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कोरोना संकट के दौरान राजधानी लखनऊ में एम्बुलेंस सेवा का रियलिटी चेक - ईटीवी भारत की रियलिटी चेक

पूरा देश कोरोना के कहर से जूझ रहा है. इस दौरान एम्बुलेंस की भूमिका अहम हो जाती है. समय पर मरीज के घर तक जाना, उसे अस्पताल ले जाना, फिर अस्पताल से डिस्चार्ज करने पर वापस घर पहुंचाना, ये बेहद ही महत्वपूर्ण है. इसी को देखते हुए राजधानी लखनऊ में ईटीवी भारत ने एम्बुलेंस सेवा का रियलिटी चेक किया और यह जानने का प्रयास किया कि कोरोना संकट के दौरान एम्बुलेंस किस तरह काम कर रही है. देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट...

reality check of ambulance services in lucknow
राजधानी लखनऊ में एम्बुलेंस सेवाओं का रियलिटी चेक.
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Published : May 4, 2020, 8:40 PM IST

Updated : May 5, 2020, 9:25 AM IST

लखनऊ: कोरोना संकट के दौरान एम्बुलेंस की भूमिका अहम हो जाती है. मरीज को ले जाने और ले जाने में स्वास्थ्य कर्मियों को भी काफी सावधानियों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान 108 और 102 एम्बुलेंस कैसे इन तमाम चुनौतियों को स्वीकार करते हुए तय मानकों पर स्वास्थ्य सेवाएं दे रहीं हैं, इसका ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया.

रियलिटी चेक के दौरान ईटीवी भारत की टीम सीधा 108 और एम्बुलेंस के कॉल सेंटर जा पहुंची, जहां से एम्बुलेंस लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्धारित की जाती है. यहां एम्बुलेंस पर कॉल आई और एम्बुलेंस अपनी सेवा देने के लिए अलर्ट हो गई. इसके बाद टीम एम्बुलेंस के साथ-साथ उस मरीज के घर तक की दूरी तय की.

एम्बुलेंस सेवा का रियलिटी चेक

यह मरीज एल्डिको में था, जिसमें कोरोना के लक्षण थे. रास्ते में करीब 14 मिनट का निर्धारित समय मरीज के घर तक पहुंचने में लगा. जाहिर सी बात है लॉकडाउन है. सभी रास्ते ज्यादातर खाली हैं. इस वजह से मरीज तक पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा.

हालांकि इसके बाद 15 मिनट का समय मरीज को एम्बुलेंस तक लाने में लगा. एम्बुलेंस में मौजूद लैब टेक्नीशियन ने अपने सहयोगी के साथ पीपीई किट का इस्तेमाल करते हुए मरीज को एम्बुलेंस में बैठाया. यहां से उसे लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान भी मरीज को अस्पताल पहुंचने में 15 मिनट लगे.

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कुल मिलाकर ईटीवी भारत की रियलिटी चेक में यह बात सामने आई कि एम्बुलेंस निर्धारित समय पर ही काम कर रही है. कॉल रिसीव करने के बाद निर्धारित समय पर ही एम्बुलेंस मरीज के घर तक गई और फिर वहां से उसे अस्पताल तक लाई.

लखनऊ: कोरोना संकट के दौरान एम्बुलेंस की भूमिका अहम हो जाती है. मरीज को ले जाने और ले जाने में स्वास्थ्य कर्मियों को भी काफी सावधानियों का सामना करना पड़ता है. इस दौरान 108 और 102 एम्बुलेंस कैसे इन तमाम चुनौतियों को स्वीकार करते हुए तय मानकों पर स्वास्थ्य सेवाएं दे रहीं हैं, इसका ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया.

रियलिटी चेक के दौरान ईटीवी भारत की टीम सीधा 108 और एम्बुलेंस के कॉल सेंटर जा पहुंची, जहां से एम्बुलेंस लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्धारित की जाती है. यहां एम्बुलेंस पर कॉल आई और एम्बुलेंस अपनी सेवा देने के लिए अलर्ट हो गई. इसके बाद टीम एम्बुलेंस के साथ-साथ उस मरीज के घर तक की दूरी तय की.

एम्बुलेंस सेवा का रियलिटी चेक

यह मरीज एल्डिको में था, जिसमें कोरोना के लक्षण थे. रास्ते में करीब 14 मिनट का निर्धारित समय मरीज के घर तक पहुंचने में लगा. जाहिर सी बात है लॉकडाउन है. सभी रास्ते ज्यादातर खाली हैं. इस वजह से मरीज तक पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा.

हालांकि इसके बाद 15 मिनट का समय मरीज को एम्बुलेंस तक लाने में लगा. एम्बुलेंस में मौजूद लैब टेक्नीशियन ने अपने सहयोगी के साथ पीपीई किट का इस्तेमाल करते हुए मरीज को एम्बुलेंस में बैठाया. यहां से उसे लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान भी मरीज को अस्पताल पहुंचने में 15 मिनट लगे.

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कुल मिलाकर ईटीवी भारत की रियलिटी चेक में यह बात सामने आई कि एम्बुलेंस निर्धारित समय पर ही काम कर रही है. कॉल रिसीव करने के बाद निर्धारित समय पर ही एम्बुलेंस मरीज के घर तक गई और फिर वहां से उसे अस्पताल तक लाई.

Last Updated : May 5, 2020, 9:25 AM IST
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