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महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का खतरा ज्यादा: प्रो. एसपी जैसवार

महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का खतरा (risk of ovarian cancer in women) खतरा ज्यादा होता है. यह बातें केजीएमयू के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसपी जैसवार ने अस्पताल में एक कार्यक्रम (World Ovarian Cancer Day Program) के दौरान मौजूद गर्भवती महिलाओं से कहीं.

महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का खतरा  risk of ovarian cancer in women
risk of ovarian cancer in women
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Published : May 15, 2023, 7:25 AM IST

लखनऊ: ओवेरियन कैंसर को यूट्रस कैंसर या अंडाशय का कैंसर भी कहते हैं. यह कैंसर होने पर अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं. एक महिला में दो अंडाशय होते हैं, जिसमें से एक अंडाशय गर्भाशय के बायीं और दूसरा दायीं तरफ स्थित होता है. यह कैंसर बुजुर्ग महिलाओं में ओवेरियन कैंसर ज्यादा होता है. यह बातें केजीएमयू के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसपी जैसवार (Professor SP Jaiswar) ने अस्पताल में रविवार को एक कार्यक्रम में मौजूद गर्भवती महिलाओं से कहीं. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अगर कोई महिला नियमित व्यायाम करती है और स्वस्थ भोजन करती है, तो वह ओवेरियन कैंसर की होने की संभावना को कम कर सकती है.

पैथोलॉजी विभाग के साथ प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने रविवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के सेल्बी हॉल में विश्व ओवेरियन कैंसर दिवस (World Ovarian Cancer Day) मनाया. प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के एचओडी प्रोफेसर एसपी जैसवार ने अतिथियों, शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों और ओवेरियन कैंसर (risk of ovarian cancer in women) के मरीजों का स्वागत किया. इसके बाद प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की जननांग कैंसर नियंत्रण इकाई की प्रभारी प्रोफेसर निशा सिंह ने जागरूकता वार्ता की.

प्रो. एसपी जैसवार ने कहा कि जो महिलाएं बांझ हैं या कम समता है उनमें ओवेरियन कैंसर के विकास की संभावना अधिक होती है. शुरूआती चरण के कैंसर के लक्षणों में पेट फूलना, भारीपन, दर्द, परिपूर्णता का अहसास और पेशाब संबंधी शिकायतें शामिल हैं. 10-15% महिलाओं को वंशानुगत ओवेरियन कैंसर हो सकता है. इसलिए यदि परिवार की अन्य महिलाएं डिम्बग्रंथि के स्तन या एंडोमेट्रियल कैंसर से पीड़ित हैं, तो ऐसी महिलाओं को वंशानुगत कैंसर क्लिनिक में परामर्श लेना चाहिए. परिवार के पूरा होने के बाद मौखिक गर्भ निरोधक गोलियों के उपयोग और अंडाशय को हटाने से ओवेरियन कैंसर को रोका जा सकता है.

इसके बाद वाइस चांसलर प्रो. विनीत शर्मा ने ओवेरियन कैंसर से ठीक हुए सात मरीजों का अभिनंदन किया. पिछले एक दशक में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में इन मरीजों का इलाज किया गया. मरीजों की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच थी. दो मरीजों ने ओवेरियन कैंसर के निदान और उपचार का अनुभव व्यक्त किया. पैथोलॉजी विभाग के एचओडी पैथोलॉजी डॉ. रिद्धि जायसवाल और डॉ. शिवांजलि सहित वरिष्ठ सदस्यों के साथ एक रैली द्वारा सम्मान कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान रैली किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कैंपस में सेल्बी हॉल से कलाम सेंटर तक गई.

ओवेरियन कैंसर का इलाज: उन्होंने बताया कि ओवेरियन कैंसर का उपचार कई तरह से किया जा सकता है. कैंसर विशेषज्ञ सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, दवाएं या सर्जरी के साथ कीमोथेरेपी का संयोजन का प्रयोग करते हैं. ओवेरियन कैंसर का उपचार करने के लिए कभी-कभी रेडियोथेरेपी का भी उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा अच्छे खान-पान और नियमित योगा व एक्सरसाइज के जरिए इससे होने से रोका जा सकता है.

लखनऊ: ओवेरियन कैंसर को यूट्रस कैंसर या अंडाशय का कैंसर भी कहते हैं. यह कैंसर होने पर अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं. एक महिला में दो अंडाशय होते हैं, जिसमें से एक अंडाशय गर्भाशय के बायीं और दूसरा दायीं तरफ स्थित होता है. यह कैंसर बुजुर्ग महिलाओं में ओवेरियन कैंसर ज्यादा होता है. यह बातें केजीएमयू के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसपी जैसवार (Professor SP Jaiswar) ने अस्पताल में रविवार को एक कार्यक्रम में मौजूद गर्भवती महिलाओं से कहीं. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अगर कोई महिला नियमित व्यायाम करती है और स्वस्थ भोजन करती है, तो वह ओवेरियन कैंसर की होने की संभावना को कम कर सकती है.

पैथोलॉजी विभाग के साथ प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ने रविवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के सेल्बी हॉल में विश्व ओवेरियन कैंसर दिवस (World Ovarian Cancer Day) मनाया. प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के एचओडी प्रोफेसर एसपी जैसवार ने अतिथियों, शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों और ओवेरियन कैंसर (risk of ovarian cancer in women) के मरीजों का स्वागत किया. इसके बाद प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की जननांग कैंसर नियंत्रण इकाई की प्रभारी प्रोफेसर निशा सिंह ने जागरूकता वार्ता की.

प्रो. एसपी जैसवार ने कहा कि जो महिलाएं बांझ हैं या कम समता है उनमें ओवेरियन कैंसर के विकास की संभावना अधिक होती है. शुरूआती चरण के कैंसर के लक्षणों में पेट फूलना, भारीपन, दर्द, परिपूर्णता का अहसास और पेशाब संबंधी शिकायतें शामिल हैं. 10-15% महिलाओं को वंशानुगत ओवेरियन कैंसर हो सकता है. इसलिए यदि परिवार की अन्य महिलाएं डिम्बग्रंथि के स्तन या एंडोमेट्रियल कैंसर से पीड़ित हैं, तो ऐसी महिलाओं को वंशानुगत कैंसर क्लिनिक में परामर्श लेना चाहिए. परिवार के पूरा होने के बाद मौखिक गर्भ निरोधक गोलियों के उपयोग और अंडाशय को हटाने से ओवेरियन कैंसर को रोका जा सकता है.

इसके बाद वाइस चांसलर प्रो. विनीत शर्मा ने ओवेरियन कैंसर से ठीक हुए सात मरीजों का अभिनंदन किया. पिछले एक दशक में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में इन मरीजों का इलाज किया गया. मरीजों की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच थी. दो मरीजों ने ओवेरियन कैंसर के निदान और उपचार का अनुभव व्यक्त किया. पैथोलॉजी विभाग के एचओडी पैथोलॉजी डॉ. रिद्धि जायसवाल और डॉ. शिवांजलि सहित वरिष्ठ सदस्यों के साथ एक रैली द्वारा सम्मान कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान रैली किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कैंपस में सेल्बी हॉल से कलाम सेंटर तक गई.

ओवेरियन कैंसर का इलाज: उन्होंने बताया कि ओवेरियन कैंसर का उपचार कई तरह से किया जा सकता है. कैंसर विशेषज्ञ सर्जरी, कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, दवाएं या सर्जरी के साथ कीमोथेरेपी का संयोजन का प्रयोग करते हैं. ओवेरियन कैंसर का उपचार करने के लिए कभी-कभी रेडियोथेरेपी का भी उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा अच्छे खान-पान और नियमित योगा व एक्सरसाइज के जरिए इससे होने से रोका जा सकता है.

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