लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने रिवर फ्रंट घोटाले (river front scam) केस में अधिशासी अभियंता रूप सिंह यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी. अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि जनता का करोड़ों का धन सिस्टम में बैठे भ्रष्ट लोग लूट लेते हैं. इस केस में जितने बड़े धन की बंदरबांट का मामला है उसमें यह कार्य सरकार में बैठे बड़ों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था. यादव को बड़ों का संरक्षण था जोकि यादव द्वारा रिवर फ्रंट का कार्य संपादित करने के लिए काम के बंटवारे में साफ दिखता है.
इस केस में 19 जून 2017 को गोमतीनगर थाने पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, बाद में शासन ने 21 जुलाई 2017 को जांच सीबीआई को सौंप दी थी. शासन ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से भी मामले की जांच कराई. सभी जांच में यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार में लिप्त होने के सबूत पाए जाने की बात आई.
जमानत का विरेाध करते हुए सीबीआई के अधिवक्ता अनुराग सिंह का तर्क था कि यादव के खिलाफ विवेचना में साफ आया है कि उन्होंने कार्य में अनियमितता, धोखा और जालसाजी किया.
यह भी पढ़ें : आवास विकास परिषद का वरिष्ठ सहायक पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार