में राम मंदिर का लोकार्पण होना है. इसे लेकर देशव्यापी कार्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार की गई है. स्वाभाविक है कि इसमें संघ, भाजपा और उसके सभी अनुषांगिक संगठन जुटेंगे और चुनाव के ठीक पहले प्रदेश में हिंदुत्व का माहौल बनाने की कोशिश करेंगे. इसका सीधा लाभ भारतीय जनता पार्टी को ही मिलेगा. संघ प्रमुख के इस कार्यक्रम से कार्यकर्ताओं में एक रवानी भी आ गई है और अब वह अपना काम और अधिक तत्परता के साथ करेंगे. देश में भाजपा के खिलाफ भले ही गठजोड़ बन रहा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में इसका कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी आज भी मजबूत स्थिति में है. यदि संघ का उसे थोड़ा सहारा मिल गया तो इसमें दो राय नहीं हैं कि पार्टी को इसका काफी लाभ मिलेगा.
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