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लखनऊ: आरपीएफ के हत्थे चढ़े कई टिकट दलाल - उत्तर प्रदेश खबर

रेलवे में टिकटों को लेकर हो रही धांधली पर रेलवे सुरक्षा बल ने कार्रवाई करते हुए कई दलालों को पकड़ा है. ये दलाल प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर के जरिए विभिन्न ट्रेनों में टिकटों की बुकिंग कर रहे थे. इनके पास से 23 ई-टिकट के साथ 20 हजार रुपये, दो लैपटॉप, दो मोबाइल फोन और प्रिंटर बरामद हुआ है.

रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट.
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Published : Sep 29, 2020, 3:57 AM IST

लखनऊ: रेलवे सुरक्षा बल की छापेमारी में ट्रेन के टिकटों की दलाली में कई दलाल हत्थे चढ़ गए. प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर के जरिए यह दलाल विभिन्न ट्रेनों में टिकटों की बुकिंग कर रहे थे. आरपीएफ के हत्थे चढ़े इन दलालों के पास से 23 ई-टिकट के साथ 20 हजार रुपये, दो लैपटॉप, दो मोबाइल फोन और प्रिंटर बरामद हुआ है. पूछताछ में दलालों ने टिकट के अलावा यात्रियों से दो-दो हजार रुपये अतिरिक्त वसूलने की बात स्वीकार की. दलालों के पास से करीब 37 हजार रुपये भी मिले हैं.

दलालों की पसंदीदा ट्रेनों में पुष्पक एक्सप्रेस व कुशीनगर एक्सप्रेस शुमार है. पिछले एक महीने में 320 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इसके लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी दलाली नहीं रुक रही है.

टिकट दलाली पर कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बेचने वाले दलाल को गिरफ्तार तो किया गया लेकिन उसके बाद कार्रवाई ठप हो गई. नतीजतन टिकट दलालों के रैकेट का पर्दाफाश नहीं हो सका. यही वजह है कि राजधानी में दो-दो हजार रुपए में प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर दुकानों में बिक रहे हैं. तत्काल टिकटों में प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर के जरिए सेंधमारी कर एक मिनट में बीस से भी ज्यादा टिकट बुक कर लिए जाते हैं. सीनियर सिटीजन कोटे में टिकट बुक करवा कर उस पर दूसरे यात्रियों को सफर करा दलाल बड़ी रकम कमाते हैं.

लखनऊ: रेलवे सुरक्षा बल की छापेमारी में ट्रेन के टिकटों की दलाली में कई दलाल हत्थे चढ़ गए. प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर के जरिए यह दलाल विभिन्न ट्रेनों में टिकटों की बुकिंग कर रहे थे. आरपीएफ के हत्थे चढ़े इन दलालों के पास से 23 ई-टिकट के साथ 20 हजार रुपये, दो लैपटॉप, दो मोबाइल फोन और प्रिंटर बरामद हुआ है. पूछताछ में दलालों ने टिकट के अलावा यात्रियों से दो-दो हजार रुपये अतिरिक्त वसूलने की बात स्वीकार की. दलालों के पास से करीब 37 हजार रुपये भी मिले हैं.

दलालों की पसंदीदा ट्रेनों में पुष्पक एक्सप्रेस व कुशीनगर एक्सप्रेस शुमार है. पिछले एक महीने में 320 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इसके लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी दलाली नहीं रुक रही है.

टिकट दलाली पर कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर बेचने वाले दलाल को गिरफ्तार तो किया गया लेकिन उसके बाद कार्रवाई ठप हो गई. नतीजतन टिकट दलालों के रैकेट का पर्दाफाश नहीं हो सका. यही वजह है कि राजधानी में दो-दो हजार रुपए में प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर दुकानों में बिक रहे हैं. तत्काल टिकटों में प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर के जरिए सेंधमारी कर एक मिनट में बीस से भी ज्यादा टिकट बुक कर लिए जाते हैं. सीनियर सिटीजन कोटे में टिकट बुक करवा कर उस पर दूसरे यात्रियों को सफर करा दलाल बड़ी रकम कमाते हैं.

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