लखनऊ: योगी सरकार ने होली पर स्पेशल बसों के संचालन का फैसला लिया है. ऐसे में यात्रियों की अच्छी खासी भीड़ इकट्टा हो रही है. वहीं दूसरी तरफ कोरोना का प्रकोप भी तेजी से बढ़ने लगा है. बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हो रहे हैं. रोडवेज प्रशासन ने कोरोना से बचने के लिए क्या तैयारी की है, इस पर 'ईटीवी भारत' ने कैसरबाग बस स्टेशन का रियलिटी चेक किया. इस रियलिटी चेक में सोशल डिस्टेंसिंग को छोड़कर कैसरबाग बस स्टेशन अन्य सभी मायने में परफेक्ट पाया गया. साथ ही आईआरसीटीसी ने होली के मद्देनजर कई स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया है.
विवरण दर्ज करने की व्यवस्था नहीं
कैसरबाग बस स्टेशन पर प्रवेश करने से पहले ही बाकायदा एक कर्मचारी की तैनाती की गई है, जो सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कर रहे हैं. बिना थर्मल स्क्रीनिंग के किसी भी यात्री को अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. हालांकि यात्रियों का विवरण नोट करने का यहां पर कोई भी इंतजाम नहीं किया गया है. ऐसे में अगर कोई भी यात्री कोरोना संक्रमित होता है तो उससे कॉन्टेक्ट कर पाना असंभव होगा. बस स्टेशन पर कोरोना को लेकर सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त नजर आईं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की कहीं खबर नहीं थी. बस स्टेशन पर दो गज की दूरी कहीं नजर नहीं आ आई. इतना ही नहीं, बसों में भी यात्री एक ही सीट पर सटकर बैठे नजर आए.
कैसरबाग बस स्टेशन पर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है. यहां पर कर्मचारियों, यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. आज से इसी हेल्प डेस्क पर यात्रियों के कोविड टेस्ट की भी व्यवस्था है. बस स्टेशन पर जगह-जगह ऑटोमेटिक सैनिटाइजर मशीन लगी है, जिसका यात्री इस्तेमाल भी कर रहे हैं.
बसों को किया जा रहा है सैनिटाइज
कैसरबाग बस स्टेशन से रवाना होने वाली बसों को सबसे पहले बस स्टेशन पर ही सैनिटाइज किया जाता है. सैनिटाइज होने के बाद ही बसों को रवाना किया जा रहा है, जिससे कोरोना संक्रमण पर रोक लगाई जा सके. इसके लिए बकायदा रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों की तैनाती की गई है.
50 से ₹100 तक का चालान
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के निर्देशानुसार बस स्टेशन पर 'नो मास्क, नो एंट्री' का नियम लागू किया गया है. बस स्टेशन और बसों में मास्क न पहनने वाले यात्रियों के लिए जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. जो यात्री मास्क नहीं पहनता है, उस पर ₹50 से लेकर ₹100 तक का जुर्माना लगाया जा रहा है. जुर्माना लगाने के पीछे वजह यह है कि इससे लोग खुद-ब-खुद मास्क पहनने लगेंगे.
लखनऊ से चल रहीं 310 होली स्पेशल बसें
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम होली त्यौहार के मद्देनजर आम जनता को रोडवेज बसों की सुविधा उपलब्ध कराएगा. गुरुवार से स्पेशल रोडवेज बसों का संचालन शुरू हो गया है. 25 मार्च से तीन अप्रैल के बीच यानी दस दिन तक प्रदेश भर में होली स्पेशल बसें संचालित होनी हैं. करीब 3000 बसें मुख्य मार्गों पर संचालित की जा रही हैं. लखनऊ रीजन से 20 रूटों के लिए 310 होली स्पेशल बसों का संचालन शुरू हो गया है. रोडवेज अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार ट्रेनें काफी कम संख्या में चल रही हैं, ऐसे में यात्री बस से यात्रा करेंगे, जिससे रोडवेज को फायदा होने की उम्मीद है.
इन रूटों पर चलेंगी तीन हजार होली स्पेशल बसें
दिल्ली से मुरादाबाद-बरेली होते हुए पूर्वी क्षेत्र के स्थानों के लिए गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली क्षेत्र में बसें चलेंगी. दिल्ली से अलीगढ़-कानपुर होते हुए पूर्वी क्षेत्र के लिए अलीगढ़, गाजियाबाद, आगरा व इटावा क्षेत्र के लिए बसों का संचालन होगा. पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों से अगर दिल्ली के लिए प्रारम्भिक प्वॉइंट्स से 60 प्रतिशत से अधिक यात्री लोड मिलता है तो सभी पूर्वी क्षेत्र दिल्ली के लिए अतिरिक्त बसें संचालित कर सकते हैं. गुरुवार से तीन अप्रैल तक लखनऊ व कानपुर के लिए सभी क्षेत्रीय प्रबन्धक यात्री उपलब्धता को ध्यान में रखकर अतिरिक्त बसें संचालित कर सकेंगे.
ओखा पूजा स्पेशल ट्रेन के संचालन में विस्तार
पूर्वोत्तर रेलवे ने भी होली के मद्देनजर ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को तोहफा दिया है. गोरखपुर से ओखा के बीच संचालित होने वाली पूजा स्पेशल ट्रेन का विस्तार किया गया है. साप्ताहिक पूजा स्पेशल ट्रेन गोरखपुर से 1 अप्रैल से गुरुवार को और चार अप्रैल से रविवार को ओखा से संचालित होगी. ट्रेनों के संचालन में विस्तार किए जाने पर इसका फायदा सीधे तौर पर होली पर अपने घर आने वाले यात्रियों को मिलेगा.
ट्रेन की यह है टाइमिंग और रूट
पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, 05045 गोरखपुर ओखा पूजा स्पेशल ट्रेन 1 अप्रैल को गोरखपुर से सुबह पांच बजे चलकर बादशाह नगर 9:38 पर, ऐशबाग 10:20 पर पहुंचेगी. कानपुर, इटावा, टूंडला, आगरा कैंट, धौलपुर, मुरैना, ग्वालियर, झांसी, बीना, मुंगावली, अशोकनगर,गुना, ब्यावरा राजगढ़, मक्सी, उज्जैन, नागदा, रतलाम, गोधरा, छायापुरी, आनंद जंक्शन, मणिनगर, अहमदाबाद, वीरमगाम जंक्शन, सुरेंद्रनगर, वाकानेर, राजकोट, हापा, जामनगर, खंभालिया, द्वारका होते हुए तीसरे दिन तड़के सुबह 3:35 बजे ओखा पहुंचेगी. इसी तरह वापसी में 05046 ओखा गोरखपुर पूजा स्पेशल ट्रेन ओखा से रात 11 बजे चलकर तीसरे दिन शाम 5 बजकर 15 मिनट पर गोरखपुर पहुंचेगी.
आईआरसीटीसी की वेबसाइट ने फिर दिया दगा, नहीं बने तत्काल टिकट
होली पर्व पर आईआरसीटीसी स्पेशल ट्रेनों का संचालन तो कर रही है, लेकिन वेबसाइट लगातार दगा दे रही है. आलम यह है कि यात्रियों के तत्काल टिकट वेबसाइट ठप हो जाने के चलते बन ही नहीं पा रहे हैं. नई दिल्ली से आने वाले लोगों को ट्रेनों में तत्काल आरक्षण न हो पाने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
इन ट्रेनों में तत्काल सीटें हुईं फुल-
ट्रेन | स्लीपर | एसी | 3-एसी |
दिल्ली-फैजाबाद | 220 | 40 | 20 |
लखनऊ मेल | 97 | 88 | 51 |
नीलांचल एक्सप्रेस | 288 | 88 | 10 |
एसी एक्सप्रेस | 242 | 96 | 52 |
आनंद विहार-मऊ | 395 | 132 | 43 |
श्रमजीवी एक्स्रपेस | 110 | 40 | 17 |
मुंबई से अधिक दिल्ली का हवाई किराया
शुक्रवार को जहां ट्रेनों की टिकट लंबित रही, वहीं इसका सीधा फायदा एयरपोर्ट सेक्टर को मिल रहा है. शुक्रवार को दिल्ली तक जाने के लिए हवाई जहाज का न्यूनतम किराया 5237 रुपये पहुंचा. रात नौ बजे आने वाली इंडिगो एयरलाइन के विमान का किराया ₹8231 तक पहुंच गया है. मुंबई से शुक्रवार सुबह 6:20 बजे लखनऊ को उड़ान भरने वाले विमान का किराया जहां 5581 रुपये है, वहीं सुबह 11 बजे के विमान का किराया 6106 रुपये है. बेंगलुरु से लखनऊ आने वाले विमानों का किराया पांच हजार से बढ़कर 8,500 रुपये के करीब पहुंच गया है.
रेलवे ने ट्रेनों में आग से बचाव के लिए शुरू किया गया जागरूकता अभियान
हाल ही में शताब्दी एक्सप्रेस के पार्सल कोच में आग लगने की घटना के बाद सामने आई थी. रेलवे का मानना है कि आग लगने की वजह ज्वलनशील पदार्थ के साथ ही धूम्रपान की सामग्री हो सकती है. इन पदार्थों की ढुलाई के खिलाफ रेलवे ने कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है. रेलवे प्रशासन ने रेलयात्रियों, रेलकर्मियों समेत सभी संबंधित लोगों को आग की घटनाओं के खिलाफ सावधानी बरतने करने के लिए सात दिवसीय जागरूकता अभियान प्रारंभ किया है. जागरूकता अभियान के दौरान स्मोकिंग करने वालों पर भी नजर रखी जाएगी.
नियमों का उल्लंघन करने वालों को हो सकती है सजा
आरपीएफ के अधिकारियों के अनुसार, ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थ ले जाना रेलवे अधिनियम की धारा-164 के तहत दंडनीय अपराध है. ऐसा करने वालों को तीन साल तक की कैद हो सकती है. इसके अलावा 1000 रुपये का जुर्माना भी किया जा सकता है. धारा-165 के तहत 500 रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है. रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेनों में यात्रा के दौरान ज्वलनशील सामग्री लेकर चलने वालों की भी धरपकड़ करने के निर्देश दिए. पर्चे, स्टिकर आदि के वितरण के माध्यम से जागरूकता फैलाना, नुक्कड़ नाटक, स्टेशनों पर उद्घोषणा प्रणाली के जरिए भी लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. अभियान का उद्देश्य यात्रियों को जागरूक करने के साथ ही न मानने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश हैं.