लखनऊ : पिछले एक महीने की महंगाई के बाद हरी सब्जियों से रसोई सजने लगी थी. स्थानीय बाड़ियों से थोक मंडी में भरपूर आवक होने से सब्जियों के दाम में कमी आई थी. जिससे इसका असर अब रसोई घरों में दिखने लगा था. बहरहाल स्थानीय आवक में तरोई और भिंडी की आवक कम होने से इनके दाम एक बार फिर बढ़ गए हैं. जो गृहिणियों की रसोई का बजट बिगाड़ रहे हैं. हालांकि तरोई और भिंडी को छोड़कर कई हरी सब्जियों के दाम (rate of green vegetables ) राहत देने वाले हैं. अब तक महंगाई के चलत लाल हुए टमाटर की कीमत भी कम हुई है. नीबू के दाम में भी गिरावट देखी जा रही है. साथ ही आलू, हरी मटर, कद्दू, पालक व अन्य सब्जियों के दाम कम हुए हैं.
लखनऊ की दुबग्गा (Lucknow's Dubagga vegetable market) स्थित थोक सब्जी मंडी में गर्मी के सीजन में 50 से 60 रुपये किलोग्राम पर बिकने वाला टमाटर अब 20 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बाजारों में बिक रहा है. हालांकि थोक मंडी से खुदरा बाजार में आते ही सब्जियों के दाम में तेजी आ जाती है. व्यापरियों ने बताया कि तरोई और भिंडी की पैदावार कम होने से दाम बढ़े हुए हैं. यह सब्जियां बाहर से आ रही हैं. इस कारण दाम ज्यादा हैं. फिलहाल अन्य सब्जियां जिनकी आवक स्थानीय बाड़ियों से हो रही है उनके दाम स्थिर हैं. आने वाले दिनों में सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी के आसार हैं, क्योंकि 15 जनवरी के बाद से सहालग का सीजन शुरू हो रहा है.
शनिवार 7 दिसंबर को मंडी में नया आलू 25 रुपये किलो, प्याज 25 रुपये किलो, टमाटर 20 रुपये किलो, आलू 15 रुपये किलो, नींबू 30 रुपये किलो, तरोई 50 रुपये किलो, लहसुन 35 रुपये किलो, करेला 40 रुपये किलो, परवल 40 रुपये किलो, मटर 20 रुपये किलो, सेम 60 रुपये किलो, शिमला मिर्च 20 रुपये किलो, कद्दू 10 रुपये किलो, लौकी 10 रुपये किलो, पालक 30 रुपये किलो, भिंडी 60 रुपये किलो, मिर्च 50 रुपये किलो, गोभी 10 रुपये पर पीस, गाजर 10 रुपये किलो बिका.
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