लखनऊ : लगातार हो रही बारिश कई जिलों में बाढ़ की आशंका पैदा कर रही है. अब तक दो दर्जन से ज्यादा जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है. नेपाल के तराई वाले इलाकों और उत्तराखंड में हो रही बारिश का सीधा असर प्रदेश के कई जिलों पर पड़ता है. बारिश और बाढ़ की समस्या के साथ संक्रामक रोगों का खतरा भी पैदा हो जाता है. खास तौर पर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पेयजल संक्रमित हो जाता है और यही बीमारियों का सबसे बड़ा कारण बनता है. वहीं कई क्षेत्रों में बाढ़ आदि से पशुओं की मौत आदि से भी बीमारियों जन्म लेती हैं. सरकार अपने स्तर पर सभी प्रबंध जरूर कर रही है, लेकिन लोगों को भी अपने स्तर पर सावधानी बरतनी होगी.
संचारी रोगों पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जो स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. शासन स्तर पर बैठकें कर जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए जा रहे हैं. नगरीय निकाय निदेशालय ने नगर आयुक्तों, जलकल विभाग, जल संस्थान के महाप्रबंधकों और नगर पालिका परिषदों को प्रतिदिन किए गए कार्यों की रिपोर्ट निदेशालय को भेजने के लिए भी कहा है. प्रदेश सरकार जुलाई माह में विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान और दिमागी बुखार के प्रति जागरूकता लाने के लिए व्यापक पैमाने पर अभियान चला रही है. संचारी रोग अभियान की शुरुआत एक जुलाई से हो चुकी है, जबकि दस्तक अभियान 17 से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा.
संक्रामक रोगों के खतरे को देखते हुए शासन स्तर पर निर्देश दिए गए हैं कि शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग कराने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई हाई रिस्क क्षेत्रों की सूची तैयार की जाए और ऐसे क्षेत्रों में विशेष नजर रखी जाए. लोगों को इस मौसम में खासतौर पर व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए. साथ ही खुले में शौच करने से भी बचना चाहिए. शुद्ध पेयजल का प्रयोग और मच्छरों की रोकथाम के उपाय आपको कई बीमारियों से बचा सकते हैं. सरकारी स्तर पर उथले हैंडपंप का प्रयोग रोकने के लिए उन्हें लाल रंग से चिह्नित किया जाना. ऐसे नलों का पानी दूषित हो जाता है, जिससे बीमारियों का खतरा बना रहता है. हैंडपंप के पास सोकपिट आदि का निर्माण नहीं करना चाहिए.
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