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अब सरकारी स्कूलों में रिटायर्ड अध्यापक करेंगे सपोर्टिव सुपरविजन, यह होंगे मानक

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के रिटायर्ड अध्यापकों (Retired teachers) को एक बार फिर से नियुक्त करने का फैसला लिया है. दरअसल, सरकार इन रिटायर्ड अध्यापकों को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रही है.

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Published : Sep 30, 2022, 7:17 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के रिटायर्ड अध्यापकों (Retired teachers) को एक बार फिर से नियुक्त करने का फैसला लिया है. दरअसल, सरकार इन रिटायर्ड अध्यापकों को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रही है. उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने एक आदेश जारी किया. जिसमें यह कहा गया कि रिटायर्ट अध्यापकों को स्कूलों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण (supportive supervision) के लिए नियुक्त किया जाएगा.


सरकार के द्वारा तय किए गए मानक में रिटायर्ड अध्यापकों (Retired teachers) की नियुक्ति होनी है. 70 वर्ष से कम आयु के टीचर्स मेंटरिंग के लिए एलिजिबल होंगे और उनका कार्यकाल एक साल का होगा. चुने गए हर टीचर अपने कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू करवाने से पहले एक साल के बाद एक परफॉर्मेंस अप्रैजल से गुजरेगा. सेलेक्शन में उन टीचर्स को वरीयता दी जाएगी जो राज्य या राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता हैं. साथ ही उनके पास असिस्टेंट टीचर या हेड टीचर (प्रिंसिपल) के रूप में कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए.

सरकारी स्कूलों में रिटायर्ड अध्यापक
सरकारी स्कूलों में रिटायर्ड अध्यापक

यह भी पढ़ें : कहां खर्च हो रही है स्पोर्ट्स फीस, स्कूलों से लिया जाएगा हिसाब

इन सभी मानकों के आधार पर सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए अध्यापकों को चुना जाएगा. इसके लिए अध्यापकों को 2,500 रुपये हर महीने मोबिलिटी अलावेंस के रूप में दिया जाएगा. इसके अलावा कोई अतिरिक्त मानदेय नहीं दिया जाएगा. हर चुने गए टीचर को प्रेरणा ऐप के जरिए से कम से कम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सपोर्टिव सुपरविजन करना होगा.

यह भी पढ़ें : अब कांपने लगे हैं मुख्तार अंसारी एंड फैमली के घुटने, पूरा साम्राज्य हुआ जमींदोज

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के रिटायर्ड अध्यापकों (Retired teachers) को एक बार फिर से नियुक्त करने का फैसला लिया है. दरअसल, सरकार इन रिटायर्ड अध्यापकों को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपने जा रही है. उप्र बेसिक शिक्षा परिषद के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने एक आदेश जारी किया. जिसमें यह कहा गया कि रिटायर्ट अध्यापकों को स्कूलों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण (supportive supervision) के लिए नियुक्त किया जाएगा.


सरकार के द्वारा तय किए गए मानक में रिटायर्ड अध्यापकों (Retired teachers) की नियुक्ति होनी है. 70 वर्ष से कम आयु के टीचर्स मेंटरिंग के लिए एलिजिबल होंगे और उनका कार्यकाल एक साल का होगा. चुने गए हर टीचर अपने कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू करवाने से पहले एक साल के बाद एक परफॉर्मेंस अप्रैजल से गुजरेगा. सेलेक्शन में उन टीचर्स को वरीयता दी जाएगी जो राज्य या राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता हैं. साथ ही उनके पास असिस्टेंट टीचर या हेड टीचर (प्रिंसिपल) के रूप में कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए.

सरकारी स्कूलों में रिटायर्ड अध्यापक
सरकारी स्कूलों में रिटायर्ड अध्यापक

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इन सभी मानकों के आधार पर सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए अध्यापकों को चुना जाएगा. इसके लिए अध्यापकों को 2,500 रुपये हर महीने मोबिलिटी अलावेंस के रूप में दिया जाएगा. इसके अलावा कोई अतिरिक्त मानदेय नहीं दिया जाएगा. हर चुने गए टीचर को प्रेरणा ऐप के जरिए से कम से कम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सपोर्टिव सुपरविजन करना होगा.

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