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यूपी-राजस्थान पुलिस में झड़प की घटना निंदनीय, केंद्रीय नेतृत्व से करेंगे बात: राजेंद्र राठौड़

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने प्रवासी श्रमिकों को लेकर यूपी और राजस्थान पुलिस में हुई झड़प की निंदा की है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वे केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करेंगे.

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर.
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Published : May 12, 2020, 11:06 AM IST

जयपुर: कोरोना संकट के इस काल में प्रवासी श्रमिकों के यूपी के रास्ते बिहार-झारखंड जाने की घटना को लेकर यूपी और राजस्थान पुलिस में झड़प हो गई थी. इस घटना की प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने निंदा की है और इस पूरी घटना को लेकर केंद्रीय आलाकमान से चर्चा कर दखल देने की बात भी कही है. राठौड़ के अनुसार इस तरह की घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है.

जानकारी देते राजेंद्र राठौड़.

राठौड़ ने कहा कि श्रमिक तो श्रमिक होते हैं. ऐसे में यदि वे राजस्थान से उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार और झारखंड जाना चाह रहे थे, तो उनको यूपी पुलिस द्वारा रोका जाना गलत था. राठौड़ के अनुसार यूपी पुलिस और प्रशासन इन मजदूरों को कोरोना का संक्रमण न फैले, इसके लिए सुरक्षा के लिहाज से नियम अनुसार आगे यात्रा करने की हिदायत दे सकती थी, लेकिन उन्हें यह कहकर रोक देना कि उनके पास उत्तर प्रदेश का आधार कार्ड नहीं है, ये बिल्कुल गलत है.

यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश और राजस्थान पुलिस की तकरार का वीडियो वायरल

गौरतलब है कि रविवार को भरतपुर में रारह बॉर्डर पर प्रवासियों को लेकर यूपी और राजस्थान पुलिस में झड़प हो गई थी. यूपी में अपने मजदूरों के अलावा बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों के मजदूरों को प्रवेश नहीं देने के मामले में दोनों ही प्रदेशों की पुलिस आमने-सामने हो गई थी और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी. हालांकि बाद में भरतपुर एसपी और कलेक्टर ने यूपी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा कर इस मामले को शांत कराया, लेकिन बिहार-झारखंड के मजदूरों को भरतपुर बॉर्डर पर ही रोकना पड़ा था.

जयपुर: कोरोना संकट के इस काल में प्रवासी श्रमिकों के यूपी के रास्ते बिहार-झारखंड जाने की घटना को लेकर यूपी और राजस्थान पुलिस में झड़प हो गई थी. इस घटना की प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने निंदा की है और इस पूरी घटना को लेकर केंद्रीय आलाकमान से चर्चा कर दखल देने की बात भी कही है. राठौड़ के अनुसार इस तरह की घटना की जितनी निंदा की जाए वह कम है.

जानकारी देते राजेंद्र राठौड़.

राठौड़ ने कहा कि श्रमिक तो श्रमिक होते हैं. ऐसे में यदि वे राजस्थान से उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार और झारखंड जाना चाह रहे थे, तो उनको यूपी पुलिस द्वारा रोका जाना गलत था. राठौड़ के अनुसार यूपी पुलिस और प्रशासन इन मजदूरों को कोरोना का संक्रमण न फैले, इसके लिए सुरक्षा के लिहाज से नियम अनुसार आगे यात्रा करने की हिदायत दे सकती थी, लेकिन उन्हें यह कहकर रोक देना कि उनके पास उत्तर प्रदेश का आधार कार्ड नहीं है, ये बिल्कुल गलत है.

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गौरतलब है कि रविवार को भरतपुर में रारह बॉर्डर पर प्रवासियों को लेकर यूपी और राजस्थान पुलिस में झड़प हो गई थी. यूपी में अपने मजदूरों के अलावा बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों के मजदूरों को प्रवेश नहीं देने के मामले में दोनों ही प्रदेशों की पुलिस आमने-सामने हो गई थी और नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी. हालांकि बाद में भरतपुर एसपी और कलेक्टर ने यूपी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा कर इस मामले को शांत कराया, लेकिन बिहार-झारखंड के मजदूरों को भरतपुर बॉर्डर पर ही रोकना पड़ा था.

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