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योगी के बयान पर रामगोविंद का सवाल: लोकतंत्र सेनानियों को कहां से दे रहे हैं पेंशन? - सीएए और एनपीआर

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोविन्द चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि सपा के नेता सरकार में आने पर सीएए का विरोध करने वालों को पेंशन देने की बात कह रहे हैं. रामगोविन्द चौधरी ने सीएम के इस बयान पर कड़ा एतराज जताया है.

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रामगोविन्द चौधरी
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Published : Jan 9, 2020, 9:25 AM IST

Updated : Jan 9, 2020, 9:34 AM IST

लखनऊः समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर सीएए का विरोध करने वाले लोगों को पेंशन दिए जाने के बयान पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि सीएए और एनपीआर के खिलाफ चल रहा आन्दोलन आजादी की तीसरी लड़ाई है. उन्होंने कहा कि हम समाजवादियों को देख कर ही मध्य प्रदेश की तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सरकारी कोष से इमरजेंसी में बंद लोगों को लोकतंत्र सेनानी के तौर पर पैसे दिए थे.

आवाज दबाने की हो रही कोशिश
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार लगातार जनआन्दोलन का शिकार हो रही है, लेकिन लोगों की आवाज लगातार इमरजेंसी की तरह दबाने की कोशिश हो रही है. रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि सीएम अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उन्होने सवाल किया कि आखिर मौजूदा बीजेपी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन में पांच हजार रुपये प्रतिमाह की बढ़ोतरी क्यों की है?

इसे भी पढ़ेंः-योगी डिफाल्टरों के लिए लाएंगे वन टाइम सेटलमेंट योजना: सीएम योगी

पेंशन की राशि नहीं होती निजी
रामगोविंद ने कहा कि पेंशन की राशि निजी नहीं होती है. अगर समाजवादी लोग सीएम की भाषा में उन्हें जवाब देने लगें तो कैसा रहेगा? उन्होंने कहा कि हम लोग ऐसी भाषा नहीं बोल सकते हैं, लेकिन अगर कोई पलट कर पूछ ले कि जो लोकतंत्र सेनानियों को बढ़ा हुआ पांच हजार रुपया दिया जा रहा है क्या वह अपने पिताजी के घर से दे रहे हैं? उन्होंने पूछा कोई भी अनुदान देते हैं तो क्या वे अपने पिताजी के घर से दे रहे हैं.

इमरजेंसी के दौरान मुलायम सिंह ने दी थी पेंशन
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में सबसे ज्यादा समाजवादी, आरएसएस और बीजेपी के लोग जेल में बंद थे. उनके नेता मुलायम सिंह ने ही इन सभी को लोकतंत्र सेनानी के रूप में पेंशन देने की व्यवस्था की. जब मुलायम सिंह ने पेंशन दी थी तब आरएसएस और बीजेपी के लोगों ने नेता जी को सम्मानित किया था. बीजेपी जब पेंशन की राशि बढ़ाती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है.

लखनऊः समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर सीएए का विरोध करने वाले लोगों को पेंशन दिए जाने के बयान पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि सीएए और एनपीआर के खिलाफ चल रहा आन्दोलन आजादी की तीसरी लड़ाई है. उन्होंने कहा कि हम समाजवादियों को देख कर ही मध्य प्रदेश की तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सरकारी कोष से इमरजेंसी में बंद लोगों को लोकतंत्र सेनानी के तौर पर पैसे दिए थे.

आवाज दबाने की हो रही कोशिश
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार लगातार जनआन्दोलन का शिकार हो रही है, लेकिन लोगों की आवाज लगातार इमरजेंसी की तरह दबाने की कोशिश हो रही है. रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि सीएम अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उन्होने सवाल किया कि आखिर मौजूदा बीजेपी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन में पांच हजार रुपये प्रतिमाह की बढ़ोतरी क्यों की है?

इसे भी पढ़ेंः-योगी डिफाल्टरों के लिए लाएंगे वन टाइम सेटलमेंट योजना: सीएम योगी

पेंशन की राशि नहीं होती निजी
रामगोविंद ने कहा कि पेंशन की राशि निजी नहीं होती है. अगर समाजवादी लोग सीएम की भाषा में उन्हें जवाब देने लगें तो कैसा रहेगा? उन्होंने कहा कि हम लोग ऐसी भाषा नहीं बोल सकते हैं, लेकिन अगर कोई पलट कर पूछ ले कि जो लोकतंत्र सेनानियों को बढ़ा हुआ पांच हजार रुपया दिया जा रहा है क्या वह अपने पिताजी के घर से दे रहे हैं? उन्होंने पूछा कोई भी अनुदान देते हैं तो क्या वे अपने पिताजी के घर से दे रहे हैं.

इमरजेंसी के दौरान मुलायम सिंह ने दी थी पेंशन
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में सबसे ज्यादा समाजवादी, आरएसएस और बीजेपी के लोग जेल में बंद थे. उनके नेता मुलायम सिंह ने ही इन सभी को लोकतंत्र सेनानी के रूप में पेंशन देने की व्यवस्था की. जब मुलायम सिंह ने पेंशन दी थी तब आरएसएस और बीजेपी के लोगों ने नेता जी को सम्मानित किया था. बीजेपी जब पेंशन की राशि बढ़ाती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है.

Intro:योगी के बयान पर बोले रामगोविंद: लोकतंत्र सेनानियों को कहां से दे रहे हैं पेंशन!

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि सपा के नेता सरकार में आने पर सीएए का विरोध करने वालों को पेंशन देने की बात कह रहे हैं, जैसे पैसा उनके पूर्वजों ने कमाकर दिया है। रामगोविन्द चौधरी ने सीएम के इस बयान पर कड़ा एतराज जताया है।

Body:रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि सीएम अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होने सवाल किया कि आखिर मौजूदा बीजेपी सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन में 5 हजार रुपये प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी क्यों की है? पेंशन की राशि निजी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अगर समाजवादी लोग सीएम की भाषा में उन्हे जवाब देने लगे तो कैसा रहेगा? उन्होंने कहा कि हम लोग ऐसी भाषा नहीं बोल सकते हैं, लेकिन अगर कोई पलट कर पूछ ले कि जो लोकतंत्र सेनानियों को बढा हुआ 5 हजार रुपया दिया जा रहा है क्या वो अपने पिताजी के घर से दे रहे हैं? कोई भी अनुदान देते है क्या वो अपने पिताजी के घर से दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में सबसे ज्यादा समाजवादी, आरएसएस और बीजेपी के लोग जेल में बंद थे। उनके नेता मुलायम सिंह ने ही इन सभी को लोकतंत्र सेनानी के रुप में पेंशन देने की व्यवस्था की। जब मुलायम सिंह ने पेंशन दी थी आरएसएस औऱ बीजेपी के लोगों ने नेता जी को सम्मानित किया था। बीजेपी जब पेंशन की राशि बढाती है तो उन्हे कोई दिक्कत नहीं होती है।

Conclusion:उन्होंने समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर सीएए का विरोध करने वाले लोगों को पेंशन दिए जाने के बयान पर कहा कि सीएए और एनपीआर के खिलाफ चल रहा आन्दोलन आजादी की तीसरी लड़ाई है। कहा कि हम समाजवादियों को देख कर ही मध्यप्रदेश की तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने सरकारी कोष से इमरजेंसी में बंद लोगों को लोकतंत्र सेनानी के तौर पर पैसे दिए थे। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार जन आन्दोलन का शिकार हो रही है, लेकिन लोगों की आवाज लगातार इमरजेंसी की तरह दबाने की कोशिश हो रही है।


अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
Last Updated : Jan 9, 2020, 9:34 AM IST
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