लखनऊ: राजधानी में कम दरों पर फ्लैट व जमीन देने का प्रलोभन देकर सैकड़ों लोगों की खून पसीने की कमाई को डकारने वाले रोहतास हाउसिंग प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के डायरेक्टर परेश रस्तोगी की 116 करोड़ 23 लाख की संपत्ति कुर्क की गई है.
लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने 15 जून को रोहतास ग्रुप के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था. आरोपी परेश ने न सिर्फ लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी बल्कि बेची गई संपत्ति पर बैंक से लोन भी पास कराया था. परेश रस्तोगी और उसके गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के अलावा हजरतगंज, चिनहट, गौतमपल्ली, गोसाईंगंज और चिनहट में ठगी के 82 मुकदमे दर्ज हैं.
डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि हजरतगंज थाना क्षेत्र लाला लाजपतराय मार्ग के रहने वाले परेश रस्तोगी ने साल 2007 में रोहतास प्रोजेक्ट के नाम से फर्म बनाई थी. जिसके जरिए वह जमीन की खरीद-फरोख्त करता था. उन्होंने बताया कि परेश के भाई पीयूष रस्तोगी, रिश्तेदार पंकज रस्तोगी व परिचित नितिन भाटिया भी परेश की कंपनी में काम करते थे. सभी ने मिलकर बेनामी संपत्ति जुटाने के साथ ही निवेशकों को बेचे गए फ्लैट को बैंक में गिरवी रख कर लोन भी हासिल किया था और करोड़ों रुपये लोन की किस्तें अदा नहीं की गई. जिस पर बैंक ने फ्लैट के खरीदारों को नोटिस भेजा था.
इंस्पेक्टर गौतमपल्ली सुखबीर सिंह भदौरिया के अनुसार 15 जून को पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने गिरोह के मुखिया परेश रस्तोगी की 1 अरब 16 करोड़ 23 लाख रुपये की संपत्ति को चिह्नित करवाते हुए जब्त करने का आदेश पारित किया था. इंस्पेक्टर ने बताया कि परेश रस्तोगी के लखनऊ में स्थित जिन संपत्तियों की कुर्की होगी. उनमें कैलाश बिल्डिंग राणा प्रताप मार्ग, केएस ट्राइडेंट बिल्डिंग फैजाबाद रोड, बादशाहनगर मेट्रो स्टेशन के पास का भवन, हजरतगंज राजाराम मोहन राय मार्ग के पास बना भवन, गुड़ंबा कुर्सी रोड जेनेसिस क्लब के पास निर्माणाधीन बिल्डिंग व जालसाजी कर खरीदी गई 4 कार की कुर्की की गई है.
लखनऊ में दर्ज है 82 मुकदमे
परेश रस्तोगी के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज, गौतमपल्ली, विभूतिखंड व गोसाईंगंज थाने में 82 मुकदमे दर्ज हैं. सबसे अधिक 61 केस हजरतगंज थाने में, विभूतिखंड में 18, 2 चिनहट व 1 गौतमपल्ली में दर्ज है. लखनऊ पुलिस ने 2019 में गिरोहबंद की कार्रवाई की थी. इस दौरान कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट को गिरफ्तार किया गया था.
15 साल में बना अरबपति
प्रभारी निरीक्षक सूखबीर भदौरिया ने बताया कि परेश रस्तोगी ने साल 2007 में रियल स्टेट के धंधे में कदम रखा और रोहतास प्रोजेक्ट प्रा. लि. कंपनी खोलकर जमीनों की खरीद-फरोख्त शुरू की थी. आरोप है कि कंपनी के नाम से बेनामी संपत्तियां बनाई व 15 साल में अरबों की अवैध संपत्तियां खड़ी कर लीं. कंपनी में परेश के भाई व दोनों बेटे प्रमुख पदों पर थे. सभी ने मिलकर अवैध कमाई की.
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