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पिछले साल की तुलना में इस बार UP में गेहूं की रिकॉर्ड खरीद - UP में रिकॉर्ड गेहूं की खरीद

उत्तर प्रदेश मे पिछले साल की तुलना में इस बार रिकॉर्ड गेहूं की खरीद की गई है. अब तक करीब पांच लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है.

wheat procurement in uttar pradesh
UP में रिकॉर्ड गेहूं की खरीद.
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Published : Apr 22, 2021, 11:52 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश ने पिछले साल की तुलना में इस बार गेहूं खरीद में रिकॉर्ड कायम किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि किसानों को गेहूं बेचने में कोई भी असुविधा नहीं होनी चाहिए. गेहूं खरीद में लापरवाही और धांधली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हिदायत भी दी गई है. सरकार की सख्ती का असर साफ-साफ दिखाई पड़ रहा है. पिछले साल मौजूदा समय तक जितना गेहूं की खरीद की गई थी, इस सत्र में अब तक उससे कई गुना अधिक खरीद की जा चुकी है.

छह हजार केंद्रों में हो रही गेहूं खरीद
रबी विपणन वर्ष 2021-22 के तहत प्रदेश में खाद्य एवं रसद विभाग व अन्य क्रय एजेंसियों के छह हजार क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं. मूल्य समर्थन योजना के तहत सीधे किसानों से गेहूं की ख़रीद की जा रही है. इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है. इसी के तहत खरीद की जा रही है.

करीब पांच लाख मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद
प्रदेश के सभी जिलों में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद प्रारंभ हो गई है. प्रदेश में अब तक कुल 4.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है. 94 हजार 590 किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ मिला है. जबकि गत वर्ष इस अवधि तक प्रदेश में कुल 53,679 .17 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर लगभग 39 हजार किसानों को ही लाभ पहुंचाया गया था.

सरकार की तरफ से दी जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में वर्तमान समय में भी सभी एजेंसियों के क्रय केंद्र संचालित हैं. केंद्रों पर किसानों से सुचारू रूप से गेहूं की खरीद की जा रही है. खाद्य विभाग 13,0531.95 मीट्रिक टन, पीसीएफ 2,11,494.40 मीट्रिक टन, यूपीएसएस 44,475.20 टन, यूपीपीसीयू 61,008.88 टन, एसएफसी 13,357.10 टन, मंडी परिषद 13,720.96 टन और भारतीय खाद्य निगम के क्रय केंद्रों के माध्यम से 17,883.55 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है. इस प्रकार कुल 4,92,471.43 मीट्रिक टन खरीद की गई है।

सात लाख किसानों ने कराया पंजीकरण
गेहूं खरीद के लिए अब तक सात लाख 11 हजार 865 किसानों ने ऑनलाइन अपना पंजीकरण कराया है. ज्ञात हो कि किसानों की सुविधा के लिए इस वर्ष ऑनलाइन टोकेन की व्यवस्था की गई है. इसके तहत कोई भी किसान पंजीकरण के समय या पंजीकरण के बाद भी अपने गांव से संबद्ध नज़दीकी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए अपनी सुविधानुसार टोकेन ले सकता है. अब तक एक लाख 38 हजार 858 किसानों ने ऑनलाइन टोकन भी प्राप्त कर लिया है. इनके गेहूं की खरीद की जा रही है. यदि कोई किसान बिना टोकेन प्राप्त किए ही केंद्र पर गेहूं लाता है तो उसका भी गेहूं खरीद कर लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: लखनऊ से बोकारो के लिए रवाना हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस, लाएगी सांसों की 'संजीवनी'

कोविड प्रोटोकॉल का हो रहा पालन
कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए क्रय केंद्रों पर पर्याप्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. क्रय केंद्र पर साबुन, पानी, सेनिटाइजर, थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के संबंध में भी निर्देश दिए गए हैं. खरीद के समय केंद्रों पर किसानों व स्टाफ की सुरक्षा की दृष्टि से सोशल डिस्टेंसिंग व कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है. किसानों की सुविधा के लिए क्रय केंद्रों पर बैठने के स्थान, छाया व पीने के पानी आदि की समुचित व्यवस्थाएँ की गई हैं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश ने पिछले साल की तुलना में इस बार गेहूं खरीद में रिकॉर्ड कायम किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि किसानों को गेहूं बेचने में कोई भी असुविधा नहीं होनी चाहिए. गेहूं खरीद में लापरवाही और धांधली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हिदायत भी दी गई है. सरकार की सख्ती का असर साफ-साफ दिखाई पड़ रहा है. पिछले साल मौजूदा समय तक जितना गेहूं की खरीद की गई थी, इस सत्र में अब तक उससे कई गुना अधिक खरीद की जा चुकी है.

छह हजार केंद्रों में हो रही गेहूं खरीद
रबी विपणन वर्ष 2021-22 के तहत प्रदेश में खाद्य एवं रसद विभाग व अन्य क्रय एजेंसियों के छह हजार क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं. मूल्य समर्थन योजना के तहत सीधे किसानों से गेहूं की ख़रीद की जा रही है. इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है. इसी के तहत खरीद की जा रही है.

करीब पांच लाख मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद
प्रदेश के सभी जिलों में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद प्रारंभ हो गई है. प्रदेश में अब तक कुल 4.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है. 94 हजार 590 किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ मिला है. जबकि गत वर्ष इस अवधि तक प्रदेश में कुल 53,679 .17 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर लगभग 39 हजार किसानों को ही लाभ पहुंचाया गया था.

सरकार की तरफ से दी जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में वर्तमान समय में भी सभी एजेंसियों के क्रय केंद्र संचालित हैं. केंद्रों पर किसानों से सुचारू रूप से गेहूं की खरीद की जा रही है. खाद्य विभाग 13,0531.95 मीट्रिक टन, पीसीएफ 2,11,494.40 मीट्रिक टन, यूपीएसएस 44,475.20 टन, यूपीपीसीयू 61,008.88 टन, एसएफसी 13,357.10 टन, मंडी परिषद 13,720.96 टन और भारतीय खाद्य निगम के क्रय केंद्रों के माध्यम से 17,883.55 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है. इस प्रकार कुल 4,92,471.43 मीट्रिक टन खरीद की गई है।

सात लाख किसानों ने कराया पंजीकरण
गेहूं खरीद के लिए अब तक सात लाख 11 हजार 865 किसानों ने ऑनलाइन अपना पंजीकरण कराया है. ज्ञात हो कि किसानों की सुविधा के लिए इस वर्ष ऑनलाइन टोकेन की व्यवस्था की गई है. इसके तहत कोई भी किसान पंजीकरण के समय या पंजीकरण के बाद भी अपने गांव से संबद्ध नज़दीकी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए अपनी सुविधानुसार टोकेन ले सकता है. अब तक एक लाख 38 हजार 858 किसानों ने ऑनलाइन टोकन भी प्राप्त कर लिया है. इनके गेहूं की खरीद की जा रही है. यदि कोई किसान बिना टोकेन प्राप्त किए ही केंद्र पर गेहूं लाता है तो उसका भी गेहूं खरीद कर लिया जाएगा.

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कोविड प्रोटोकॉल का हो रहा पालन
कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए क्रय केंद्रों पर पर्याप्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. क्रय केंद्र पर साबुन, पानी, सेनिटाइजर, थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के संबंध में भी निर्देश दिए गए हैं. खरीद के समय केंद्रों पर किसानों व स्टाफ की सुरक्षा की दृष्टि से सोशल डिस्टेंसिंग व कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है. किसानों की सुविधा के लिए क्रय केंद्रों पर बैठने के स्थान, छाया व पीने के पानी आदि की समुचित व्यवस्थाएँ की गई हैं.

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