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लखनऊः आईपीएस अधिकारी को बड़ी राहत, मुकदमा दर्ज करने की मांग खारिज - आईपीएस अधिकारी को राहत

विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पाण्डेय ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर, क्राइम ब्रांच लखनऊ के पूर्व इंस्पेक्टर दीपन व अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर को बड़ी राहत दी है. विशेष न्यायाधीश ने गाजियाबाद निवासी महिला के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

आईपीएस अधिकारी को बड़ी राहत
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Published : Jul 24, 2019, 9:41 PM IST

लखनऊः वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर, क्राइम ब्रांच लखनऊ के पूर्व इंस्पेक्टर दीपन व अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कराने की मांग की गई थी. जिसे विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पाण्डेय ने खारिज कर दिया है.

गाजियाबाद निवासी महिला ने प्रार्थना पत्र देते हुए कहा था कि नूतन ठाकुर और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति ने साथ मिलकर साजिश करने के सम्बंध में उसके व उसके पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें मुकदमे के विवेचक ने उसे तथा उसके पति को धमकियां दीं और जेल भेजने का दबाव बनाकर फर्जी बयान दर्ज कर लिया था.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि प्रार्थी द्वारा कोर्ट में उपस्थित न हो कर अपनी बात कहने की जगह स्थगन आवेदन पत्र दिया जाता रहा, जो सही है. लिहाजा कोर्ट ने महिला द्वारा अपने प्रार्थना पत्र पर बल देने हेतु उपस्थित नहीं होने के कारण उसे खारिज कर दिया. मामले में नूतन ठाकुर का कहना था कि उनके द्वारा महिला व पति पर मुकदमा दर्ज कराया गया था,जिसमें वे एक लम्बे समय से फरार हैं और उनकी कुर्की भी हो चुकी है.

लखनऊः वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर, क्राइम ब्रांच लखनऊ के पूर्व इंस्पेक्टर दीपन व अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कराने की मांग की गई थी. जिसे विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पाण्डेय ने खारिज कर दिया है.

गाजियाबाद निवासी महिला ने प्रार्थना पत्र देते हुए कहा था कि नूतन ठाकुर और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति ने साथ मिलकर साजिश करने के सम्बंध में उसके व उसके पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें मुकदमे के विवेचक ने उसे तथा उसके पति को धमकियां दीं और जेल भेजने का दबाव बनाकर फर्जी बयान दर्ज कर लिया था.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि प्रार्थी द्वारा कोर्ट में उपस्थित न हो कर अपनी बात कहने की जगह स्थगन आवेदन पत्र दिया जाता रहा, जो सही है. लिहाजा कोर्ट ने महिला द्वारा अपने प्रार्थना पत्र पर बल देने हेतु उपस्थित नहीं होने के कारण उसे खारिज कर दिया. मामले में नूतन ठाकुर का कहना था कि उनके द्वारा महिला व पति पर मुकदमा दर्ज कराया गया था,जिसमें वे एक लम्बे समय से फरार हैं और उनकी कुर्की भी हो चुकी है.

आईपीएस अधिकारी को बड़ी राहत, मुकदमा दर्ज करने की मांग खारिज
विधि संवाददाता
लखनऊ
। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर, क्राइम ब्रांच, लखनऊ के पूर्व इंस्पेक्टर दीपन व अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करने की मांग को लेकर दिया गया प्रार्थना पत्र विशेष न्यायाधीश, एससी-एसटी एक्ट, लखनऊ संजय शंकर पाण्डेय ने ख़ारिज कर दिया है
    उक्त प्रार्थना पत्र देते हुए, गाजियाबादा निवासी महिला कहा था कि नूतन ठाकुर के द्वारा पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के साथ मिलकर साजिश करने के सम्बंध में उसके व उसके पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें मुकदमे के विवेचक ने उसे तथा उसके पति को धमकियां दीं तथा जेल भेजने का दबाव बनाकर फर्जी बयान दर्ज कर लियाकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि प्रार्थी द्वारा कोर्ट में उपस्थित हो कर अपनी बात कहने की जगह स्थगन आवेदन पत्र दिया जाता रहा, जो सही है लिहाजा कोर्ट ने महिला द्वारा अपने प्रार्थनापत्र पर बल देने हेतु उपस्थित नहीं होने के कारण उसे ख़ारिज कर दिया। उक्त मामले में नूतन ठाकुर का कहना था कि उनके द्वारा महिला व पति पर मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें वे एक लम्बे समय से फरार हैं तथा उनकी कुर्की भी हो चुकी है

 


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Chandan Srivastava
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