लखनऊ : उत्तर प्रदेश यूथ कांग्रेस पश्चिम के अध्यक्ष ओमवीर यादव ( Youth Congress West UP President Omveer Yadav) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका इस्तीफा तब आया है जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए यूथ कांग्रेस का चुनाव कर रही है. ऐसे में यूथ कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी का प्रदेश संगठन से इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के अंदर नए घमासान को हवा दे दी है. ओमवीर यादव ने इस्तीफा देते समय पार्टी में संगनात्मक चुनाव में धन बल के प्रयोग होने का आरोप लगाया है. साथ ही इस पूरे चुनावी प्रक्रिया को काफी महंगा बताया है.
ओमवीर यादव ने अपना इस्तीफा पार्टी के यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दिया है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि 'मैं 6 साल से प्रदेश अध्यक्ष हूं. हर स्थिति में मैंने संगठन को अपना 100 प्रतिशत दिया और कोई भी कार्यकर्ता कभी किसी मोर्चे पर पीछे नहीं हटा. संगठनात्मक चुनाव कराने से पहले मुझसे पूछा तक नहीं अगर आप पूछते तो मैं अभी इस चुनाव को टालने की बात करता, क्योंकि जब हमारा काम अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी से लड़ने का समय है. तब हम संगठन के कार्यकर्ताओं को चुनाव में एक दूसरे के सामने लड़ने को बोल रहे हैं. उन्होंने पत्र में आगे लिखा की महत्वपूर्ण बात यह भी है कि पूरे प्रदेश में राजनीतिक हालात बदले हुए हैं. लोकसभा चुनाव सिर पर है, राजनीति के समीकरण कांग्रेस पार्टी के पक्ष में होते जा रहे हैं. इस स्थिति में चुनाव कराना घातक साबित होगा. जब हम सबको मिलकर मजबूती से लोगों को जोड़ने की जरूरत है तो कई महीने चलने वाली लंबी चुनावी प्रक्रिया में जा रहे हैं. चुनाव के संगठन में प्रदेश के नेताओं में भी गुटबाजी होगी, जिससे हमें भारी नुकसान पहुंचेगा. यदि चुनाव जरूरी ही हो गया है, तो इसे लोकसभा चुनाव तक डाला जा सकता है. सिर्फ यूथ कांग्रेस ही नहीं बल्कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी और नेता भी यूथ कांग्रेस संगठन चुनाव के पक्ष में नहीं है. वह चुप सिर्फ इसलिए हैं और दबी आवाज में कह रहे हैं उन्हें लगता है या पार्टी हाई कमान और राहुल गांधी के आदेश अनुसार संगठन का चुनाव हो रहा है.'
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि 'एक अनुशासित कार्यकर्ता के तौर पर हर निर्देश का पालन किया. पार्टी के निर्देशानुसार 21 सितंबर को मेंबरशिप लॉन्चिंग के मौके पर बहुत दुखी मन से लखनऊ पहुंच और प्रेसवार्ता में उपस्थित रहा. मेरे मन में पद का स्वार्थ लेस मात्रा भी नहीं है, लेकिन पार्टी हित और कार्यकर्ताओं के भविष्य की चिंता जरूर है. हो सकता है कि कुछ लोग मेरे इस कदम को पॉलिटिकल ड्राॅमा या अपनी ओर ध्यान आकर्षित करने का तरीका मान सकते हैं.'