लखनऊ: कोरोना वायरस लोगों की जिंदगियां लील रहा है. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने देश मे लॉकडाउन लागू किया है. लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में हैं. सड़कों पर ट्रैफिक नहीं के बराबर है. इससे सड़क हादसों में गिरावट आई है. सड़क दुर्घटना कम होने से लोगों की मौत में भी कमी देखने को मिली है. नगर निगम के शवदाह गृहों से लेकर ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े यही कह रहे हैं, कोरोना संकट के बीच से यह समाचार सुखद अहसाह कराने वाला है.
मार्च 2019 और 2020 के आंकड़ों की तुलना
लखनऊ ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक 2019 के मार्च महीने में 140 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें 52 लोगों की मृत्यु भी हो गई थी. इन हादसों में 73 लोग घायल हुए थे. वहीं अप्रैल में 135 सड़क दुर्घटनाओं में 41 लोगों को जान गवांनी पड़ी थी और 73 लोग घायल हुए थे.
अगर मार्च 2020 में देखा जाए तो सड़क दुर्घटनाओं में भारी गिरावट आई है. मार्च माह में 98 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जोकि पिछले मार्च की अपेक्षा 42 कम है. इन दुर्घटनाओं में 25 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी. वहीं इन दुर्घटनाओं में 72 लोग घायल हुए हैं. कुल मिलाकर 2019 की अपेक्षा 2020 के मार्च माह में 27 मौतें कम हुई.
मौतों की संख्या में कमी का कारण लॉकडाउन
मौतों की संख्या में गिरावट का सबसे बड़ा कारण लॉकडाउन बताया जा रहा है. ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल माह का डेटा जब सामने आएगा तो निश्चित तौर पर उसमें भी दुर्घटनाओं में भारी गिरावट देखने को मिलेगी.
लखनऊ की डीसीपी ट्रैफिक चारू निगम का कहना है कि अगर ट्रैफिक है तो उस दौरान ट्रैफिक नियमों का अनुपालन नहीं हो रहा होता है. इस कारण ही एक्सीडेंट होते हैं. लॉकडाउन के दौरान एक्सीडेंट नहीं हो रहे हैं. हमे हमेशा ही यातयात नियमों का पालन करना चाहिए. यदि यातायात नियमों का पालन करेंगे तो सड़क दुर्घटनाओं को हम रोक सकेंगे. खुद को और अपनों को भी सुरक्षित रख सकेंगे.