लखनऊः थाना गोमती नगर विस्तार के लॉकअप में बंद उमेश गौतम की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी. मामले में पुलिस ने एक रिटायर्ड डीआइजी के नौकर को गिरफ्तार किया है. दिव्यांग नौकर उमेश के भाई रामलाल ने मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी. गोमतीनगर पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि नौकर राजकुमार के दोनों भाई भी इस हत्याकांड में शामिल हैं. गोमती नगर विस्तार पुलिस दोनों भाइयों को जेल भेजने की तैयारी कर रही है.
रिटायर्ड डीआइजी बनवा रहे थे रो-हाउसेज
आशियाना निवासी रिटायर्ड डीआईजी उदय शंकर जायसवाल गोमती नगर विस्तार थाना क्षेत्र में खरगापुर के कौशलपुरी में रो-हाउसेज बनवा रहे हैं. रिटायर्ड डीआईजी का नौकर राजकुमार अपने परिवार संग उनके यहां रहकर काम करता है. नौकर राजकुमार ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि गुरुवार रात करीब 2 बजे उमेश उनके घर में चोरी करने घुसा था. उसने अपने दो भाइयों की मदद से उमेश को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. पुलिस ने उसे लॉकअप में रखा था, जहां उसने कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
आत्महत्या में नहीं हुई पुष्टि
उमेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी लगाने की पुष्टि नहीं हुई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला था कि उसकी मौत दम घुटने से हुई है. इस पूरे मामले पर दिव्यांग उमेश के भाई गुड्डू ने राजकुमार समेत 3 लोगों पर हत्या का केस दर्ज कराया था.
रिटायर्ड डीआईजी की भूमिका भी संदिग्ध
वहीं पुलिस अधिकारियों की माने तो पूरी घटना रिटायर्ड डीआईजी उदयशंकर जयसवाल के निर्माणाधीन रो-हाउसेस में हुई थी. पुलिस की पूछताछ में राजकुमार ने बताया कि उमेश को पकड़ने के बाद सबसे पहले इसकी जानकारी रिटायर्ड डीआईजी को दी गई थी. ऐसे में रिटायर्ड डीआईजी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है.
डीसीपी पूर्वी सोमेन वर्मा ने बताया कि मामले की शुरुआती जांच में पता चला है कि 3 घंटे तक राजकुमार और उसके भाइयों ने उमेश को बंधक बनाकर रखा था. इस दौरान उसकी खूब पिटाई भी की गई थी. फिलहाल आगे की कार्रवाई की जा रही है.