लखनऊ: कोरोना वायरस महामारी ने प्रचंड रूप ले लिया है. देश में इस घातक वायरस के कारण हाहाकार मचा है. इसी बीच कुछ जिम्मेदार लोग मदद के लिए सामने आ रहे तो कहीं जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही भी सामने आ रही है. राजधानी में आरआरटी (रिजनल रैपिड ट्रांजिट टीम) पर होम आइसोलेटेड रोगियों को दवा पहुंचाने का जिम्मा था, उन्होंने न तो संबंधित रोगियों से संपर्क किया और न ही उन्हें दवाएं भी उपलब्ध कराई. कोविड प्रभारी डॉ. रोशन जैकब ने टीम पर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
कॉल सेंटर से 242 लोगों को किए गए फोन
आरआरटी टीमों की यह लापरवाही उस समय सामने आई, जब प्रभारी अधिकारी कोविड-19 डॉ. रोशन जैकब ने खुद संबंधित रोगियों को फोन कर हाल पूछा. लखनऊ की प्रभारी अधिकारी (कोविड-19) डाॅ. रोशन जैकब ने बताया कि काॅल सेंटर से कुल 242 लोगों से संपर्क किया गया. जिसमें 42 व्यक्तियों ने यह सूचना दी कि उनसे आरआरटी टीम ने न ही संपर्क किया और न ही उन्हें दवाएं दी हैं.
इसे भी पढ़ें : रोगी को अस्पताल में भर्ती करने के लिए RTPCR रिपोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं: रोशन जैकब
विभागीय कार्रवाई के निर्देश
डॉ. रोशन जैकब ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि संबंधित प्रभारी चिकित्साधिकारियों से भ्रामक रिपोर्टिंग किए जाने पर स्पष्टीकरण प्राप्त करें. साथ ही इनके विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जाए. कोविड पॉजिटिव लोगों के साथ होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों को भी आरआरटी द्वारा दवा उपलब्ध कराई जाए.