मथुरा: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जा चुकी है. अब मथुरा और काशी से भी मस्जिद हटाकर मंदिर निर्माण की बात बार-बार सामने आ रही है. वहीं मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि का मामला कोर्ट में पहुंच गया है. जन्मभूमि परिसर को लेकर मथुरा की कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इसमें शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है. हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि मथुरा आपसी सौहार्द का प्रतीक रहा है, जिसे कुछ लोग तोड़ने का काम कर रहे हैं.
लखनऊ के अधिवक्ता हरी शंकर जैन ने मथुरा न्यायालय में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर को मस्जिद मुक्त बनाने के लिए याचिका डाली है, जिसकी सोमवार को सुनवाई होनी है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि और मस्जिद को लेकर स्थानीय लोगों की राय अलग है. उनका कहना है कि मथुरा नगरी एक प्रेमभाव और नि:स्वार्थ की नगरी है. यहां कभी संप्रदायिक तौर पर माहौल खराब नहीं हुआ. हिंदू-मुस्लिम सभी मिलकर त्योहार मनाते हैं. आपसी सौहार्द और बेहतर तालमेल यहां की मिसाल है. स्थानीय लोगों का मानना है कि कृष्ण जन्मभूमि को लेकर कुछ लोग अपना चेहरा चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. कृष्ण की नगरी में प्रेम और सुंदरता का भाव नजर आता है.
अधिवक्ता राघवेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं. अधिवक्ता ने कहा कि याचिककर्ता हरी शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन सनातनी हैं, उन्हें जैन धर्म छोड़कर फिर से सनातन धर्म अपनाना चाहिए. उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की नीतियों को समझने की बेहद जरूरत है. कोर्ट में रिपीटेशन दाखिल करने से पहले वे हिंदू धर्म अपनाते तो बेहतर होता. उनका कहना है कि कृष्ण की नगरी में हिंदू और मुस्लिम सभी राधे-राधे बोलते हैं. मथुरा के लोग राधा-कृष्ण में आस्था रखते हैं. कुछ लोग यहां सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.