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"ईटीवी भारत" की खबर का असर, शुरू हो गए 15 साल पुराने निजी वाहनों के री रजिस्ट्रेशन - transport department

राजधानी में मंगलवार को पुराने निजी वाहनों के रीरजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए गये हैं. जिसके बाद परिवहन विभाग ने एक बार फिर निजी वाहन मालिकों को राहत दी है.

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Published : Jul 4, 2023, 3:43 PM IST

लखनऊ : 15 साल पुराने निजी वाहनों का री रीरजिस्ट्रेशन बंद होने की वजह से बड़ी संख्या में वाहन मालिकों को दिक्कत हो रही थी. वाहन मालिकों की समस्याओं को लेकर "ईटीवी भारत" ने खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद परिवहन विभाग ने खबर का संज्ञान लेते हुए फिर से पुराने निजी वाहनों के रीरजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए. इससे वाहन मालिकों ने राहत की सांस ली है.

शुरू हो गए 15 साल पुराने निजी वाहनों के री रजिस्ट्रेशन
शुरू हो गए 15 साल पुराने निजी वाहनों के री रजिस्ट्रेशन



लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के वाहन मालिकों को पिछले कई दिनों से अपने निजी वाहन के रीरजिस्ट्रेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. री रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ के चक्कर लगाकर थक चुके इन वाहन मालिकों की समस्याओं को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद परिवहन विभाग ने एक बार फिर से 15 साल पुराने निजी वाहन मालिकों को राहत दे दी है. अब फिर से गाड़ियों के पुनः पंजीयन शुरू हो गए हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'एनआईसी के साफ्टवेयर में पुराने वाहनों के री रजिस्ट्रेशन में दिक्कत आ रही थी, जिसकी वजह से वाहन रजिस्टर्ड नहीं हो पा रहे थे. आरटीओ कार्यालय की तरफ से एनआईसी को पत्र भेजकर जल्द से जल्द इस समस्या को दूर करने को कहा गया था. अब यह समस्या दूर हो गई है. पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन होने शुरू हो गए हैं.'


मृतक आश्रित के वाहन हस्तांतरण में आ रही थी दिक्कत : कुछ दिन पहले परिवहन विभाग के सामने समस्या खड़ी हो गई थी कि मृतक आश्रित के नाम से वाहन हस्तांतरण हो ही नहीं पा रहे थे. काफी दिनों तक यह समस्या चलती रही. आरटीओ कार्यालय की तरफ से एनआईसी को इसके बारे में जानकारी दी गई तब जाकर मृतक आश्रितों के हस्तांतरण की प्रक्रिया फिर से शुरू हो पाई.

यह भी पढ़ें : Crime News : बेंगलूर के इंजीनियर ने रची खुद के अपहरण की कहानी, घरवालों से मांगे 20 लाख

लखनऊ : 15 साल पुराने निजी वाहनों का री रीरजिस्ट्रेशन बंद होने की वजह से बड़ी संख्या में वाहन मालिकों को दिक्कत हो रही थी. वाहन मालिकों की समस्याओं को लेकर "ईटीवी भारत" ने खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद परिवहन विभाग ने खबर का संज्ञान लेते हुए फिर से पुराने निजी वाहनों के रीरजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए. इससे वाहन मालिकों ने राहत की सांस ली है.

शुरू हो गए 15 साल पुराने निजी वाहनों के री रजिस्ट्रेशन
शुरू हो गए 15 साल पुराने निजी वाहनों के री रजिस्ट्रेशन



लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के वाहन मालिकों को पिछले कई दिनों से अपने निजी वाहन के रीरजिस्ट्रेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. री रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ के चक्कर लगाकर थक चुके इन वाहन मालिकों की समस्याओं को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद परिवहन विभाग ने एक बार फिर से 15 साल पुराने निजी वाहन मालिकों को राहत दे दी है. अब फिर से गाड़ियों के पुनः पंजीयन शुरू हो गए हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'एनआईसी के साफ्टवेयर में पुराने वाहनों के री रजिस्ट्रेशन में दिक्कत आ रही थी, जिसकी वजह से वाहन रजिस्टर्ड नहीं हो पा रहे थे. आरटीओ कार्यालय की तरफ से एनआईसी को पत्र भेजकर जल्द से जल्द इस समस्या को दूर करने को कहा गया था. अब यह समस्या दूर हो गई है. पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन होने शुरू हो गए हैं.'


मृतक आश्रित के वाहन हस्तांतरण में आ रही थी दिक्कत : कुछ दिन पहले परिवहन विभाग के सामने समस्या खड़ी हो गई थी कि मृतक आश्रित के नाम से वाहन हस्तांतरण हो ही नहीं पा रहे थे. काफी दिनों तक यह समस्या चलती रही. आरटीओ कार्यालय की तरफ से एनआईसी को इसके बारे में जानकारी दी गई तब जाकर मृतक आश्रितों के हस्तांतरण की प्रक्रिया फिर से शुरू हो पाई.

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