लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में 23 ऐसे प्रतिष्ठानों पर 75 लाख रुपए का जुर्माना ठोंका है, जो कस्टमर को घटिया सामग्री बेच रहे थे. चौंकाने वाली बात यह है कि, इन प्रतिष्ठानों में कुछ ऐसे हैं जो बड़े ब्रांड के शॉपिंग स्टोर हैं. यह प्रतिष्ठान मानक के विपरीत और बिना एक्सपायर डेट की सामग्री लोगों को बेचकर उन्हें धोखा दे रहे थे. इन शॉपिंग स्टोर में कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं.
राजधानी के सहायक खाद्य आयुक्त एसपी सिंह के मुताबिक, बीते दिनों राजधानी में 100 से अधिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर विभिन्न प्रकार की सामग्री का सैंपल लिया गया था. एसपी सिंह ने बताया कि, 'काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि, इन प्रतिष्ठानों पर एक्सपायर डेट और मिलावटी सामग्री बेची जा रही है. इसके चलते इनकी सैंपलिंग को गई और प्रयोगशाला भेजा गया था, जिसके बाद जांच आने के बाद 23 प्रतिष्ठानों पर 75 लाख 80 हजार का जुर्माना लगाया गया है. सबसे अधिक जुर्माना राजधानी के गोमती नगर इलाके में स्थित फन रिपब्लिक मॉल में मौजूद स्पेंसर पर लगाया गया है.
सहायक खाद्य आयुक्त एसपी सिंह के मुताबिक, जिन प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाया गया है, उनमें स्पेंसर, जेजे बेकर्स, भाटिया बेकरी जैसे लखनऊ के बड़े प्रतिष्ठान शामिल हैं. यह वो प्रतिष्ठान हैं, जहां उपभोक्ता इस भरोसे के साथ खाद्य सामग्री लेने जाता है कि वहां उन्हें बिना मिलावटी और ब्रांडेड सामग्री मिलेगी, लेकिन जांच में इसके विपरीत पाया गया है.
किन बड़े प्रतिष्ठानों पर हुआ है जुर्माना : फन रिपब्लिक मॉल में स्थित स्पेंसर गुड़ का पाउडर बिना ब्रांड के नाम का बेचा जा रहा था, जबकि प्रतिष्ठान के द्वारा उपभोक्ताओं से दावा किया जा रहा था कि वह ब्रांडेड है. उन पर तीन लाख रुपए का जुर्माना लगा है. वहीं लखनऊ के बेहटा में मौजूद स्पेंसर में बिना एक्सपेयरी डेट के पुदीना भुजिया बेची जा रही थी, इसके लिए 2,45000 का जुर्माना लगा. सीतापुर रोड पर स्थित मेट्रो रिटेल पर 2 लाख 30 हजार का जुर्माना लगा. मेट्रो रिटेल रसगुल्ला और मखाना बिना एक्सपेयरी डेट के बेचा जा रहा था. विभूतिखंड स्थित स्पेंसर में मानक के विपरीत सरसो का तेल बेचा जा रहा था, इस पर 1,65 हजार का जुर्माना लगा. नादान महल रोड स्थित जेजे बेकर्स बिना एक्सपायर डेट के बिस्कुट और चॉकलेट उपभोक्ताओं को दे रहे थे, इसके लिए 60 हजार का जुर्माना लगा. इसके अलावा यशोधरा इंडस्ट्रीज, हेल्थ जोन वेलनेस, मोल्युक्युल एयर बार समेत 23 प्रतिष्ठानों पर जुर्माना ठोंका गया है.
एसपी सिंह कहते हैं कि 'जब हम प्रतिष्ठानों पर छापेमारी करते हैं तो हमारी टीम के पास रैपिड टेस्ट किट होती है, जिससे हम खाद्य सामग्री की जांच कर लेते हैं या फिर उनका सैंपल लेकर फोरेंसिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजते हैं, हालांकि आम लोग भी हमारी टीम की ही तरह खाद्य सामग्री को जांच सकते हैं.'
खुद कर सकते हैं खाद्य सामग्री की जांच : दूध, खोया, छेना और पनीर असली है या नकली यह आसानी से जांचा जा सकता है. इसके लिए इन सामग्रियों के दो मिली सैंपल को लेकर उसमें पांच मिली पानी मिला लें. फिर सैंपल को ठंडा कर लें और इसमें टिंक्चर अश्वफ आयोडीन की दो बूंद मिला लें. सैंपल अगर नीला हो जाए तो समझ लीजिए उसमें स्टार्च की मिलावट की गई है.
घी और मक्खन की भी की जा सकती है जांच : मिलावटखोर घी और मक्खन में आलू व शकरकंदी समेत स्टार्च की मिलावट करते हैं. इसे जांचने के लिए एक कांच की कटोरी में आधा चम्मच घी या मक्खन लेना होगा. इसके बाद इसमें दो बूंद टिंक्चर अश्वफ आयोडीन मिला लीजिए. सैंपल यदि नीला हो जाए तो समझ लें कि घी या मक्खन में आलू, शकरकंदी या अन्य स्टार्च की मिलावट की गई है.
चीनी की घर बैठे जांच : चीनी में चॉक, खड़िया, पिट्ठी चीनी या गुड़ की मिलावट की जाती है. इसे जांचने के लिए कांच का एक पारदर्शी ग्लास लें, जिसमें पानी डाल लें. उस पानी में 10 ग्राम चीनी का सैंपल डाल दीजिए, यदि चीनी में पिठ्ठी चीनी, गुड़ या चॉक खड़िया मिला होगा तो मिलावटी पदार्थ गिलास के तले पर जाकर बैठ जाएगा.
मिठाई में लगे चांदी के वर्क की जांच : मिठाई की खूबसूरती बढ़ाने के लिए चांदी का वर्क इस्तमाल होता है, लेकिन इस खूबसूरती के पीछे सेहत से खिलवाड़ करने की साजिश भी होती है. मिलावटखोर चांदी की वर्क की जगह एल्यूमिनियम के वर्क का इस्तमाल करते हैं. इसकी भी जांच करने का तरीका है.
चांदी के वर्क के कुछ पत्र लेकर अपनी दो उंगलियों के बीच दबाए या मसलें : शुद्ध चांदी का वर्क आसानी से चुरा बन जायेगा, जबकि एल्यूमीनियम का वर्क के छोटे छोटे टुकड़े हो जायेंगे. इसके बाद फिर से मिलावटी सैंपल के कुछ वर्क लेकर उसकी एक गेंद जैसी बना लें और उसको मोमबत्ती की लौ से जला लें. शुद्ध चांदी वर्क पूरी तरह जल जायेगा और उसकी रख के चमकदार गोले बन जायेंगे, जबकि एल्यूमीनियम का वर्क पूरी तरह स्लेटी रंग की रख में बदल जायेगा.
हल्दी की जांच : मार्केट में नकली हल्दी भी जमकर बेची जाती है. असली हल्दी को पहचाने की भी तकनीकी मौजूद है. सबसे पहले पिसी हुई हल्दी को एक कांच के पारदर्शी गिलास में डाल दें और उसमे थोड़ा पानी भर दें. प्राकृतिक हल्दी पानी में डालते ही हल्का पीला रंग छोड़ती है और गिलास की तली में जाकर बैठ जाती है. मिलावटी हल्दी पानी में डालने पर तेज पिला रंग छोड़ती है और तली में जाकर बैठ जाती है.
कहां करें शिकायत : एसपी सिंह कहते है कि, 'खाद्य सामग्री की जांच करने पर यदि वह नकली निकले तो उपभोक्ता इसकी शिकायत कर सकता है. इसके लिए कई प्लेटफार्म हैं, जैसे मेल करने के लिए compliance@fssai.gov.in व्हाट्सएप करने के लिए 9868686868, टोल फ्री नंबर 1800112100 पर कॉल कर सकते हैं.'