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यूपी परिवहन निगम में संविदा परिचालक की भर्तियों में घोटाले की आशंका, जानिए क्या कह रहे अधिकारी

घोटालों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाला उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में एक बार फिर प्रयागराज में संविदा परिचालक की भर्ती को लेकर संदेह के घेर में है. हालांकि अधिकारी इसे सामान्य बात बता रहे हैं, लेकिन यूनियन के पदाधिकार इस पर सवाल उठा रहे हैं.

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Published : Jun 17, 2023, 9:31 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में घोटालों की फेहरिस्त लंबी है. टिकट घोटाला, ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला, ग्रीस घोटाला, मेंटेनेंस घोटाला, डीजल घोटाला जैसे तमाम घोटाले सामने आ चुके हैं. अब निगम के अधिकारियों का एक नया कारनामा सामने आ रहा है. प्रयागराज क्षेत्र में एजेंसी के जरिए संविदा परिचालकों की भर्ती निकाली गई. भर्ती में कई कंडक्टर को नियुक्ति भी दी गई, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है की परिचालकों की भर्ती प्रयागराज क्षेत्र में हुई, लेकिन तैनाती लखनऊ के कैसरबाग में दे दी गई, जबकि परिवहन निगम के नियमानुसार यह संभव नहीं है कि किसी भी क्षेत्र में संविदा की भर्ती के कर्मचारियों को उसी क्षेत्र के डिपो में तैनाती दी जा सकती है, अन्य किसी क्षेत्र के डिपो में नहीं, लेकिन प्रयागराज क्षेत्र में ऐसा किया गया. हालांकि रोडवेज के अधिकारियों का मानना है कि जरूरत के मुताबिक किसी भी क्षेत्र में परिचालकों को तैनात किया जा सकता है.

परिवहन निगम में संविदा परिचालक की भर्तियों में घोटाले की आशंका.
परिवहन निगम में संविदा परिचालक की भर्तियों में घोटाले की आशंका.
परिवहन निगम में ऐसा मामला पहली बार सामने आया है जब एक एजेंसी के जरिए संविदा कंडक्टर की भर्ती किस क्षेत्र में हुई हो और उनकी नियुक्ति किसी क्षेत्र में की गई हो. मामला प्रयागराज रीजन से जुड़ा हुआ है. यहां पर जरूरत के मुताबिक संविदा परिचालक की भर्ती निकाली गई. एक एजेंसी को इसके लिए हायर किया गया. एजेंसी ने संविदा परिचालकों की भर्ती की, लेकिन प्रयागराज क्षेत्र में हुई इस भर्ती के कई परिचालकों को लखनऊ भेज दिया गया. वजह है कि लखनऊ में परिचालकों की काफी कमी है. उन्हें कैसरबाग बस स्टेशन पर ज्वाइनिंग भी दे दी गई. जब मामला सामने आया तो यूनियन की तरफ से सवाल खड़े किए गए. कहा गया कि अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी परिक्षेत्र में कोई नौकरी निकली हो और अन्य क्षेत्र में तैनाती दी गई हो. इसी तरह की वैकेंसी हरदोई और कानपुर क्षेत्र में भी निकाली गई, लेकिन जब मामला खुला तो भर्ती रद्द कर दी गई, पर प्रयागराज क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. यूनियन नेताओं का आरोप है कि इस भर्ती में खूब लेनदेन हुआ है और इसी वजह से प्रयागराज में भर्ती परिचालकों को लखनऊ में तैनाती दी गई है.



क्षेत्रीय प्रबंधक की बात

लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार का कहना है कि रोडवेज में टेंडर निकालते समय जितने पद होते हैं उससे 20 परसेंट अतिरिक्त भर्ती की जा सकती है. इन्हीं परिचालकों को जरूरत के मुताबिक विभिन्न क्षेत्रों में रखा जाता है. लखनऊ में प्रयागराज रीजन और देवीपाटन रीजन से कुछ परिचालकों को रखा गया है. हालंकि यह नियम कब से शुरू हुआ, कोई प्रपत्र हो तो उपलब्ध करा दीजिए, इस पर आरएम ने कोई जवाब नहीं दिया. उनका कहना है कि ये सब मुख्यालय से होता है, वहीं से पता लगेगा.


यह भी पढ़ें : कौशांबी में युवक ने दो बकरियों का किया रेप, ग्रामीणों ने पकड़ कर किया पुलिस के हवाले

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में घोटालों की फेहरिस्त लंबी है. टिकट घोटाला, ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला, ग्रीस घोटाला, मेंटेनेंस घोटाला, डीजल घोटाला जैसे तमाम घोटाले सामने आ चुके हैं. अब निगम के अधिकारियों का एक नया कारनामा सामने आ रहा है. प्रयागराज क्षेत्र में एजेंसी के जरिए संविदा परिचालकों की भर्ती निकाली गई. भर्ती में कई कंडक्टर को नियुक्ति भी दी गई, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है की परिचालकों की भर्ती प्रयागराज क्षेत्र में हुई, लेकिन तैनाती लखनऊ के कैसरबाग में दे दी गई, जबकि परिवहन निगम के नियमानुसार यह संभव नहीं है कि किसी भी क्षेत्र में संविदा की भर्ती के कर्मचारियों को उसी क्षेत्र के डिपो में तैनाती दी जा सकती है, अन्य किसी क्षेत्र के डिपो में नहीं, लेकिन प्रयागराज क्षेत्र में ऐसा किया गया. हालांकि रोडवेज के अधिकारियों का मानना है कि जरूरत के मुताबिक किसी भी क्षेत्र में परिचालकों को तैनात किया जा सकता है.

परिवहन निगम में संविदा परिचालक की भर्तियों में घोटाले की आशंका.
परिवहन निगम में संविदा परिचालक की भर्तियों में घोटाले की आशंका.
परिवहन निगम में ऐसा मामला पहली बार सामने आया है जब एक एजेंसी के जरिए संविदा कंडक्टर की भर्ती किस क्षेत्र में हुई हो और उनकी नियुक्ति किसी क्षेत्र में की गई हो. मामला प्रयागराज रीजन से जुड़ा हुआ है. यहां पर जरूरत के मुताबिक संविदा परिचालक की भर्ती निकाली गई. एक एजेंसी को इसके लिए हायर किया गया. एजेंसी ने संविदा परिचालकों की भर्ती की, लेकिन प्रयागराज क्षेत्र में हुई इस भर्ती के कई परिचालकों को लखनऊ भेज दिया गया. वजह है कि लखनऊ में परिचालकों की काफी कमी है. उन्हें कैसरबाग बस स्टेशन पर ज्वाइनिंग भी दे दी गई. जब मामला सामने आया तो यूनियन की तरफ से सवाल खड़े किए गए. कहा गया कि अभी तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी परिक्षेत्र में कोई नौकरी निकली हो और अन्य क्षेत्र में तैनाती दी गई हो. इसी तरह की वैकेंसी हरदोई और कानपुर क्षेत्र में भी निकाली गई, लेकिन जब मामला खुला तो भर्ती रद्द कर दी गई, पर प्रयागराज क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. यूनियन नेताओं का आरोप है कि इस भर्ती में खूब लेनदेन हुआ है और इसी वजह से प्रयागराज में भर्ती परिचालकों को लखनऊ में तैनाती दी गई है.



क्षेत्रीय प्रबंधक की बात

लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार का कहना है कि रोडवेज में टेंडर निकालते समय जितने पद होते हैं उससे 20 परसेंट अतिरिक्त भर्ती की जा सकती है. इन्हीं परिचालकों को जरूरत के मुताबिक विभिन्न क्षेत्रों में रखा जाता है. लखनऊ में प्रयागराज रीजन और देवीपाटन रीजन से कुछ परिचालकों को रखा गया है. हालंकि यह नियम कब से शुरू हुआ, कोई प्रपत्र हो तो उपलब्ध करा दीजिए, इस पर आरएम ने कोई जवाब नहीं दिया. उनका कहना है कि ये सब मुख्यालय से होता है, वहीं से पता लगेगा.


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