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मजदूरों और किसानों की तरफ नहीं सरकारों का ध्यान: आरएलडी - प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

कोरोना संकट को देखते हुए मोदी सरकार की तरफ से जारी आर्थिक पैकेज पर राष्ट्रीय लोकदल ने सवाल उठाए हैंं. आरएलडी राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि, केंद्र सरकार की तरफ से जारी पैकेज में किसानों के लिए कुछ नहीं है. यह सरकार सिर्फ अमीरों के साथ है और मजदूरों और किसानों की तरफ इसका कोई ध्यान नहीं है.

rld national spokesperson anil dubey
आरएलडी राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे
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Published : May 15, 2020, 9:33 PM IST

लखनऊ: मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज पर राष्ट्रीय लोकदल ने कई सवाल उठाए हैंं. राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि, केंद्र सरकार ने अपने आर्थिक पैकेज को लेकर जो घोषणाएं की हैं वो किसानों को निराश करने वाली हैं. वित्त मंत्री ने कहीं पर भी यह नहीं बताया कि इस कोरोना संकट काल मे किसान का जो नुकसान हुआ है और अगले महीनों में जो नुकसान होने वाला है, उसकी भरपाई कैसे होगी.

'गन्ना भुगतान पर बात नहीं'
आरएलडी प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि, यूपी में गन्ना किसानों का 16 हजार करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है. जिसके लिए वित्त मंत्री ने कोई घोषणा नहीं की. साथ ही लॉकडाउन के चलते फल, सब्जी के किसान भी बर्बाद हो गये हैं. सरकार ने उनके नुकसान की भरपाई के लिए कोई योजना नहीं बनायी है.

'किसानों के लिए सब्सिडी नहीं'
साथ ही उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि में अपेक्षित वृद्धि नहीं की गई है और ना ही महंगे खाद बीज, बिजली, उर्वरक और डीजल के दाम में किसानों के लिए कोई विशेष सब्सिडी की घोषणा की गयी है. इसके साथ ही आर्थिक सुधार के नाम पर भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की आशंका से किसानों में रोष है.

'सरकार अमीरों के साथ'
आरएलडी प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि, पैकेज में किसानों को और ज्यादा कर्ज देने की घोषणा हुई. फसल के दाम की कोई बात नहीं हुई. बजट में पूर्व में घोषित स्कीम पढ़ी गई. तत्काल के लिए कुछ भी नहीं है. जिसे देखते हुए सभी लोग जान गए हैं कि ये सरकार अमीरों के साथ है और मज़दूर, किसान, ग़रीब के ख़िलाफ़ है.

सहायता पैकेज की मांग
राष्ट्रीय लोकदल ने प्रदेश सरकार से प्रवासी मज़दूरों को उनके घर भेजने और लॉकडाउन के दौरान किसानों को होने वाले नुकसान का अंदाज़ा लगा तत्काल सहायता देने की मांग की है.

लखनऊ: मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज पर राष्ट्रीय लोकदल ने कई सवाल उठाए हैंं. राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि, केंद्र सरकार ने अपने आर्थिक पैकेज को लेकर जो घोषणाएं की हैं वो किसानों को निराश करने वाली हैं. वित्त मंत्री ने कहीं पर भी यह नहीं बताया कि इस कोरोना संकट काल मे किसान का जो नुकसान हुआ है और अगले महीनों में जो नुकसान होने वाला है, उसकी भरपाई कैसे होगी.

'गन्ना भुगतान पर बात नहीं'
आरएलडी प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि, यूपी में गन्ना किसानों का 16 हजार करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है. जिसके लिए वित्त मंत्री ने कोई घोषणा नहीं की. साथ ही लॉकडाउन के चलते फल, सब्जी के किसान भी बर्बाद हो गये हैं. सरकार ने उनके नुकसान की भरपाई के लिए कोई योजना नहीं बनायी है.

'किसानों के लिए सब्सिडी नहीं'
साथ ही उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि में अपेक्षित वृद्धि नहीं की गई है और ना ही महंगे खाद बीज, बिजली, उर्वरक और डीजल के दाम में किसानों के लिए कोई विशेष सब्सिडी की घोषणा की गयी है. इसके साथ ही आर्थिक सुधार के नाम पर भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की आशंका से किसानों में रोष है.

'सरकार अमीरों के साथ'
आरएलडी प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि, पैकेज में किसानों को और ज्यादा कर्ज देने की घोषणा हुई. फसल के दाम की कोई बात नहीं हुई. बजट में पूर्व में घोषित स्कीम पढ़ी गई. तत्काल के लिए कुछ भी नहीं है. जिसे देखते हुए सभी लोग जान गए हैं कि ये सरकार अमीरों के साथ है और मज़दूर, किसान, ग़रीब के ख़िलाफ़ है.

सहायता पैकेज की मांग
राष्ट्रीय लोकदल ने प्रदेश सरकार से प्रवासी मज़दूरों को उनके घर भेजने और लॉकडाउन के दौरान किसानों को होने वाले नुकसान का अंदाज़ा लगा तत्काल सहायता देने की मांग की है.

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