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रियलिटी चेक: राजधानी की अनाज मंडियों में इमरजेंसी से बचने की नहीं है कोई व्यवस्था

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Published : Dec 8, 2019, 6:02 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित अनाज मंडियों में इमरजेंसी जैसे हालत से बचाव के लिए किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. ईटीवी भारत की टीम ने आगजनी जैसी परिस्थितियों से बचाव के लिए मौजूद फायर उपकरणों की पड़ताल की तो पता चला कि इन मंडियों में आग से बचने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

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रियलिटी चेक

लखनऊ: देश की राजधानी दिल्ली की अनाज मंडी में दर्दनाक हादसे के बाद एक बार फिर से बड़ी-बड़ी मंडियों में इमरजेंसी एग्जिट प्लान की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है. ईटीवी भारत ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ की गल्ला मंडियों का रियलिटी चेक किया तो स्थिति काफी परेशान करने वाली रही. यहां की अनाज मंडियों में सुरक्षा और फायर उपकरण की व्यवस्था ही नहीं दिखी. हमारे रियलिटी चेक में यहां की फायर उपकरण की व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

सबसे पहले हमने सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी का जायजा लिया. यहां के व्यापारियों का कहना है कि इमरजेंसी में आग लगने की स्थिति में यहां से सबसे नजदीकी फायर ब्रिगेड स्टेशन घैला में स्थित है. इस स्टेशन की दूरी 4 किलोमीटर से भी ज्यादा है. वहीं एक व्यापारी शैलेंद्र ने बताया कि पूरी नवीन सब्जी मंडी में कहीं भी फायर अलार्म सिस्टम या फायर प्रोटेक्शन यूनिट जैसा कुछ भी नहीं है.

इसे भी पढ़ें- मथुरा: शॉर्ट सर्किट से घर में आग लगने से एक की मौत, 2 की हालत गंभीर

इसके बाद राजधानी लखनऊ के सबसे व्यस्ततम इलाका अमीनाबाद से कुछ ही दूर पर स्थित पांडेगंज गल्ला मंडी में भी ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक किया. यहां का नजारा और भी गंभीर देखने को मिला. सबसे व्यस्ततम क्षेत्र में इमरजेंसी प्लान तो बहुत दूर की बात है, ट्रैफिक से निपटने तक की व्यवस्था कोई व्यवस्था नहीं दिखी. इस मंडी के बारे में कहा जाता है कि अगर आप पैदल आएंगे तो भी 2 घंटे लग जाएंगे. ऐसे में आप खुद सोच सकते हैं कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर कैसे पहुंच पाएंगी.

पांडेगंज गल्ला मंडी में व्यापारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि यहां फायर प्रोटेक्शन यूनिट की कोई भी यूनिट मौजूद नहीं है. यहां का सबसे नजदीकी फायर ब्रिगेड स्टेशन साढ़े तीन किलोमीटर दूर अमीनाबाद के मुख्य बाजार में है. ऐसे में फायर ब्रिगेड की गाड़ी को अमीनाबाद से पांडेगंज तक पहुंचने में कम से कम 45 मिनट से ज्यादा का समय लगेगा और यहां की पूरी मंडी में कोई व्यवस्था नहीं है.

लखनऊ: देश की राजधानी दिल्ली की अनाज मंडी में दर्दनाक हादसे के बाद एक बार फिर से बड़ी-बड़ी मंडियों में इमरजेंसी एग्जिट प्लान की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है. ईटीवी भारत ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ की गल्ला मंडियों का रियलिटी चेक किया तो स्थिति काफी परेशान करने वाली रही. यहां की अनाज मंडियों में सुरक्षा और फायर उपकरण की व्यवस्था ही नहीं दिखी. हमारे रियलिटी चेक में यहां की फायर उपकरण की व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

सबसे पहले हमने सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी का जायजा लिया. यहां के व्यापारियों का कहना है कि इमरजेंसी में आग लगने की स्थिति में यहां से सबसे नजदीकी फायर ब्रिगेड स्टेशन घैला में स्थित है. इस स्टेशन की दूरी 4 किलोमीटर से भी ज्यादा है. वहीं एक व्यापारी शैलेंद्र ने बताया कि पूरी नवीन सब्जी मंडी में कहीं भी फायर अलार्म सिस्टम या फायर प्रोटेक्शन यूनिट जैसा कुछ भी नहीं है.

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इसके बाद राजधानी लखनऊ के सबसे व्यस्ततम इलाका अमीनाबाद से कुछ ही दूर पर स्थित पांडेगंज गल्ला मंडी में भी ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक किया. यहां का नजारा और भी गंभीर देखने को मिला. सबसे व्यस्ततम क्षेत्र में इमरजेंसी प्लान तो बहुत दूर की बात है, ट्रैफिक से निपटने तक की व्यवस्था कोई व्यवस्था नहीं दिखी. इस मंडी के बारे में कहा जाता है कि अगर आप पैदल आएंगे तो भी 2 घंटे लग जाएंगे. ऐसे में आप खुद सोच सकते हैं कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर कैसे पहुंच पाएंगी.

पांडेगंज गल्ला मंडी में व्यापारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि यहां फायर प्रोटेक्शन यूनिट की कोई भी यूनिट मौजूद नहीं है. यहां का सबसे नजदीकी फायर ब्रिगेड स्टेशन साढ़े तीन किलोमीटर दूर अमीनाबाद के मुख्य बाजार में है. ऐसे में फायर ब्रिगेड की गाड़ी को अमीनाबाद से पांडेगंज तक पहुंचने में कम से कम 45 मिनट से ज्यादा का समय लगेगा और यहां की पूरी मंडी में कोई व्यवस्था नहीं है.

Intro:एंकर
लखनऊ। देश की राजधानी दिल्ली के गल्ला मंडी में हुई दर्दनाक हादसे के बाद जहां एक बार फिर से बड़ी बड़ी मंडियों में इमरजेंसी एग्जिट प्लान की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है तो वही ईटीवी भारत ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की गल्ला मंडियों का रियलिटी चेक किया तो स्थिति काफी परेशान करने वाली रही, अनाज मंडी में सुरक्षा और फायर उपकरण की व्यवस्था ही नहीं दिखी। मुख्य तौर पर तीनों गल्ला मंडी हमारे रियलिटी चेक में पूरी तरह से फेल हो गई।
हम बात कर रहे हैं सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी की जहां व्यापारियों ने कहा की इमरजेंसी में आग लगने की स्थिति में यहां से पहला फायर ब्रिगेड सिस्टम घैला में स्थित है जिसकी दूरी 4 किलोमीटर से ज्यादा है वहीं एक व्यापारी शैलेंद्र ने बताया कि पूरी नवीन सब्जी मंडी में कहीं भी फायर अलार्म सिस्टम या फायर प्रोटेक्शन यूनिट जैसा कुछ भी नहीं है।




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राजधानी लखनऊ के सबसे व्यस्ततम इलाका अमीनाबाद से कुछ ही दूर पर स्थित पांडे गंज गल्ला मंडी यही या गंज गल्ला मंडी में भी जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो यहां का नजारा और भी गंभीर देखने को मिला सबसे व्यस्ततम क्षेत्र में इमरजेंसी प्लान तो बहुत दूर की बात ट्रैफिक से निपटने तक की व्यवस्था नहीं है इस मंडी के बारे में कहा जाता है कि अगर आप पैदल आएंगे तो भी 2 घंटे लग जाएंगे निकलने में आगे आप खुद ही सोच सकते हैं कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां या पुलिस की गाड़ियां भी मौके पर कैसे पहुंच पाएंगे पांडे गंज गल्ला मंडी में व्यापारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि यह फायर प्रोटेक्शन यूनिट की कोई भी यूनिट मौजूद नहीं है सबसे नजदीकी फायर ब्रिगेड जो है वह भी 3:30 किलोमीटर दूर अमीनाबाद के मुख्य बाजार में है जो अपने आप में एक व्यस्ततम इलाका है फायर ब्रिगेड किसी भी गाड़ी को अमीनाबाद से पांडे गंज तक पहुंचने में कम से कम 45 मिनट से ज्यादा का समय लगेगा पूरी मंडी में कोई व्यवस्था नहीं है। क्षेत्र के दूसरे व्यापारी की माने तो आग से बचने के छोटे-छोटे सिलेंडर तक पूरी मंडी में कहीं भी नहीं लगाए गए हैं नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां भी यहां पर नहीं है बालू रखकर आग बुझाने की व्यवस्था भी यहां जमाने की बात हो चुकी है यहां बिजली विभाग के तारों की व्यवस्था इतनी खराब है कि अक्सर धमाके हुआ करते हैं लेकिन पूरा सरकारी तंत्र नींद में रहता है नशे में रहता है हम व्यापारी आपस में मिलजुल कर सहयोग से काम करते हैं वरना सरकारी तंत्र तो यहां सरकारी बदल जाने के बाद भी झांकने नहीं आता।


Conclusion:धीरज त्रिपाठी ईटीवी भारत लखनऊ
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