लखनऊ : एक तरफ उत्तर प्रदेश में 'इंडिया' गठबंधन में शामिल पार्टियां एक दूसरे के सहयोग से चुनाव (Nawab Ahmed Hamid joins Congress) लड़ने के दावे कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव से पूर्व खटास देखने को मिल रही है. लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोक दल को कांग्रेस ने बड़ा झटका दिया है. रालोद नेता नवाब अहमद हामिद ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया. बीते दो दिनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दो बड़े मुस्लिम चेहरों ने कांग्रेस की सदस्यता ली है. शनिवार को बसपा छोड़कर पूर्व विधायक इमरान मसूद ने दिल्ली में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. अहमद हमीद का परिवार पूर्व में कांग्रेस में रह चुका है. उनके दादा नवाब कोकब हामिद बागपत से विधायक रहने के साथ ही प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. बागपत के नवाब फैमिली का कांग्रेस में जाना रालोद के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. नवाब अहमद हमीद मौजूदा समय में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव थे. इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री ओमवीर सिंह ने भी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली है.
आगामी लोकसभा चुनाव में करीब 10 महीने से भी कम का समय बचा है. देश भर के राजनीतिक दलों ने मिलकर 'इंडिया' गठबंधन भी बनाया है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो 'इंडिया' गठबंधन में कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल व समाजवादी पार्टी सहित कई छोटे दल शामिल हैं. राजनीतिक दलों की ओर से लोकसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है. नेताओं की जिम्मेदारी दी जा रही, लेकिन इस बीच 'इंडिया' गठबंधन में एक दूसरे के नेताओं को तोड़ने को लेकर राजनीतिक बाजार काफी गर्म है.
नवाब अहमद हामिद के परिवार का बागपत में काफी प्रभावी माना जाता है. उनके दादा स्व. नवाब कोकब हामिद पांच बार के विधायक और तीन बार मंत्री भी रहे थे. नवाब अहमद हमीद ने 2022 में रालोद के टिकट से चुनाव लड़ा था. बागपत विधानसभा सीट से वह प्रत्याशी थे, लेकिन भाजपा के प्रत्याशी योगेश धामा से वह चुनाव हार गए थे. उससे पहले वह वर्ष 2017 में बसपा से चुनाव लड़े थे और दूसरे स्थान पर रहे थे. पिता नवाब कोकब हमीद के निधन के बाद से ही उन्होंने अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को संभाला था.