लखनऊ: 29 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गई है. शारदीय नवरात्रि में सभी लोग दुर्गा मां के 9 रूपों की आराधना करते हैं. वहीं इसके साथ जो व्रती होते हैं, इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करते हैं. इस पर ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य डॉक्टर उमाशंकर मिश्र से खास बात की तो उन्होंने दुर्गा सप्तशती के महत्व को बताया.
दुर्गा सप्तशती का विशेष महत्व
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर उमाशंकर मिश्र ने बताया कि नवरात्र में सभी व्रती लोगों को दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. दुर्गा सप्तशती में मां दुर्गा के करीब 1008 मंत्र हैं. यह सभी मंत्र अपने आप में सिद्ध हैं. इस वजह से इसका महत्व बढ़ जाता है.
विशेष मनोकामना के लिए विशेष मंत्र
पंडित उमाशंकर मिश्र ने बताया कि जो लोग व्रत रखते हैं उनकी कुछ मनोकामनाएं भी होती हैं. उन सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए दुर्गा सप्तशती में खास मंत्र हैं. अगर सावधानीपूर्वक इनका जाप किया जाए तो सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होंगी.
पाठ करते समय बरतें सावधानी-
- पूरे नवरात्र में सात्विक रहना चाहिए.
- खाने में प्याज़ और लहसुन से दूरी बनाई रखनी चाहिए.
- पाठ करते समय पूरी श्रद्धा से पूजा करनी चाहिए.
- नवरात्र में व्रत के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए.
दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले यह जरूर करें-
पंडित उमाशंकर मिश्र ने कहा कि सभी लोगों को इस पुस्तक का पाठ करने से पहले देवी मां का आवाह्न जरूर करना चाहिए. आवाह्न करने के बाद ही पूजा सार्थक होगी. नवरात्र के 9 दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सभी जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होती है.