लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में घोटालों की फेहरिस्त लंबी है. टिकट घोटाला, ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला, ग्रीस घोटाला, मेंटेनेंस घोटाला, डीजल घोटाला जैसे तमाम घोटाले सामने आ चुके हैं. अब निगम के अधिकारियों का एक नया कारनामा सामने आ रहा है. प्रयागराज क्षेत्र में एजेंसी के जरिए संविदा परिचालकों की भर्ती निकाली गई. भर्ती में कई कंडक्टर को नियुक्ति भी दी गई, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है की परिचालकों की भर्ती प्रयागराज क्षेत्र में हुई, लेकिन तैनाती लखनऊ के कैसरबाग में दे दी गई, जबकि परिवहन निगम के नियमानुसार यह संभव नहीं है कि किसी भी क्षेत्र में संविदा की भर्ती के कर्मचारियों को उसी क्षेत्र के डिपो में तैनाती दी जा सकती है, अन्य किसी क्षेत्र के डिपो में नहीं, लेकिन प्रयागराज क्षेत्र में ऐसा किया गया. हालांकि रोडवेज के अधिकारियों का मानना है कि जरूरत के मुताबिक किसी भी क्षेत्र में परिचालकों को तैनात किया जा सकता है.
क्षेत्रीय प्रबंधक की बात
लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार का कहना है कि रोडवेज में टेंडर निकालते समय जितने पद होते हैं उससे 20 परसेंट अतिरिक्त भर्ती की जा सकती है. इन्हीं परिचालकों को जरूरत के मुताबिक विभिन्न क्षेत्रों में रखा जाता है. लखनऊ में प्रयागराज रीजन और देवीपाटन रीजन से कुछ परिचालकों को रखा गया है. हालंकि यह नियम कब से शुरू हुआ, कोई प्रपत्र हो तो उपलब्ध करा दीजिए, इस पर आरएम ने कोई जवाब नहीं दिया. उनका कहना है कि ये सब मुख्यालय से होता है, वहीं से पता लगेगा.
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