लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रोड नेटवर्क का बड़ा जाल बिछाया गया है. प्रदेश में रोड नेटवर्क के अंतर्गत बड़े पैमाने पर सड़कें बनाई गई हैं तो विकास की रफ्तार भी तेज हुई है. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर स्टेट हाईवे काफी संख्या में बनाए गए हैं. अगर सभी सड़कों की लंबाई की बात करें तो करीब ढाई लाख किलोमीटर सड़कों का जाल बिछाया गया है. इनमें 11,737 किलोमीटर का नेशनल हाईवे का रोड नेटवर्क तैयार हुआ है, जबकि 62 नेशनल हाईवे जिनकी लंबाई करीब 3010 किलोमीटर है जो कि निर्माणाधीन है.
यूपी में 11 हजार किमी है राष्ट्रीय राजमार्ग
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 81 नेशनल हाईवे हैं. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 11,737 किलोमीटर है. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 219 जो बिहार के मोहनिया से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के चंदौली में समाप्त होता है, जिसका 5 किलोमीटर का हिस्सा ही उत्तर प्रदेश में है और यह सबसे छोटा नेशनल हाईवे माना जाता है. इसके अलावा नेशनल हाईवे नंबर 34 उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा नेशनल हाईवे है. इसी तरह नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के अंतर्गत गोल्डन क्वाड्रीलेटरल एंड ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर का उत्तर प्रदेश के झांसी में जंक्शन है. ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर नेशनल हाईवे नंबर 27 जिसकी कुल लंबाई 4112 किलोमीटर है और उत्तर प्रदेश में 581 किलोमीटर लंबा है.
100 किमी है नेशनल हाईवे का ग्रिड
खास बात यह भी है कि उत्तर प्रदेश में रोड नेटवर्क के अंतर्गत 100 किलोमीटर का ग्रीन नेशनल हाईवे को जोड़ने वाला है. यानी प्रत्येक 100 किलोमीटर में नेशनल हाईवे किसी न किसी रूप में एक से दूसरे जगह को जोड़ता है, जो एक बड़ी उपलब्धि उत्तर प्रदेश के लिए मानी जाती है.
ये हैं देरी वाले प्रोजेक्ट और लंबाई
इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 33 ऐसे नेशनल हाईवे हैं, जिनका काम देरी से चल रहा है और इन 33 नेशनल हाईवे की लंबाई 15 से 11 किलोमीटर के आसपास है, जबकि इनकी कुल लागत 29091 करोड़ रुपये है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों का दावा है कि इन प्रोजेक्ट के कामकाज को रफ्तार दी जा रही है. नेशनल हाईवे का काम भी जल्द से जल्द पूरा हो और इसका लाभ प्रदेश की जनता को हो सके.
62 नेशनल हाईवे निर्माणाधीन, 3010 किमी है लंबाई
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में 62 नेशनल हाईवे का काम निर्माणाधीन है. इनकी लंबाई 3010 किलोमीटर है, जबकि इनकी कुल लागत 64,981 करोड रुपये है. इनके कामकाज में तेजी लाने को लेकर विभागीय अधिकारियों को लगातार दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं तो निर्माण करने वाली संबंधित कंपनियों को भी तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं.
तीन साल में बने हैं 41 प्रोजेक्ट
इसी प्रकार 41 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट का काम पिछले 3 वर्षों में पूरा हुआ है. इन 41 नेशनल हाईवे परियोजना की कुल लंबाई 1853 किलोमीटर है, जबकि इनकी कुल लागत 22066 करोड़ है.
देरी से बंद हुए ये प्रोजेक्ट
इसके अलावा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में तीन महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को देरी होने के कारण बंद कर दिया गया है. हालांकि एक बार फिर इन्हें शुरू करने को लेकर प्रयास दोबारा शुरू किए जा रहे हैं. यूपी में बंद तीन नेशनल हाईवे को फिर से शुरू कराए जाने को लेकर मंत्रालय की तरफ से प्रक्रिया शुरू किए जाने की जानकारी मिल रही है. इनमें गाजियाबाद से अलीगढ़ जिसकी लंबाई 126 किलोमीटर है और इसकी कुल लागत 1026 करोड़ रुपये है. बरेली से सितारगंज की लंबाई 74 किलोमीटर है, जिसकी लागत 145 करोड रुपये हैं, जबकि दिल्ली रूट पर बरेली से सीतापुर 157 किलोमीटर नेशनल हाईवे का काम बंद किया गया है, जिसकी लागत 697 करोड़ है.
यूपी में रोड़ नेटवर्क में स्टेट हाइवे व अन्य सड़कों की स्थिति
उत्तर प्रदेश में स्टेट हाईवे की बात की जाए तो 12,827 किलोमीटर है. वहीं प्रमुख जिला मार्गों की बात की जाए तो करीब 10 हजार किलोमीटर का रोड नेटवर्क है. अन्य जिला मार्गों की बात की जाए तो 49 हजार 27 किलोमीटर का सड़क नेटवर्क तैयार किया गया है. ग्रामीण मार्गों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में 1लाख 76 हजार 698 किलोमीटर ग्रामीण संपर्क मार्ग का नेटवर्क तैयार किया गया है.
नेशनल हाईवे से विकास की रफ्तार तेज
उत्तर प्रदेश इंजीनियर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी आशीष कुमार यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में करीब ढाई लाख किलोमीटर का रोड नेटवर्क तैयार है. इसमें 81 नेशनल हाईवे हैं, जबकि तमाम अन्य परियोजनाएं निर्माणाधीन चल रही हैं. विशाल रोड नेटवर्क की वजह से प्रदेश में विकास की रफ्तार भी तेज है और लगातार रोड नेटवर्क को और मजबूत करने का काम केंद्र व राज्य सरकार के स्तर पर किया जा रहा है. वहीं देरी के कारण से जो कुछ परियोजनाएं बंद हुई हैं, उन्हें एक बार फिर शुरू करने को लेकर भी शीर्ष स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं.