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लखनऊ में दुराचार के आरोपी को बीस साल का कारावास

नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने के आरोपी को कोर्ट ने 20 साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है.

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Published : Jun 23, 2023, 7:50 PM IST

लखनऊः ट्रेन में सफर कर रही नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने के आरोपी वसीम उर्फ छोटू को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय ने बीस वर्ष के कठोर कारावास एवं बीस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.


एडीजीसी सुखेन्द्र प्रताप सिंह व देवेश कुमार ने बहस के दौरान अदालत को बताया कि वादी अपनी पुत्री के साथ दिल्ली से दानापुर बिहार जा रहा था, उसी दौरान जब ट्रेन चारबाग स्टेशन पर पहुंची तो उसे नींद आ गई और वह सो गया. अदालत को बताया गया कि वादी के सो जाने पर अभियुक्त उसकी पुत्री को लेकर ट्रेन से चला गया जिसकी काफी तलाश की गई परंतु जब वह नहीं मिली तब वादी ने लखनऊ आकर 27 नवम्बर 2019 को जीआरपी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.

मुकदमे की सुनवाई के दौरान वादी ने अभियुक्त को अदालत में देखकर पहचाना कि यह वही व्यक्ति है जो घटना के समय उसकी पुत्री को ले जाते हुए सीसीटीवी कैमरे में दिखाई पड़ा था. अदालत के समक्ष गवाही के दौरान पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि अभियुक्त उसे ट्रेन से बहला-फुसलाकर ले गया था तथा उसके साथ जबरन दुराचार किया. पुलिस ने विवेचना दौरान काफी प्रयासों के बाद 11 दिसंबर 2019 को लगभग डेढ़ माह बाद पीड़िता को बरामद किया था. अदालत ने कहा कि अभियुक्त द्वारा गंभीर अपराध किया गया है तथा उसे कारावास की सजा के साथ-साथ अर्थ दंड की सजा से भी दंडित किया जाना न्यायोचित होगा.

ये भी पढ़ेंः 10 साल छोटे व्यक्ति से मां ने की शादी, आपत्तिजनक हालत देखकर बेटे ने उठाया खौफनाक कदम

लखनऊः ट्रेन में सफर कर रही नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने के आरोपी वसीम उर्फ छोटू को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय ने बीस वर्ष के कठोर कारावास एवं बीस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.


एडीजीसी सुखेन्द्र प्रताप सिंह व देवेश कुमार ने बहस के दौरान अदालत को बताया कि वादी अपनी पुत्री के साथ दिल्ली से दानापुर बिहार जा रहा था, उसी दौरान जब ट्रेन चारबाग स्टेशन पर पहुंची तो उसे नींद आ गई और वह सो गया. अदालत को बताया गया कि वादी के सो जाने पर अभियुक्त उसकी पुत्री को लेकर ट्रेन से चला गया जिसकी काफी तलाश की गई परंतु जब वह नहीं मिली तब वादी ने लखनऊ आकर 27 नवम्बर 2019 को जीआरपी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.

मुकदमे की सुनवाई के दौरान वादी ने अभियुक्त को अदालत में देखकर पहचाना कि यह वही व्यक्ति है जो घटना के समय उसकी पुत्री को ले जाते हुए सीसीटीवी कैमरे में दिखाई पड़ा था. अदालत के समक्ष गवाही के दौरान पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि अभियुक्त उसे ट्रेन से बहला-फुसलाकर ले गया था तथा उसके साथ जबरन दुराचार किया. पुलिस ने विवेचना दौरान काफी प्रयासों के बाद 11 दिसंबर 2019 को लगभग डेढ़ माह बाद पीड़िता को बरामद किया था. अदालत ने कहा कि अभियुक्त द्वारा गंभीर अपराध किया गया है तथा उसे कारावास की सजा के साथ-साथ अर्थ दंड की सजा से भी दंडित किया जाना न्यायोचित होगा.

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