लखनऊ : उप्र. आवास विकास परिषद अयोध्या में विकसित होने वाली नई योजना के लिए जमीन अधिग्रहण करेगा. इसके लिए 726.72 करोड़ रुपये खर्च होंगे. परिषद ग्राम मांझा बरेहटा गांव की 55.82 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करेगा. इस साल दिवाली तक इस योजना में पंजीकरण शुरू करने की उम्मीद जताई गई है. मांझा बरेहटा गांव की जमीन को लेकर कुछ विवाद था, इसके लिए नियोजन समिति बनाई गई थी. समिति ने बोर्ड को अपनी संस्तुति दी थी. इसमें अर्जन योग्य 55.82 एकड़ जमीन और चिन्हित की गई थी. परिषद ने इस जमीन को भी लेने का फैसला किया है. इस जमीन के अधिग्रहण के लिए अनुमानित लागत 726.72 करोड़ रुपये आगणित की गई है. यह पैसा किसानों को मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा.
आवास विकास अयोध्या में 1433 एकड़ में ग्रीन फील्ड टाउनशिप विकसित कर रहा है. आवास विकास माझा बरहेटा गांव की 241 एकड़ भूमि का और अधिग्रहण करने जा रहा है. यहां की करीब दो हेक्टेअर भूमि ग्राम सभा की शामिल है. इसे भी योजना में शामिल किया जाएगा. बुधवार को अपर प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में आवास विकास की 260वीं निदेशक मंडल की बैठक यह निर्णय लिया. अयोध्या के ग्राम माझा बरेहटा के लोगों ने कुल 158 आपत्तियां दाखिल थीं. समिति ने इन आपत्तियों की सुनवाई कर उनका निस्तारण किया. बोर्ड में इसका भी प्रस्ताव रखा गया था. बोर्ड ने यहां की घनी आबादी में स्थित भूखंडों की भूमि को असुधार शुल्क लेकर समायोजित करने का निर्णय लिया है.
अयोध्या में 264.26 करोड़ से बनेगी एलीवेटेड रोड : आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में फ्लाईओवर के निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को बजट देने का फैसला लिया गया है. अयोध्या में गोरखपुर बाईपास हाईवे पर ढाई किलोमीटर एलीवेटेड रोड बनाया जाएगा. इस फ्लाईओवर के निर्माण पर 264.26 करोड़ रुपए खर्च होगा. उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद अयोध्या में गोरखपुर बाईपास रोड के दोनों तरफ नई अयोध्या योजना का विकास कर रहा है. बीच से हाईवे निकलने की वजह से योजना को आपस में जोड़ने में दिक्कतें आ रही थीं. इसी को देखते हुए आवास विकास परिषद ने यहां एलिवेटेड रोड बनाने का फैसला लिया है.
एलिवेटेड रोड बनाने से नीचे से हाईवे के दोनों तरफ की आवास विकास की योजना आपस में जुड़ जाएगी. अंदर से ही दोनों तरफ की कनेक्टिविटी भी बन जाएगी. इसी को देखते हुए आवास विकास परिषद ने यहां करीब ढाई किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाने का फैसला किया है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इसके लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को आगणन भेजा था. उसने आवास विकास से 264.26 करोड़ रुपए मांगे थे. अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में बुधवार को आवास विकास परिषद में हुई बैठक में यह रकम दिए जाने का फैसला लिया गया. यह फ्लाईओवर आजमगढ़, अंबेडकर नगर अंडरपास के आगे से शुरू होगा और सरयू नदी पुल से पहले उतरेगा.
फ्लैट खरीदने वालों को मिलेगी भारी छूट : आवास विकास परिषद की विभिन्न योजनाओं में रिक्त फ्लैट खरीदने वालों को भारी छूट मिलेगी. जिन योजनाओं में अभी 20 से अधिक फ्लैट खाली पडे़ हैं. ऐसे फ्लैटों की संख्या करीब आठ हजार है. इन फ्लैटों के आवंटन में विशेष छूट मिलेगी. 60 दिन में फ्लैट की कीमत का एकमुश्त भुगतान करने पर 15 प्रतिशत की छूट मिलेगी. बुधवार को अपर प्रमुख सचिव व अध्यक्ष आवास विकास परिषद नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया. इसके अलावा 10 वर्ष तक भूखंड पर निर्माण न करने पर 40 प्रतिशत समयबृद्धि शुल्क वसूलने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई. बोर्ड में कुल 20 प्रस्ताव रखे गए थे. अपर आवास आयुक्त व सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बोर्ड में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि 'परिषद की योजना में 20 प्रतिशत से अधिक अनिस्तारित रिक्त फ्लैटों के आवंटन के बाद फ्लैट की कुल कीमत का एक मुश्त भुगतान 60 दिन में करने पर आवंटी को 15 प्रतिशत छूट मिलेगी. ऐसे करीब आठ हजार फ्लैट खाली पडे हैं. अवध विहार योजना के मंदाकिनी, अलकनंदा, सरयु, गोमती व वृंदावन योजना के अरावली, कैलाश, हिमालय एनक्लेव के रिक्त फ्लैटों में यह छूट मिलेगी. कानपुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद सहित कई योजनाओं के फ्लैटों में भी यह छूट मिलेगी, हालांकि इस छूट का फायदा 15 नवंबर 2023 तक ही मिल सकेगा.'
भूखंड की नीलामी कीमत का देना होगा 40 समयवृद्धि शुल्क! : आवास विकास की योजनाओं में अनावासीय भूखंड खरीद कर लंबे समय तक न बनवाना महंगा पडे़गा. संस्थाओं, बिल्डरों तथा व्यावसायियों ने आवास विकास से नीलामी में भूखंड खरीद लिया, लेकिन 10 वर्ष के बाद भी निर्माण नहीं कराया है. ऐसे आवंटियों को उस भूखंड की नीलामी कीमत का 40 समयवृद्धि शुल्क देना होगा. सचिव ने बताया कि 'परिषद की योजनाओं में फ्री होल्ड अनावासीय संपत्तियों का कब्जा लेने के बाद आवंटियों की ओर से निर्माण नहीं कराया गया. ऐसे भूखंडों पर 5 वर्ष तक निर्माण न कराने पर कोई शुल्क नहीं लगता है, इसके बाद छठे वर्ष में भूखंड का 5 प्रतिशत, 7वें वर्ष में भूखंड का 10 प्रतिशत, 8वें वर्ष में 15 प्रतिशत, 9वें वर्ष में 20 प्रतिशत तथा 10वें वर्ष में भूखंड की कीमत का 30 शुल्क देना होता है. मगर आवास विकास के पास कई 10-17 साल बाद भूखंड पर निर्माण के लिए मानचित्र पास कराने के लिए आवेदन दिए गए. इस पर बोर्ड ने 10 वर्ष से अधिक होने पर नीलामी मूल्य का 40 प्रतिशत समयबृद्धि शुल्क देकर मानचित्र स्वीकृति के लिए पांच वर्षोंं की समयबृद्धि किए जाने को मंजूरी प्रदान की है.'
गृहस्थान योजना लांच करने की तैयारी : मोहनलालगंज में नई जेल रोड भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना इसी साल लांच करने की तैयारी है. आवास विकास इस योजना को विकसित करने के लिए धारा-28 के अंतर्गत 265.324 एकड़ का गजट प्रकाशन करा चुका है. सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि 'इस योजना में 580.712 एकड़ भूमि को शामिल किया गया है. इसके नोटिफिकेशन के लिए भी बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. इसके अलावा धारा-31(1) के अंतर्गत 212.2082 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. इस जमीन के अधिग्रहण के लिए अनुमानित लागत 420.13 करोड़ रुपये है. यह राशि किसानों को मुआवजे में दी जाएगी.' वहीं बरेली में 561 हेक्टेअर में आवासीय योजना आवास विकास ला रहा है. 522.7197 हेक्टेअर जमीन के अधिग्रहण के लिए अनुमानित लागत 763.42 करोड़ रुपये को बोर्ड ने मंजूरी दे दी है.