लखनऊ : हिंसा की आग में इन दिनों मणिपुर जल रहा है. इससे इस राज्य का काफी नुकसान हुआ है. कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए यहां पर भारी तादाद में सिक्योरिटी जरूर तैनात की गई है, लेकिन अब भी विभिन्न राज्यों से मणिपुर में निवास करने वाले लोगों को चिंता सता रही है. घर परिवार से दूर पढ़ाई करने उत्तर प्रदेश से मणिपुर गए छात्रों के परिजनों ने उत्तर प्रदेश सरकार से बच्चों को सुरक्षित वापस लाने की मांग की थी. इसके बाद सरकार ने कदम उठाते हुए मणिपुर में रहकर पढ़ाई कर रहे कई छात्रों को अपने खर्चे पर वापस बुलाया. बुधवार सुबह लखनऊ के आलमबाग बस स्टेशन पर 31 छात्र-छात्राएं मणिपुर से वापस आए और उन्हें रोडवेज बसों से अन्य स्थानों के लिए रवाना किया गया.
चारबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत दीक्षित ने बताया कि शासन की तरफ से मणिपुर में रह रहे उत्तर प्रदेश के परिवारों को लाने के प्रयास किया गया. मणिपुर से दिल्ली तक फ्लाइट से और दिल्ली से रोडवेज बस से मंगलवार को 31 छात्र छात्राएं आलमबाग बस स्टेशन पहुंचे. यहां पर छात्र-छात्राओं ने मणिपुर के वर्तमान हालात बयां किए. एआरएम प्रशांत दीक्षित ने बताया कि कोई वहां से बीटेक कर रहा है कोई एमबीए तो कोई एमटेक की पढ़ाई कर रहा है. वर्तमान हालात को देखते हुए छात्र छात्राओं के परिजनों ने सरकार से वापस लाने की गुहार लगाई थी. इसके बाद मणिपुर से सभी छात्र छात्राओं को सरकार ने वापस बुलाया. इसके लिए छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया है. आलमबाग बस स्टेशन से इन सभी छात्र छात्राओं को उनके घरों तक बसों से मुफ्त में भेजा गया है.
बता दें, इससे पहले कोरोना काल के दौरान जब लॉकडाउन लगा था तब भी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं राजस्थान के कोटा में फंस गए थे. सरकार ने वहां से सभी छात्र-छात्राओं को रोडवेज बसों से वापस लाकर उनके घरों को भेजा था. अब जब मणिपुर में छात्र-छात्राओं को समस्या हुई तो भी सरकार ने व्यवस्था करते हुए सभी को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने में सहायता की है.
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