लखनऊ: देश की राजधानी दिल्ली की अनाज मंडी में दर्दनाक हादसे के बाद एक बार फिर से बड़ी-बड़ी मंडियों में इमरजेंसी एग्जिट प्लान की योजनाओं पर विचार किया जा रहा है. ईटीवी भारत ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ की गल्ला मंडियों का रियलिटी चेक किया तो स्थिति काफी परेशान करने वाली रही. यहां की अनाज मंडियों में सुरक्षा और फायर उपकरण की व्यवस्था ही नहीं दिखी. हमारे रियलिटी चेक में यहां की फायर उपकरण की व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई.
सबसे पहले हमने सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी का जायजा लिया. यहां के व्यापारियों का कहना है कि इमरजेंसी में आग लगने की स्थिति में यहां से सबसे नजदीकी फायर ब्रिगेड स्टेशन घैला में स्थित है. इस स्टेशन की दूरी 4 किलोमीटर से भी ज्यादा है. वहीं एक व्यापारी शैलेंद्र ने बताया कि पूरी नवीन सब्जी मंडी में कहीं भी फायर अलार्म सिस्टम या फायर प्रोटेक्शन यूनिट जैसा कुछ भी नहीं है.
इसे भी पढ़ें- मथुरा: शॉर्ट सर्किट से घर में आग लगने से एक की मौत, 2 की हालत गंभीर
इसके बाद राजधानी लखनऊ के सबसे व्यस्ततम इलाका अमीनाबाद से कुछ ही दूर पर स्थित पांडेगंज गल्ला मंडी में भी ईटीवी भारत की टीम ने रियलिटी चेक किया. यहां का नजारा और भी गंभीर देखने को मिला. सबसे व्यस्ततम क्षेत्र में इमरजेंसी प्लान तो बहुत दूर की बात है, ट्रैफिक से निपटने तक की व्यवस्था कोई व्यवस्था नहीं दिखी. इस मंडी के बारे में कहा जाता है कि अगर आप पैदल आएंगे तो भी 2 घंटे लग जाएंगे. ऐसे में आप खुद सोच सकते हैं कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर कैसे पहुंच पाएंगी.
पांडेगंज गल्ला मंडी में व्यापारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि यहां फायर प्रोटेक्शन यूनिट की कोई भी यूनिट मौजूद नहीं है. यहां का सबसे नजदीकी फायर ब्रिगेड स्टेशन साढ़े तीन किलोमीटर दूर अमीनाबाद के मुख्य बाजार में है. ऐसे में फायर ब्रिगेड की गाड़ी को अमीनाबाद से पांडेगंज तक पहुंचने में कम से कम 45 मिनट से ज्यादा का समय लगेगा और यहां की पूरी मंडी में कोई व्यवस्था नहीं है.