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आरडीएसओ व आईटीआई खड़गपुर मिलकर तैयार कर रहे टूल, समय की करेगा बचत - सिग्नलिंग डिजाइन

अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) और आईआईटी खड़कपुर (RDSO and ITI Kharagpur) मिलकर एक ऐसा टूल तैयार कर रहे हैं जो रेलवे के लिए बड़ा फायदे वाला साबित होगा. अभी तक रेलवे में जो व्यवस्था है उसमें सिग्नलिंग डिजाइन में छह माह तक का समय लग जाता है, जबकि इस टूल से पांच से छह घंटे में ये काम हो जाएगा.

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Published : Nov 21, 2022, 1:51 PM IST

लखनऊ : अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) और आईआईटी खड़कपुर (RDSO and ITI Kharagpur) मिलकर एक ऐसा टूल तैयार कर रहे हैं जो रेलवे के लिए बड़ा फायदे वाला साबित होगा. अभी तक रेलवे में जो व्यवस्था है उसमें सिग्नलिंग डिजाइन में छह माह तक का समय लग जाता है, जबकि इस टूल से पांच से छह घंटे में ये काम हो जाएगा. इसे लेकर आरडीएसओ और आईआईटी खड़गपुर ने एक टूल विकसित किया है जिसका ट्रायल चल रहा है. पूरी उम्मीद है कि यह टूल आने वाले दिनों में रेलवे के इस्तेमाल में आएगा, जिससे इंटरलॉकिंग और सिग्नलिंग जैसी समस्या का समाधान हो जाएगा.

अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के सिग्नल डायरेक्टर के इंजीनियर आशीष चौरसिया बताते हैं कि ऑटोमेशन एक ऐसा टूल है जो वर्क पहले सिग्नलिंग डिजाइन में काफी समय लेता था और उसमें जो वैलिडेशन का इश्यू होता था. काफी समय लेकर भी कमियां रह जाती थीं. उन सबको इंप्रूव करके इस टूल की वजह से उस काम को हम बहुत जल्दी कर लेते हैं. जिस काम में पहले 6 महीने से ज्यादा का समय लगता था उस काम को हम एक दिन में पूरा कर सकते हैं. इसमें रूट कंट्रोल चार्ट जनरेशन होता है.

जानकारी देते इंजीनियर आशीष चौरसिया

चार से पांच घंटे में हम 100 से 200 रूट के स्टेशन को ड्रॉ करके उनकी आरसीसी जनरेट कर सकते हैं. आने वाले समय में जो लॉजिक जेनरेशन और सर्किट जेनरेशन है उसके वैलिडेशन का भी प्रोसेस आरडीएसओ और आईआईटी खड़गपुर मिलकर करेंगे.

यह भी पढ़ें : इकाना स्टेडियम में होने वाले चैरिटी म्यूजिक कॉन्सर्ट में धोखाधड़ी के मामले में 6 पर रिपोर्ट

लखनऊ : अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) और आईआईटी खड़कपुर (RDSO and ITI Kharagpur) मिलकर एक ऐसा टूल तैयार कर रहे हैं जो रेलवे के लिए बड़ा फायदे वाला साबित होगा. अभी तक रेलवे में जो व्यवस्था है उसमें सिग्नलिंग डिजाइन में छह माह तक का समय लग जाता है, जबकि इस टूल से पांच से छह घंटे में ये काम हो जाएगा. इसे लेकर आरडीएसओ और आईआईटी खड़गपुर ने एक टूल विकसित किया है जिसका ट्रायल चल रहा है. पूरी उम्मीद है कि यह टूल आने वाले दिनों में रेलवे के इस्तेमाल में आएगा, जिससे इंटरलॉकिंग और सिग्नलिंग जैसी समस्या का समाधान हो जाएगा.

अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के सिग्नल डायरेक्टर के इंजीनियर आशीष चौरसिया बताते हैं कि ऑटोमेशन एक ऐसा टूल है जो वर्क पहले सिग्नलिंग डिजाइन में काफी समय लेता था और उसमें जो वैलिडेशन का इश्यू होता था. काफी समय लेकर भी कमियां रह जाती थीं. उन सबको इंप्रूव करके इस टूल की वजह से उस काम को हम बहुत जल्दी कर लेते हैं. जिस काम में पहले 6 महीने से ज्यादा का समय लगता था उस काम को हम एक दिन में पूरा कर सकते हैं. इसमें रूट कंट्रोल चार्ट जनरेशन होता है.

जानकारी देते इंजीनियर आशीष चौरसिया

चार से पांच घंटे में हम 100 से 200 रूट के स्टेशन को ड्रॉ करके उनकी आरसीसी जनरेट कर सकते हैं. आने वाले समय में जो लॉजिक जेनरेशन और सर्किट जेनरेशन है उसके वैलिडेशन का भी प्रोसेस आरडीएसओ और आईआईटी खड़गपुर मिलकर करेंगे.

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