लखनऊ: राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के पास रेलवे ऑफिसर आरडी बाजपेई की पत्नी-बेटे की हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने खुलासा किया था कि आरडी बाजपेई की नाबालिग बेटी ने ही मां और भाई की हत्या की है. इसके बाद नाबालिग ने अपना जुर्म भी कबूल किया था. पुलिस ने यह भी बताया कि नाबालिग की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. नाबालिग का केजीएयमू में इलाज चल रहा है. जुवेनाइल कोर्ट ने उसको 14 दिन की पुलिस रिमांड पर दे दिया है.
रिशु ने मां-भाई को मार डाला
इलाज के दौरान भी उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान नाबालिग कभी-कभी कहती है कि रिशु ने मेरे मां और भाई को गोली मारी है, फिर मैंने रिशु को मार डाला. इतना कहते हुए वह रोने लगती है. नाबालिग के कमरे में नर कंकाल के पोस्टर भी मिले हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नाबालिग अलग दुनिया में खोई रहती थी.
कमरे में रोते हुए इमोजी
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली से लखनऊ पहुंचने पर आरडी बाजपेई से बातचीत करते हुए भी नाबालिग ने यही बात कही थी और रोने लगी थी. पुलिस को भी नाबालिग के कमरे से कई ऐसी चीजें मिली हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. मिली जानकारी के अनुसार नाबालिग एक अलग कमरे में रहती थी. जहां कमरे की दीवारों और किताबों में रोते हुए इमोजी मौजूद हैं. कमरे में मानव खोपड़ी की आकृति मिली है. वहीं घटना के दौरान नाबालिग ने शीशे पर Disqualified Human लिखा था, जो कि जैम से लिखा गया था.
अलग दुनिया में रहती है नाबालिग, ख्यालों में बनाए पात्रों से करती है बात
केजीएमयू में अब नाबालिग का इलाज चल रहा है. डबल मर्डर केस के जांचकर्ता अधिकारी ने बताया कि नाबालिग कमरे को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि वह अपनी ही दुनिया में खोई रहती थी. मिली जानकारी के अनुसार नाबालिग एक ऐसी बीमारी से ग्रसित है, जिसमें वह अपने ख्यालों में बनाए हुए पात्रों से बातचीत करती है. जिस कमरे में वह रहती थी, वहां की आकृतियों को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह कमरे में कई काल्पनिक पात्रों के संपर्क में थी और उनसे बातचीत किया करती थी.
कमरे में लगे हैं मानव खोपड़ी के पोस्टर
पूछताछ में नाबालिक ने रिशु नाम का जिक्र किया है. मिली जानकारी के अनुसार घर में रखे हुए मानव खोपड़ी के पोस्टर को वह रिशु कहकर बुलाती थी. फिलहाल रिशु कौन है और उसका नाबालिग से क्या कनेक्शन है, इसको लेकर पड़ताल जारी है. हालांकि, इसके बारे में अभी तक कोई खुलासा नहीं हो सका है. पुलिस परिजनों व नाबालिग के संपर्क में रहने वाले लोगों से इस बारे में जानकारी जुटा रही है.
जापानी नोबेल का आया जिक्र
ओसमु डेजी का एक नोबल जिसका नाम 'नो लांगर नोबल' में एक खास दर्शन का जिक्र करते हुए कई बार "डिसक्वालिफाइड ह्यूमन" शब्द का प्रयोग किया गया है. नाबालिक द्वारा शीशे में "डिसक्वालिफाइड ह्यूमन" लिखकर उस पर गोली चलाने की घटना के बाद यह भी चर्चाएं हैं कि कहीं नाबालिक "नो लांगर नोबल" से तो प्रभावित नहीं है.