लखनऊ: शुक्रवार को केजीएमयू (King George's Medical University) के डॉक्टरों ने छाती के आर-पार धंसी लोहे की मोटी रॉड (Rod crossed the chest) ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है. अयोध्या के पास बस हादसे में घायल क्लीनर की छाती में लोहे की मोटी रॉड आर-पार हो गई थी. फेफड़े और उसकी दीवार फट गई थी. तित्ली और आंतें भी क्षतिग्रस्त हो गई थीं. खून से लथपथ हालत में युवक को पुलिस केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर लाया गया था.
खून से लथपथ हाल में मरीज को गंभीर अवस्था में ट्रॉमा सेंटर लाया गया. यहां डॉक्टरों ने उनको देखा. जरूरी जांचें कराई. ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. नरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे. मरीज बेहोश हो चुका था. सांस लेने में तकलीफ थी. शरीर में ऑक्सीजन का स्तर भी कम था. डॉक्टरों ने तुंरत ऑपरेशन करने की सलाह दी.
तीन घंटे चला ऑपरेशन: किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ के डॉ. नरेंद्र कुमार और डॉ. समीर मिश्र का कहना है कि जांच में पता चला कि मरीज के फेफड़े व उसकी दीवार (डायफ्रॉम) फट चुकी है. तिल्ली, आंत समेत दूसरे अंगों को गंभीर नुकसान हुआ है. खून भी काफी बह गया था. ऑपरेशन (KGMU doctors successfully operated patient) के दौरान मरीज को दो यूनिट खून चढ़ाया गया. तीन घंटे चले ऑपरेशन में मरीज की रॉड निकाली गई. क्षतिग्रस्त अंगों को दुरुस्त किया गया.
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