लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव (UP Municipal Elections 2022) के लिए विभिन्न पार्टियां अभी से अपने-अपने घोषणा पत्र के मुद्दे सेट करने लगी हैं. राष्ट्रीय लोकदल के एजेंडे (Rashtriya Lok Dal Agenda) में मुख्य मांग हाउस टैक्स, सीवर टैक्स और वाटर टैक्स जैसे अहम मुद्दे शामिल होंगे. पार्टी नेता इन तीन तरह के टैक्सों को सिर्फ एक टैक्स करने की मांग प्रमुखता से उठाएंगे. अभी से चुनाव में इन मुद्दों को जनता के बीच लेकर जाने की तैयारी है. आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय कहते हैं कि दो से तीन टैक्स अलग-अलग लिए जाते हैं, जो सही नहीं है. एक ही टैक्स होना चाहिए. इसे पुरजोर तरीके से निकाय चुनाव में जनता के समक्ष रखा जाएगा.
उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव की तारीखों का जल्द एलान होने वाला है. उत्तर प्रदेश के सभी राजनीतिक दल निकाय चुनाव में दमखम दिखाने के लिए मजबूती से जुट गए हैं. राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया था. इस गठबंधन का फायदा राष्ट्रीय लोकदल को मिला था. पार्टी के आठ विधायक चुनाव जीतने में सफल रहे थे. पांच दिसंबर को होने वाले मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव, खतौली और रामपुर विधानसभा उपचुनाव में भी राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी का गठबंधन जारी है. समाजवादी पार्टी ने खतौली विधान सभा सीट राष्ट्रीय लोक दल को गठबंधन में दी है. अब समाजवादी पार्टी ने घोषणा की है कि विधानसभा चुनाव की तरह ही निकाय चुनाव में भी दोनों पार्टियों के साझा प्रत्याशी मैदान में उतारे जाएंगे, जिससे दोनों ही पार्टियां मजबूत होंगी और विरोधी दलों को टक्कर दी जा सकेगी.
निकाय चुनाव में जनता से सीधे जुड़े मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय लोकदल के नेता घोषणापत्र तैयार करने में जुट गए हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय बताते हैं कि राष्ट्रीय लोकदल शुरुआत से ही जनता, गरीबों और किसानों के मुद्दे प्रमुखता से सरकार के सामने उठाती रही है. विधानसभा चुनावों में भी अपने घोषणापत्र में गरीब, बेरोजगार और किसान को ही पार्टी ने सबसे पहले रखा है और अब स्थानीय निकाय चुनाव में नगरीय जनता की समस्याओं को विशेष तौर से उठाया जाएगा. उनकी समस्या का समाधान कराने के लिए राष्ट्रीय लोक दल संघर्ष करेगा.
आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय बताते हैं कि नगरीय क्षेत्रों में लोगों को टैक्स के नाम पर ठगा जा रहा है. हाउस टैक्स, वाटर टैक्स और सीवर टैक्स के नाम पर अलग-अलग टैक्स की वसूली की जा रही है. नगरीय क्षेत्र के हजारों लाखों घरों में वाटर टैक्स की सप्लाई भी नहीं हो रही है और वाटर टैक्स वसूला जा रहा है. सरकार हाउस टैक्स, वाटर टैक्स लगातार बढ़ाती जा रही है. आखिर तीन अलग-अलग टैक्स क्यों वसूल किए जा रहे हैं. इनकी जगह एक ही टैक्स क्यों नहीं? राष्ट्रीय लोक दल हजारों लाखों लोगों की इस समस्या को निकाय चुनाव में प्रमुखता से अपनी मांगों में शामिल करेगा.
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