लखनऊ: बुधवार को राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal) के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की. उन्हें ज्ञापन देकर प्रदेश में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान (voter verification campaign) में हो रही धांधलियों की जांच कराने की मांग की.
राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कहा है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पत्रांक संख्या 660/सीईओ 4-14/4-2023 (टी0सी0-11) पांच अक्टूबर 2023 के अनुपालन में अर्हता तिथि दो फरवरी 2024 के आधार पर विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 27 अक्टूबर 2023 से नौ दिसंबर तक (पत्र के क्रमांक 15 पर अंकित) आयोजित किया गया. इसके अनुपालन के लिए सभी बीएलओ की तरफ से फार्म पांच, फार्म सात और फार्म आठ का निस्तारण नौ दिसंबर तक किया गया, लेकिन अन्तिम तिथिके समाप्त होने के बाद भी फार्म सात प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में हजारों की संख्या में आये हैं जो मूल मतदाताओं ने नहीं भरे हैं.
हजारों की संख्या में आये प्रारूप सात फार्मों में मतदाताओं को अनुपस्थित/स्थायी रूप से स्थानान्तरण दिखाया गया है.
उन्होंने प्रदेश में चलाये जा रहे मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम सूची में जोड़े जा रहे नाम व काटे जा रहे नाम, संशोधन किये जा रहे नामों की सूची राष्ट्रीय लोकदल को उपलब्ध कराने और सूची के सत्यापन कार्य के लिए विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की अवधि बढ़ाने की भी मांग की. मुख्य निर्वाचन अधिकारी से 2024 के लोकसभा चुनाव की निष्पक्षता बरकरार रखने की मांग करते हुए कहा कि निष्पक्ष चुनाव के लिए सख्त कार्रवाई किया जाना आवश्यक है.
यह भी स्पष्ट हो जाना चाहिए कि अन्तिम तिथि नौ दिसंबर बीत जाने के बाद भी फार्म प्रारूप सात को जिला निर्वाचन अधिकारियों की तरफ से क्यों स्वीकार किया गया? मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधि मण्डल में मुख्य रूप से प्रदेश महासचिव अम्बुज पटेल, रविन्द्र मिश्रा, सुमित सिंह, मुकेश कुमार वर्मा शामिल रहे.