लखनऊ: बसों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है. प्रबंध निदेशक ने निर्देश देते हुए कहा कि डिपो से जब भी बस रोड पर संचालन के लिए निकले तो सुरक्षा से जुड़े 31 बिंदुओं का परीक्षण किया जाए. इसके बाद ही बस को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाए.
बता दें कि बसों से हो रही लगातार दुर्घटना में कई बार सामने आया कि तकनीकी रूप से बस अनफिट थी. ऐसे में प्रबंध निदेशक ने अनफिट बसों को रूट पर नहीं भेजने के सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने आदेश दिया कि-
- रोडवेज और अनुबंधित बसों की चेकिंग की जाए.
- खस्ताहाल बसों को 15 दिन में हर हाल में दुरुस्त किया जाए.
- सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक डिपो स्तर पर जांच करें और जांच के बाद रिपोर्ट क्षेत्रीय प्रबंधक को सौंपें.
- आरएम और एसएम रिपोर्ट तैयार करने के बाद मुख्यालय के प्रधान प्रबंधक को सौंपें.
- 31 जुलाई तक 300 किमी से अधिक दूरी तय करने वाली बसों का फिटनेस टेस्ट पूरा कर लिया जाए.
- दूसरे फेज में 15 अगस्त तक सभी बसों की जांच की जाए.
- बसों में तकनीकी खामियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
- अधिकारी गंभीरता से बसों की जांच करें और जांच रिपोर्ट तैयार करें.
प्रबंध निदेशक के निर्देश पर बसों की फाइनल फिटनेस रिपोर्ट क्षेत्रीय प्रबंधक और सेवा प्रबंधक से होते हुए परिवहन निगम मुख्यालय पर तैनात मुख्य प्रधान प्रबंधक के पास भेजी जाएगी. 31 बिंदुओं में बस के अंदर किसी भी बिंदु पर कमी पाए जाने पर जांचकर कार्रवाई की जाएगी.