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आरके विश्वकर्मा आज होंगे रिटायर, अब कौन होगा अगला कार्यवाहक DGP?

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Published : May 31, 2023, 6:41 AM IST

यूपी में एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी तैनात किया जाएगा. कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा (Acting DGP RK Vishwakarma) आज रिटायर हो गए हैं.

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लखनऊ: यूपी में एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी (Acting DGP RK Vishwakarma) तैनात किया जाएगा. ये इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा आज रिटायर (RK Vishwakarma retired) हो गए हैं. यूपी सरकार ने अब तक यूपीएससी को डीजीपी के चयन के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा था. ऐसे में चर्चा का बाजार गर्म है कि सरकार आरके विश्वकर्मा को तीन माह का एक्सटेंशन देकर उनका कार्यकाल बढ़ा सकती है या फिर डीजी सीबीसीआईडी/विजिलेंस को अगला कार्यवाहक डीजीपी बनाएगी.

वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी व वर्तमान में कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा आज रिटायर हो जाएंगे. जिसके बाद डीजीपी की रेस में आईपीएस पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल, डीजी सहकारिता आनंद कुमार और डीजी सीबीसीआईडी व विजिलेंस विजय कुमार और केंद्र में तैनात सफी एहसान रिजवी सीनियारिटी में सबसे ऊपर हैं. हालांकि गृह विभाग के सूत्रों की मानें, तो सरकार ने अब तक यूपीएससी को डीजीपी चयन के लिए प्रस्ताव ही नही भेजा है. ऐसे में सरकार या तो आर के विश्वकर्मा को तीन माह का सेवा विस्तार देकर उनका कार्यकाल बढ़ाएगी या फिर कार्यवाहक डीजीपी की हैट्रिक लगाई जाएगी.

कार्यवाहक डीजीपी के लिए चर्चा में आए नाम पर गौर करें तो मुकुल गोयल को योगी सरकार खुद डीजीपी के पद से हटा चुकी है. ऐसे में अब वो दोबारा पुलिस मुखिया बनने को रेस से बाहर है. सीनियारिटी में दूसरे नंबर पर आनंद कुमार आते हैं. हालांकि बीते दिनों कुछ घटना क्रमों से योगी सरकार उनसे नाराज है, जिसके चलते उन्हें डीजी जेल से हटाते हुए सहकारिता प्रकोष्ठ भेज दिया था. ऐसे में अगर सरकार की आनंद कुमार से अब तक उनसे नाराज़गी दूर नहीं हुई, तो आईपीएस विजय कुमार नए कार्यवाहक डीजीपी के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. विजय का रिटायरमेंट 2024 में होना है.

विजय कुमार सियासी गणित पर होते है सेट: राजनीतिक विश्लेषक राघवेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक, दो माह पहले निकाय चुनाव से पहले मार्च में तत्कालीन डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद योगी सरकार ने अखिलेश यादव के विश्वकर्मा जाति पर दिए गए बयान का तोड़ निकालते हुए आरके विश्वकर्मा को डीजीपी बना बड़ा संदेश दिया था. अब जब अगले वर्ष आम चुनाव हैं, ऐसे में योगी सरकार एक बड़े समूह को खुश करने के लिए दलित वर्ग से आने वाले आईपीएस विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बना सकती है.


क्यों नही मिल पा रहा है स्थाई DGP: 11 मई 2022 को तत्कालीन डीजीपी मुकुल गोयल को सरकार ने यह कह कर पद से हटा दिया था कि उन्होंने शासकीय कार्यों की अवहेलना की और विभागीय कार्यों में रुचि नहीं ले रहे थे. सरकार ने डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बना नए डीजीपी के लिए यूपीएससी को प्रस्ताव भेजा, लेकिन आयोग ने बैरंग उस प्रस्ताव को वापस भेजते हुए सरकार से मुकुल गोयल को पद मुक्त करने का ठोस कारण पूछ लिया था. फिलहाल तभी से अब तक सरकार आयोग को डीजीपी के चयन लिए प्रस्ताव नही भेज सकी है और कार्यवाहक डीजीपी बना रही है.


कैसे होती है DGP की नियुक्ति: किसी भी राज्य के डीजीपी की नियुक्ति के लिए सरकार ऐसे डीजी रैंक के आईपीएस अधिकारियों के नाम संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजती है. इनका कार्यकाल कम से कम छह महीने का बचा हुआ होता है. आयोग में यूपीएससी के चैयरमैन या यूपीएससी का सदस्य इम्पैनलमेंट कमेटी के अध्यक्ष होते है. उनके अलावा भारत सरकार के गृह सचिव या विशेष सचिव, राज्य के मुख्यसचिव, वर्तमान डीजीपी व केंद्रीय बल का कोई एक चीफ शामिल होते है.

आयोग तीन सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल राज्य सरकार को भेजता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार डीजीपी की नियुक्ति कम से कम दो वर्ष के लिए होती है. डीजीपी को हटाने की प्रक्रिया सर्विस रूल्स के उल्लंघन या क्रिमिनल केस में कोर्ट का फैसला आने, भ्रष्टाचार साबित होने पर शुरू होती है. या डीजीपी को तब हटाया जा सकता है जब वह अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हो.


और भी कई आईपीएस हो रहे आज रिटायर: कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा के अलावा आज डीजी विशेष जांच चंद्र प्रकाश, आईजी आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) राम लाल वर्मा और एसपी विजिलेंस मानिक चंद्र सरोज आज रिटायर होंगे.

ये भी पढ़ें- गैंगरेप के बाद पेट्रोल डालकर किशोरी को जिंदा जलाया, इलाज के दौरान मौत

लखनऊ: यूपी में एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी (Acting DGP RK Vishwakarma) तैनात किया जाएगा. ये इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा आज रिटायर (RK Vishwakarma retired) हो गए हैं. यूपी सरकार ने अब तक यूपीएससी को डीजीपी के चयन के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा था. ऐसे में चर्चा का बाजार गर्म है कि सरकार आरके विश्वकर्मा को तीन माह का एक्सटेंशन देकर उनका कार्यकाल बढ़ा सकती है या फिर डीजी सीबीसीआईडी/विजिलेंस को अगला कार्यवाहक डीजीपी बनाएगी.

वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी व वर्तमान में कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा आज रिटायर हो जाएंगे. जिसके बाद डीजीपी की रेस में आईपीएस पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल, डीजी सहकारिता आनंद कुमार और डीजी सीबीसीआईडी व विजिलेंस विजय कुमार और केंद्र में तैनात सफी एहसान रिजवी सीनियारिटी में सबसे ऊपर हैं. हालांकि गृह विभाग के सूत्रों की मानें, तो सरकार ने अब तक यूपीएससी को डीजीपी चयन के लिए प्रस्ताव ही नही भेजा है. ऐसे में सरकार या तो आर के विश्वकर्मा को तीन माह का सेवा विस्तार देकर उनका कार्यकाल बढ़ाएगी या फिर कार्यवाहक डीजीपी की हैट्रिक लगाई जाएगी.

कार्यवाहक डीजीपी के लिए चर्चा में आए नाम पर गौर करें तो मुकुल गोयल को योगी सरकार खुद डीजीपी के पद से हटा चुकी है. ऐसे में अब वो दोबारा पुलिस मुखिया बनने को रेस से बाहर है. सीनियारिटी में दूसरे नंबर पर आनंद कुमार आते हैं. हालांकि बीते दिनों कुछ घटना क्रमों से योगी सरकार उनसे नाराज है, जिसके चलते उन्हें डीजी जेल से हटाते हुए सहकारिता प्रकोष्ठ भेज दिया था. ऐसे में अगर सरकार की आनंद कुमार से अब तक उनसे नाराज़गी दूर नहीं हुई, तो आईपीएस विजय कुमार नए कार्यवाहक डीजीपी के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. विजय का रिटायरमेंट 2024 में होना है.

विजय कुमार सियासी गणित पर होते है सेट: राजनीतिक विश्लेषक राघवेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक, दो माह पहले निकाय चुनाव से पहले मार्च में तत्कालीन डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद योगी सरकार ने अखिलेश यादव के विश्वकर्मा जाति पर दिए गए बयान का तोड़ निकालते हुए आरके विश्वकर्मा को डीजीपी बना बड़ा संदेश दिया था. अब जब अगले वर्ष आम चुनाव हैं, ऐसे में योगी सरकार एक बड़े समूह को खुश करने के लिए दलित वर्ग से आने वाले आईपीएस विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बना सकती है.


क्यों नही मिल पा रहा है स्थाई DGP: 11 मई 2022 को तत्कालीन डीजीपी मुकुल गोयल को सरकार ने यह कह कर पद से हटा दिया था कि उन्होंने शासकीय कार्यों की अवहेलना की और विभागीय कार्यों में रुचि नहीं ले रहे थे. सरकार ने डीएस चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बना नए डीजीपी के लिए यूपीएससी को प्रस्ताव भेजा, लेकिन आयोग ने बैरंग उस प्रस्ताव को वापस भेजते हुए सरकार से मुकुल गोयल को पद मुक्त करने का ठोस कारण पूछ लिया था. फिलहाल तभी से अब तक सरकार आयोग को डीजीपी के चयन लिए प्रस्ताव नही भेज सकी है और कार्यवाहक डीजीपी बना रही है.


कैसे होती है DGP की नियुक्ति: किसी भी राज्य के डीजीपी की नियुक्ति के लिए सरकार ऐसे डीजी रैंक के आईपीएस अधिकारियों के नाम संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजती है. इनका कार्यकाल कम से कम छह महीने का बचा हुआ होता है. आयोग में यूपीएससी के चैयरमैन या यूपीएससी का सदस्य इम्पैनलमेंट कमेटी के अध्यक्ष होते है. उनके अलावा भारत सरकार के गृह सचिव या विशेष सचिव, राज्य के मुख्यसचिव, वर्तमान डीजीपी व केंद्रीय बल का कोई एक चीफ शामिल होते है.

आयोग तीन सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का एक पैनल राज्य सरकार को भेजता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार डीजीपी की नियुक्ति कम से कम दो वर्ष के लिए होती है. डीजीपी को हटाने की प्रक्रिया सर्विस रूल्स के उल्लंघन या क्रिमिनल केस में कोर्ट का फैसला आने, भ्रष्टाचार साबित होने पर शुरू होती है. या डीजीपी को तब हटाया जा सकता है जब वह अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हो.


और भी कई आईपीएस हो रहे आज रिटायर: कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्वकर्मा के अलावा आज डीजी विशेष जांच चंद्र प्रकाश, आईजी आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) राम लाल वर्मा और एसपी विजिलेंस मानिक चंद्र सरोज आज रिटायर होंगे.

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