लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस बेड़े से यूरो 2 और यूरो 4 बसों की विदाई हो रही है और नई बसें यूरो सिक्स मॉडल की खरीदी जा रही हैं. इसके साथ ही परिवहन निगम के सामने बड़ी समस्या यह खड़ी हो रही है कि कार्यशाला में मैकेनिक यूरो 4 और यूरो 6 बसों को दुरुस्त कर पाने में कुशल नहीं हैं. ऐसे में कुंभ मेले में खरीदी गईं 500 यूरो-4 मॉडल की बसों के इंजन की मरम्मत के लिए मैकेनिक ही नहीं हैं. ऐसे में बसों के इंजन में खराबी आने पर बाहर के मैकेनिकों से इंजन को दुरुस्त कराया जा रहा है. कई बार बसें मैकेनिक के अभाव में डिपो में ही खड़ी रह जाती हैं और सड़क पर यात्रियों को बसों के इंतजार में इधर-उधर भटकना पड़ता है. कई बसें मैकेनिकों के अभाव में कंडम होने लगी हैं.
परिवहन निगम में बसों की मरम्मत के लिए एक्सपर्ट मैकेनिकों की कमी है. बाहर से आईटीआई पास मैकेनिकों को बसों की मरम्मत के लिए रखा गया है, लेकिन अत्याधुनिक बसों के इंजन के आगे आईटीआई छात्र इंजन की खराबी को दूर करने में खुद को एक्सपर्ट साबित नहीं कर पा रहे हैं. एक्सपर्ट मैकेनिकों की भर्ती नहीं होने से बसों की खराबी को खुद की कार्यशाला के बजाय बाहर दुरुस्त कराना पड़ रहा है.
बसों की मरम्मत के लिए आउटसोर्सिंग से भर्ती किए गए आईटीआई कर्मियों से हर महीने वेतन से कटौती की जा रही हैं. यह कटौती इसलिए की जा रही है कि बसों की मरम्मत के मद में बजट कम मिला है. इसी बजट से हर आईटीआई कर्मियों को वेतन दिए जाने का टारगेट फिक्स किया गया है. हर माह आईटीआई कर्मियों से डेढ़ हजार से लेकर ढाई हजार तक की कटौती की जा रही है.
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