लखनऊ: सेवानिवृत्त कर्मचारियों और पेंशनर्स ने बुधवार को लखनऊ में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया. प्रदेश भर के पेंशनर व कर्मचारी इस धरने में शामिल हुए. 23 सूत्री मांगों को लेकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने प्रदर्शन (Retired employees and pensioners protest in Lucknow) किया. सेवानिवृत्त कर्मचारियों की कैशलेस इलाज की सुविधा को बेहतर बनाने के साथ ही महंगाई भत्ता जारी करने की मांग की है. प्रदेश सरकार से सेवानिवृत कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान देने की भी बात कही है.
इस मौके पर सेवानिवृत्ति कर्मचारी पेंशनर एसोसिएशन (Retired Employees Pensioners Association) के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने कहा कि रिटायर होने के बाद सेवानिवृत्त कर्मी को इलाज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, लेकिन उनको न तो व्यावहारिक रूप से कैशलेस इलाज की सुविधा मिल रही है और न ही समय पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिलों का भुगतान ही मिल पा रहा है. इससे उनके सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है.
उन्होंने कहा है कि जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 माह के दिए डीए व एरियर का भुगतान करने, एनपीएस के स्थान पर ओपीएस लागू करने और एनपीएस से आच्छादित कार्मिकों को भी हेल्थ कार्ड जारी करने, पेंशनर्स को 65,b70 और 75 वर्ष की आयु पर क्रमशः पांच, 10 और 15% पेंशन वृद्धि प्रदान करने, 30 जून व 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त कार्मिक को एक वेतन वृद्धि देकर पेंशन पुनरीक्षण करने, एनपीएस लागू होने के पूर्व विज्ञापित पदों पर चयनित कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का शासनादेश जारी करने सहित अन्य मांगों पर अब तक उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई ध्यान ही नहीं दिया है.
यही वजह है कि पेंशनर्स मैदान में उतरकर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. इस मौके पर पेंशनर्स ने सरकार को चेताया है कि सेवानिवृत कर्मचारियों के मांगों पर सरकार ध्यान दे नहीं तो कर्मचारी बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे.