लखनऊ : रेप के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय के मामले में करीब एक साल से निलंबित चल रहे डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल की गिरफ्तारी के बाद यूपी सरकार ने एक और बड़ी कार्रवाई की है. गुरुवार शाम शासन ने लापरवाही बरतने के आरोप में एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी निलंबित कर दिया है. विकास चंद्र त्रिपाठी वाराणसी में एसपी सिटी के पद पर तैनात थे.
विकास चंद्र त्रिपाठी तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक वाराणसी और अपर पुलिस आयुक्त काशी जोन के संबंध में निम्न निष्कर्ष दो सदस्य समिति की जांच में सामने आया था कि एडीसीपी विकास त्रिपाठी द्वारा संवेदनशील प्रकरण में जांच को तीन महीने तक लंबित रखा. इसके बाद और उसके बाद अभियोग पंजीकृत किया गया. इसके अलावा सांसद अतुल राय पर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच विकास चंद्र त्रिपाठी को दी गई थी, लेकिन इन्होंने जांच पूरी नहीं की और न ही पीड़िता की समस्या के निस्तारण की कोशिश की. यह लापरवाही का परिचायक है. 15 सितम्बर को कोर्ट ने तत्कालीन एडीसीपी विकास चंद्र त्रिपाठी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिन का वक्त दिया था. जिसका जवाब दाखिल करने के बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया.
मूल रूप से बलिया की रहने वाली पीड़िता मऊ के घोसी लोकसभा सीट से बीेएसपी सांसद अतुल राय पर आरोप लगाए थे की अतुल राय ने 7 मार्च 2018 को उसे वाराणसी के लंका स्थित अपने फ्लैट में पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था. लेकिन, वहां पहुंचने पर अतुल राय और उनके साथियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो भी बनाया. पीड़िता वाराणसी के यूपी कॉलेज की छात्रा थी. पीड़िता की शिकायत के बाद जब अतुल राय के खिलाफ केस दर्ज नहीं हुआ तो उसने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई थी. इसके बाद दबाव में वाराणसी पुलिस ने 1 मई 2019 को लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया किया था. इसके बाद बसपा सांसद अतुल राय ने 22 जून 2019 को वाराणसी की अदालत में समर्पण कर दिया था. इसी मामले में अतुल राय प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं.
इसी प्रकरण में अतुल राय के पिता भरत सिंह की शिकायत के आधार पर तत्कालीन भेलूपुर सीओ रहे अमरेश सिंह बघेल ने जांच की थी. अमरेश सिंह बघेल ने अतुल राय को क्लीन चिट देकर दुष्कर्म के केस की फिर से विवेचना की संस्तुति की थी. इसके साथ ही कोर्ट में भी अमरेश सिंह बघेल ने अतुल राय के पक्ष में गवाही दी थी. इस प्रकरण में प्रदेश सरकार ने अमरेश सिंह बघेल को 30 दिसंबर 2020 को निलंबित करके उनके खिलाफ प्रयागराज के आईजी रेंज को विभागीय जांच सौंपी थी. इसके बाद अफसरों के निर्देश पर वाराणसी की क्राइम ब्रांच को अमरेश की धरपकड़ का जिम्मा सौंपा गया. बुधवार की देर रात सर्विलांस की मदद से अमरेश की लोकेशन बाराबंकी जिले में हैदरगढ़ स्थित टोल प्लाजा के समीप मिली. इसके बाद घेरेबंदी कर उन्हें पकड़ लिया गया और वाराणसी लाया गया.
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आपको बता दें कि बीते 16 अगस्त को दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के बाहर दुष्कर्म पीड़िता ने इस मामले के चश्मदीत गवाह के साथ आत्मदाह कर प्रयास किया. जिसके बाद दोनों को गंभीर हालत में दिल्ली के ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 9 दिन बाद दोनों की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया.
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